गुरुवार, 5 जुलाई 2012

‘लाडो’ को बचाने के लिए मैदान में आएंगी प्रदेश की पंचायतें

गर्भवती महिलाओं पर नजर रखने के लिए गांव में बनाई जाएंगी कमेटियां

नरेंद्र कुंडू  
जींद। प्रदेश की ग्राम पंचायतें अब विकास कार्यों के साथ-साथ कन्या भ्रूण हत्या के विरोध में भी खड़ी नजर आएंगी। अधिक से अधिक महिलाओं को इस मुहिम से जोड़ने के लिए सभी पंचायतों को हाईटैक पंचायत बीबीपुर की तर्ज पर महिला ग्राम सभा का आयोजन भी करना होगा। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं पर नजर रखने के लिए पंचायत द्वारा गांव में वार्ड स्तर पर कमेटियों का गठन भी किया जाएगा। इन कमेटियों की पूरी कार्रवाई पंचायत की निगरानी में चलेगी। पंचायत द्वारा कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए की जाने वाली सभी कार्रवाइयों को पंचायत द्वारा अपने कारवाही रजिस्टर में कलमबद्ध करना होगा। प्रदेश में इस मुहिम को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए पंचायती राज मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने प्रदेश के पंचायती राज विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव को पत्र जारी कर जल्द से जल्द इस मुहिम पर काम शुरू करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं।
आईटी विलेज बीबीपुर की पंचायत द्वारा कन्या भ्रूण हत्या के विरोध में शुरू की गई लड़ाई ने अब युद्ध का रुप धारण कर लिया है। गौरतलब है कि बीबीपुर पंचायत की उपलब्धियों को देखते हुए पंचायती राज मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. ऋषिकेश पांडा ने 29 मई को बीबीपुर गांव का दौरा किया था। यहां उन्होंने महिलाओं के समक्ष पंचायत में अपनी भागीदारी करने तथा महिला ग्राम सभा की बैठक करने की बात कही थी। अतिरिक्त सचिव के दिशा-निर्देशों पर गांव के सरपंच सुनील जागलान ने 18 जून को गांव में पहली महिला ग्राम सभा का आयोजन करवाया था। महिला ग्राम सभा का मुख्य एजेंडा कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ महिलाओं को जोड़ना था। इस ग्राम सभा में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए सबसे पहले गर्भवती महिलाओं पर कड़ी नजर रखना था। जिसके लिए पंचायत ने गर्भवती महिलाओं पर नजर रखने तथा उनका पंजीकरण करने के लिए गांव में वार्ड स्तर पर कमेटियों का गठन किया था। बीबीपुर पंचायत द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद यह मुद्दा पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था। जिस पर पंचायती राज मंत्रालय ने भी गहन मंथन किया था। अब पंचायती राज मंत्रालय ने पूरे हरियाणा प्रदेश की ग्राम पंचायतों को आईटी विलेज बीबीपुर के नकशे कदम पर चलाने के निर्देश दिए हैं। पंचायती राज मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. ऋषिकेश पांडा ने प्रदेश के पंचायती राज विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव को पत्र लिखकर कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए पंचायतों की मुख्य भूमिका निभाने की जिम्मेदारी देने के लिए कहा है। इसके तहत पंचायतें अपने गांवों में महिला ग्राम सभा का आयोजन कर अधिक से अधिक महिलाओं को इस मुहिम में जोड़ने का काम करेंगी। इसके बाद ये महिलाएं गांवों में वार्ड स्तर पर कमेटियां बनाकर गर्भवती महिलाओं पर नजर रखेंगी। कमेटियों द्वारा पंचायत को दी गई रिपोर्ट को पंचायत को अपने कारवाही रजिस्टर में दर्ज करना इसका पूरा रिकार्ड तैयार करना होगा।

भविष्य में सकारात्मक परिणाम आएंगे सामने

कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए पंचायती राज मंत्रालय द्वारा जो निर्णय लिया गया है वह काफी सराहनीय है। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए ग्राम पंचायतों का अहम योगदान रहेगा। अब तक यह मुहिम केवल कागजों में ही चल रही थी, लेकिन पंचायती राज मंत्रालय के इस निर्णय के बाद यह मुहिम वास्तव में धरातल पर शुरू हो सकेगी। भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
सुनील जागलान, सरपंच
ग्राम पंचायत बीबीपुर, जींद

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