रविवार, 18 दिसंबर 2011

विदेशों में छाए म्हारे किसान

कीटनाशक रहित खेती को बढ़ावा देने के लिए छेड़ी मुहिम
इंटरनेट पर महिला खेत पाठशाला नामक ब्लॉग पर लिखी गई जानकारी।
नरेंद्र कुंडू
जींद।
  निडाना गांव की किसान खेत पाठशाला में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे किसानों ने देश ही नहीं विदेशों में भी धूम मचा दी। किसानों द्वारा मित्र कीटों की पहचान कर कीटनाशक रहित खेती को बढ़ावा देने के बारे में ब्लॉग पर लिखी गई जानकारियों में विदेशी लोग भी रूचि ले रहे हैं। ठेठ हरियाणवी भाषा में ब्लॉग लिखे जाने के बावजूद भी भारत सहित अन्य देशों से 10589 लोग इन ब्लॉगों को पढ़ चुके हैं। इसके अलावा किसानों द्वारा यू-ट्यूब पर डाली गई कीटों के क्रिया क्लापों की लाइव वीडियों को भारत सहित अन्य देशों के 51845 लोग देख चुके हैं। यू-ट्यूब पर डाली गई वीडियो को सबसे ज्यादा अमेरीका के लोगों द्वारा देखा जा रहा है। 45 से 54 आयु वर्ग के लोग इनमें सबसे ज्यादा रूचि ले रहे हैं। इन किसानों द्वारा अब तक 77 प्रकार के कीटों की पहचान की जा चुकी है। ताज्जूब की बात तो यह है कि ब्लॉग पर किसानों द्वारा लिखे गए सवालों का जवाब देने में वैज्ञानिक भी असमर्थ हैं। किसानों के इस कारनामे से निडाना गांव की किसान खेत पाठशाला के चर्चे विदेशों में चल रहे हैं।
निडाना गांव की किसान खेत पाठशाला में प्रशिक्षित हुए किसान आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी धाक जमाए हुए हैं। इन किसानों के पास न तो किसी प्रकार की डिग्री है और न ही इन्हें किसी वैज्ञानिक द्वारा कोई विशेष ट्रेनिंग दी गई है। इन्होंने यह सब सौहरत सिर्फ अपनी मेहनत के बलबुते पर हासिल की है। जिस कारण आज ये किसान अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन चुके हैं। जमाने के साथ कदम से कदम मिलाते हुए ये किसान इंटरनेट से जुड़ कर हाईटेक हो चुके हैं और इंटरनेट पर ब्लॉग लिखकर ये अन्य किसानों को भी  जागरूक कर रहे हैं। अब तक ये किसान 77 प्रकार के शाकाहारी व मासाहारी कीटों की पहचान कर फसल पर इनके सकारात्मक व नकारात्मक परिणामों के बारे में खोज कर चुके हैं। इस मुहिम के पीछे किसानों का उद्देश्य मित्र कीटों की पहचान कर कीटनाशक रहित खेती को बढ़ावा देना है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में खेती के ढांचे को सुधारने तथा किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए बनाए गए किसान आयोग को भी ये किसान ब्लॉग के माध्यम से अपने सुझाव भेज रहे हैं।
किस-किस नाम से बनाए गए हैं ब्लॉग
प्रशिक्षित किसानों ने अन्य किसानों को प्रेरित करने के लिए 2009 में डा. सुरेंद्र दलाल के नेतृत्व में ब्लॉग लिखने शुरू किए थे। सबसे पहले ‘प्रभात कीट पाठशाला’ के नाम से ब्लॉग बनाया। इस ब्लॉग में कीटों की पहचान कर उनके क्रिया क्लापों के बारे व फसल पर इनके नकारात्मक व सकारात्मक परिणाम के बारे में विस्तार से जानकारी लिखनी शुरू की। इस ब्लॉग को अभी तक देश व विदेशों में 6582 लोग पढ़ चुके हैं। इसके बाद महिला किसानों ने ‘महिला खेत पाठशाला’ के नाम से ब्लॉग बनाया। इस ब्लॉग में महिला किसान खेत पाठशाला में प्राप्त किए गए प्रशिक्षण व अन्य जानकारी के बारे में लिखती हैं। इस ब्लॉग को अभी तक देश व विदेशों में 4004 लोग पढ़ चुके हैं। इसके बाद ‘कृषि चौपाल’ के नाम से एक ब्लॉग ओर बनाया गया। इस ब्लॉग में किसानों द्वारा खेती पर की गई बहस व उसके परिणामों के बारे में जानकारी देते हैं। इसके अलावा किसान रणबीर मलिक द्वारा ‘निडाना गांव के गौरे से’ तथा मनबीर द्वारा ‘नौगामा’ नाम से ब्लॉग लिखे जाते हैं। ‘निडाना गांव के गौर से’ नामक ब्लॉग में रणबीर द्वारा निडाना गांव में चल रही किसान पाठशाला की गतिविधियों व ‘नौगाम’ नामक ब्लॉग में मनबीर द्वारा गांवों के किसानों की समस्याओं के बारे में चर्चा की जाती है। इन ब्लॉगों में सहलेखक रणबीर मलिक, मनबीर रेढू, रतन सिंह, मीनी मलिक, सुदेश मलिक, डा. श्वेता, डा. जयपाल सिंह द्वारा सभी किसानों के विचार सांझा किए जाते हैं।
अमेरीका के लोग दिखा रहे हैं सबसे ज्यादा रूचि
किसान खेत पाठशाला में प्रशिक्षण के दौरान बनाई गई कीटों की वीडियो को किसानों ने 22 नवंबर 2008 से यू-ट्यूब पर डालना शुरू किया। इन किसानों द्वारा अब तक कीटों के क्रिया क्लापों की सैंकड़ों वीडियो यू-ट्यूब पर डाली जा चुकी हैं। जिन्हें देश ही नहीं विदेशों के लोग भी पसंद कर रहे हैं। यू-ट्यूब पर डाली गई वीडियो को अब तक 51845 लोग देख चुके हैं। जिनमें 80.2 प्रतिशत पुरुष व 19.8 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। बुद्धिजीवी वर्ग के दायरे में आने वाले 45 से 54 आयु वर्ग के लोग इनमें सबसे ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं। कीटों की इस वीडियो को सबसे ज्यादा अमेरीका के लोगों द्वारा देखा जा रहा है। इसके अलावा इन किसानों द्वारा याहू की फ्लीकर पर भी  77 से ज्यादा किस्म के कीटों के फोटो डाले जा चुके हैं।
किस-किस देश में पढ़े जा रहे हैं ब्लॉग
देश का नाम    पढ़ने वालों की संख्या
भारत            2972
अमेरीका         760
जर्मनी             568
रसिया             438
नीदरलेंड          224
औकरेन           144
फ्रांस                136
इंगलेंड               89
इज्राइल             79
ब्राजिल              72
नोट : यह आंकडे सिर्फ प्रभात कीट पाठशाला में अलग-अलग देशों के लोगों द्वारा पढ़े गए ब्लॉग के हैं। महिला खेत पाठशाला व यू-ट्यूब के आंकड़े इससे अलग हैं।

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