बुधवार, 22 अगस्त 2012

आखिर कैसे पहुंचेगा माइनरों की टेलों पर पानी

सिंचाई विभाग में कर्मचारियों के टोटे से पानी पर डाका

नरेंद्र कुंडू
जींद।
मानसून की दगाबाजी के बाद सिंचाई विभाग से भी किसानों की उम्मीदें टूटने लगी हैं। नहरी पानी पर जमकर डाका डाला जा रहा है। सिंचाई विभाग में खाली पड़े अधिकारियों व कर्मचारियों के पदों के कारण तो पानी चोरों के हौसलें काफी बुलंद हैं और उनको कोई रोकने वाला तक नहीं है। इसी कारण नहरी पानी चोरी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। नहरी पानी को बीच में ही चुराने के कारण माइनरों की टेलों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। टेल तक पानी नहीं पहुंने के कारण किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। इससे खेतों में खड़ी किसानों की फसलें पानी के अभाव में सुख रही हैं।
मानसून की दगाबाजी की मार झेल रहे किसानों को अब सिंचाई विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों के टोटे की मार भी झेलनी पड़ रही है। विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी के कारण विभाग का कामकाज प्रभावित हो रहा है। सिंचाई विभाग के जुलाना ब्लॉक में रामकली, बराडखेड़ा, जुलाना व मोहला चार सैक्शन हैं। इन चारों सैक्सनों में चार जेई व करीबन 100 बेलदारों के पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा मेट, फील्ड कर्मचारी व तार घर में सिंग्नल कर्मचारियों की भी भारी कमी है। नई भर्ती नहीं होने के कारण कर्मचारियों की कमी से विभाग बुरी तरह से जूझ रहा है। धीरे-धीरे बेलदार, जेई, मेट व फील्ड के कर्मचारी रिटायर्ड हो गए हैं। रिटायर्ड होने व नई भर्ती नहीं होने से विभाग में कर्मचारियों की कमी है। कर्मचारियों की कमी का फायदा पानी चोर धड़ल्ले से उठा रहे हैं। किसान माइनरों व नहरों से पाइप लगाकर खुलेआम पानी चोरी कर रहे हैं। क्योंकि विभाग में कर्मचारियों की कमी के कारण इन्हें पानी चोरी करने से रोकने वाला कोई नहीं है। पानी चोरी के मामलों में हो रही बढ़ोतरी के कारण माइनरों की टेलों तक पानी नहीं पहुंच पाता है। जिसके कारण जिन किसानों के खेत टेल पर हैं उन्हें सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। इससे किसानों की फसलें सुख जाती हैं। कर्मचारियों के कमी के साथ विभाग में रेड करने के लिए वाहनों की कमी भी खल रही है। जुलाना ब्लॉक में रेड करने के लिए अधिकारियों के पास केवल एक ही जीप है और वह भी खस्ता हाल में है। वाहनों व कर्मचारियों की कमी किसानों पर भारी पड़ रही है। किसानों को उनके हिस्से का पानी नहीं मिल रहा है।

हांसी ब्रांच नहर तक हो चुकी है शिकार

पानी चोरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्होंने हांसी ब्रांच नहर तक को नहीं बख्शा है, माइनरों की तो बिसात ही क्या है। गत एक अगस्त को रामराय व गुलकनी गांवों के बीच रात को नहर काट दी गई थी। इसके पीछे पानी चोरों का हाथ सामने आया था और इससे हजारों एकड़ फसलों में पानी फिर गया था और सैंकड़ों एकड़ फसल नष्ट भी हो गई थी। इसमें विभाग द्वारा काफी लोगों के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज करवाई गई थी। अब विभाग के अधिकारी व कर्मचारी किसानों पर जुर्माने लगाने के लिए आंकलन में जुटे हैं। जब नहर को ही नहीं बख्शा गया तो माइनरों का बचना मुश्किल है। इसके पीछे कर्मचारियों व अधिकारियों का टोटा सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है।

ज्यादा लंबा है एरिया

इन चारों सेक्शन का एरिया काफी लंबा है। इसमें 15 माइनरें तथा आठ ड्रेन आती हैं। कर्मचारियों की कमी के कारण ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को दिन-रात अपनी ड्यूटी करनी पड़ रही है। पानी चोरों को पकड़ने के लिए वाहनों की भी कमी है। एरिया लंबा होने से एक वाहन से काम नहीं चल रहा है। किसानों ने भी पानी चोरी के नए-नए तरीके अपनाएं हुए हैं। कर्मचारियों की कमी के कारण अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कुलदीप सिंह, एएसडीई

दिन-रात करनी पड़ रही है ड्यूटी

विभाग में अधिकारियों व कर्मचारी की भारी कमी है। इनकी कमी के कारण पानी चोर इसका फायदा उठाते हैं। कर्मचारियों को दिन-रात ड्यूटी करनी पड़ रही है। विभाग में रेड करने के लिए वाहनों की कमी भी है। एरिया लंबा है। फिलहाल विभाग में स्टाफ की कमी है।
बनवारी लाल
एसडीओ जुलाना
 पानी चोरों द्वारा काटी गई हांसी ब्रांच नहर का फाइल फोटो।

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