गुरुवार, 12 जुलाई 2012

खुले पड़े मौत के बोरवेल

नरेंद्र कुंडू
जींद।
अभी हाल ही में गुड़गांव में बोरवले में फंसने के कारण हुई 5 वर्षीय माही की मौत ने भले ही हर किसी की आंखें खोल दी हों , लेकिन इतने बड़े हादसे के बाद भी जिला प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है। इससे यह बात साफ हो रही है कि जिला प्रशासन ने माही की मौत से भी कोई सबक नहीं लिया है। सरकार द्वारा खुले बोरवेलों को बंद करने के आदेशों के बाद  जिला प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। शायद प्रशासन को अभी और बच्चों को भी प्रिंस और माही बनने का इंतजार है। इसलिए तो जिला प्रशासन ने जिले में खुले बोरवेलों को बंद करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। शायद प्रशासनिक अधिकारियों को नरवाना के नेहरु पार्क में खुले बोरवेल व सीवरेज के मेनहाल दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। पार्क में खुले पड़े ये बोरवेल व मेनहाल कभी भी किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकते हैं। शहर के हजारों लोग हर रोज सुबह-शाम यहां अपने बच्चों के साथ घूमने के लिए आते हैं। जिस कारण यहां जरा सी लापरवाही दोबारा फिर गुड़गांव या अंबाला के हादसे को ताजा कर सकती है। सार्वजनिक स्थान पर खुले पडे इस बोरवेल व मेनहाल ने प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
देश में खुले बोरवेल के कारण हो रहे हादसों से प्रशासन सबक नही ले रहा। पिछले दिनों गुड़गांव में बोरवेल में गिरने से 5 वर्षीय माही की मौत के बाद तो प्रदेश सरकार ने खुले पड़े बोरवेलों को बंद करने के आदेश जारी किए थे। खुले बोरवेलों को बंद करने के साथ-साथ सरकार ने खुले बोरवेल की जानकारी देने वाले को ईनाम तक देने की भी घोषणा की थी। इतना ही नहीं बिना अनुमति के बोरवले खोदने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन सरकार के आदेशों के बावजूद भी नरवाना के नेहरू पार्क में खुला बोरवेल व सीवरेज का खुला मेनहाल कभी भी अंबाला व गुड़गांव के हादसे को दोहरा सकता है। यहां के अधिकारियों पर तो जब सैईयां भैये कोतवाल तो डर काहे का वाली कहावत स्टीक बैठ रही है। क्योंकि नरवाना का पुराना वाटर वर्कस व नेहरू पार्क एक साथ लगते हैं और जिसके रख-रखाव की जिम्मेवारी खुद जन स्वास्थ्य विभाग की है। शहर का एकमात्र पार्क होने के कारण यहां पर सुबह-शाम शहर से सैकड़ों की संख्या में नन्हे-मुन्ने बच्चे अपने माता-पिता के साथ सैर करने के लिए आते हैं तथा पार्क में आकर मौज-मौस्ती करते हैं। ऐसे में पार्क में खुले बोरवेल व मेनहोल किसी बड़े हादसे को निमंत्रण दे सकते हैं। शायद अधिकारियों को इस बात का भी अंदाजा नहीं कि उनकी जरा सी लापरवाही किसी माता-पिता के लिए उम्र भर की सजा बन सकती है।

उनकी जानकारी में नहीं है सूचना

इस बारे में जब जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता ऐके पाहवा से बातचीत की गई तो उनका वही रटा-रटाया जवाब मिला कि इसके बारे में उनको जानकारी नही है। यह मामला अभी उनकी जानकारी में आया है। खुले पड़े इस बोरवेल व सीवरेज के मेनहाल को तुरंत बंद करवा दिया जाएगा।

नेहरू पार्क में खुला छोड़ा गया बोरवेल

 नेहरू पार्क में खुला छोड़ा गया सीवरेज का खुला मेन हॉल।

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