गुरुवार, 12 जुलाई 2012

महापंचायत में ‘नायक’ की भूमिका निभाएंगी खाप पंचायतें

खापों की छवि पर लगे तालिबानी के दाग को धोने के लिए उठाया कदम

नरेंद्र कुंडू  
जींद। तुगलकी फरमान जारी करने तथा तालिबानी के नाम से जानी जाने वाली उत्तर भारत की खाप पंचायतें अब कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ मोर्चा खोलकर दुनिया को अपना सामाजिक चेहरा दिखाएंगी। इसके लिए 14 जुलाई को बीबीपुर गांव के राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में एक सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इस महापंचायत में पूरे उत्तर भारत की तमाम खापों के चौधरी भाग लेंगे तथा कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए सर्व सम्मति से फैसला कर अपना फतवा जारी करेंगे। इस मुहिम से जुड़ने के बाद जहां खाप पंचायतों का एक नया चेहरा दुनिया के सामने आएगा, वहीं खाप पंचायतें एक अलग इतिहास रच कर दूसरी खाप पंचायतों के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी बनेंगी। खाप पंचायतों के अलावा गांव की महिलाएं भी इस महापंचायत में एक अहम रोल अदा करेंगी। जिन महिलाओं पर पंचायत में बोलने पर प्रतिबंध होता था, वही महिलाएं गीतों व नाटक के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या पर कटाक्ष कर चौधरियों से न्याय की गुहार लगाएंगी।    

उदय सिंह मान व राजराम मील ने भी स्वीकारा निमंत्रण

14 जुलाई को बीबीपुर गांव के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में होने वाले सर्व खाप महापंचायत में 103 बसंत देख चुके रोहतक निवासी उदय सिंह मान भी शिरकत करेंगे। यह उदय सिंह मान और कोई नहीं बल्कि वही हैं, जो बंसीलाल सरकार में चंडीगढ़ को पंजाब में मिलाने की कोशिश के दौरान प्रदेश की खाप पंचायतों के प्रतिनिधि के रूप में 47 दिन तक भूख हड़ताल पर बैठे थे। रोहतक निवासी उदय सिंह मान ने बीबीपुर गांव की पंचायत द्वारा 14 जुलाई के भेजे गए सर्व खाप महापंचायत के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। 103 वर्षीय उदय सिंह मान अपने पोते राजीव मान के साथ महापंचायत में शिरकत करेंगे। वहीं महापंचायत में आने के लिए राजस्थान की जाट महासभा के प्रधान राजाराम मील ने भी हामी भर दी है। वह भी अपने प्रतिनिधियों के साथ 14 जुलाई को बीबीपुर गांव में होने वाली महापंचायत में शिरकत करेंगे।

दो मिनट का ही मिलेगा समय

14 जुलाई को बीबीपुर गांव में होने वाली सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत में पूरे उत्तर भारत से 150 खाप प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। महापंचायत के आयोजन का मुख्य एजेंडा गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए कोई ठोस निर्णय लेना है। सरपंच सुनील जागलान ने बताया कि पंचायत में सभी प्रतिनिधियों को अपने विचार प्रकट करने के लिए सिर्फ दो मिनट का ही समय मिल पाएगा। महापंचायत में खाप पंचायत प्रतिनिधियों की संख्या को देखते हुए समय सीमा तय की गई है। ताकि सभी प्रतिनिधियों को पंचायत के सामने अपने विचार रखने का मौका मिल सके।

नाटक व गीतों के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या पर करेंगी कटाक्ष

महापंचायत में खाप चौधरियों के सामने अपने विचार रखने के लिए गांव की महिलाएं तैयारियों में जुटी हुई हैं। महिलाओं को ट्रेंड करने के लिए सरपंच की बहन रीतू जागलान हर रोज महिलाओं को विशेष ट्रेनिंग दे रही है। कन्या भ्रूण हत्या पर के खिलाफ लोगों को जागरुक करने के लिए महिलाओं ने एक लघु नाटक ‘कन्या है अनमोल’ तैयार किया है। नाटक में खुद रीतू जागलान एक जागरुक महिला की भूमिका निभाएंगी। नाटक के साथ-साथ इन महिलाओं ने ‘सुन कन्या की बात देख कै क्यूं रोया निर्भग जगत में आ लेनदे’ गीत भी तैयार किया है। इस गीत के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या करवाने वाले लोगों पर कटाक्ष किया गया है। इस गीत को गांव की ही एक अनपढ़ महिला शीला ने खुद तैयार किया है। इसके अलावा महिलाओं ने ‘एक अजनमी बच्ची की पुकार’ कविता तथा डांस भी तैयार किया है। इस सारे कार्यक्रम के लिए रीतू जागलान 6 लड़कियों व 12 महिलाओं को ट्रेनिंग दे रही है।

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