सोमवार, 27 अगस्त 2012

दूरदर्शन पर अपने अनुभव बांटेंगे निडाना व ललीतखेड़ा के किसान

सूचना एवं प्रौद्योगीकी के क्षेत्र में पिछड़े क्षेत्रों के किसानों को मिलेगा लाभ 

नरेंद्र कुंडू
जींद।
निडाना व ललीतखेड़ा गांव के किसान अब देश के अन्य क्षेत्रों में बैठे किसानों को खेती-किसानी के गुर सिखाएंगे। ये किसान टीवी के माध्यम से अन्य किसानों के साथ अपने अनुभव सांझा कर उन्हें कीट प्रबंधन के लिए प्रेरित कर बिना कीटनाशकों का प्रयोग किए अधिक उत्पादन लेने के टिप्स देंगे। इनके इस काम में निडाना व ललीतखेड़ा की कीट मित्र महिला किसान भी इनका पूरा सहयोग करेंगी। किसानों की इस मुहिम को देश के दूर-दराज क्षेत्र के किसानों तक पहुंचाने के लिए दिल्ली दूरदर्शन की टीम ने अपना हाथ आगे बढ़ाया है। कार्यक्रम की कवरेज के लिए दिल्ली दूरदर्शन की एक टीम मंगलवार को निडाना पहुंचेगी। यह टीम अपने कृषि दर्शन कार्यक्रम के लिए दो दिनों तक निडाना व ललीतखेड़ा के खेतों में जाकर किसानों के अनुभव व उनकी गतिविधियों के शाट अपने कैमरे में कैद करेगी। दूरदर्शन की इस पहल से सूचना एवं प्रौद्योगीकी के क्षेत्र में पिछड़े हुए क्षेत्रों के किसानों को काफी लाभ मिलेगा।
कीट प्रबंधन के क्षेत्र में माहरत हासिल कर चुके निडाना व ललीतखेड़ा के किसान अब टीवी के माध्यम से देश के अन्य क्षेत्रों के किसानों को कीटों की पढ़ाई का पाठ पढ़ाएंगे। दिल्ली दूरदर्शन ने इन किसानों की इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए इन्हें अपने कार्यक्रम में शामिल करने की योजना को हरी झंडी दे दी है। कार्यक्रम की कवरेज के लिए दिल्ली दूरदर्शन की एक टीम प्रोड्यूसर रघुनाथ सिंह के नेतृत्व में मंगलवार को निडाना पहुंचेगी। यह टीम अपने कृषि दर्शन कार्यक्रम के लिए इन किसानों के साथ इनके खेतों में जाकर लगातार दो दिनों तक इनकी गतिविधियों व इनके अनुभव को अपने कैमरे में कैद करेगी। कार्यक्रम की रिकार्डिंग के दौरान इस टीम के साथ कृषि वैज्ञानिक डा. आरएस सांगवान भी मौजूद रहेंगे, जो इन किसानों से समय-समय पर फसल में आने वाले कीटों व फसल पर पड़ने वाले उनके प्रभाव के बारे में जानकारी जुटाएंगे। इसके अलावा किसानों द्वारा अब तक  उनकी फसलों में देखे गए मासाहारी व शाकाहारी कीटों पर विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि अधिक से अधिक किसानों को कीटों की पहचान हो सके और किसान बीमारी व कीटों के बीच के अंतर को समझ सकें। निडाना व ललीतखेड़ा के किसान खेत में प्रयोगों कर पैदा किए गए अपने इस कीट ज्ञान को दूरदर्शन के माध्यम से अन्य क्षेत्र के किसानों तक पहुंचाने का काम करेंगे। इनकी इस मुहिम में यहां की कीट मित्र महिला किसान भी इनका पूरा सहयोग करेंगी। दूरदर्शन की टीम द्वारा मंगलवार को निडाना गांव के खेतों में लगने वाली किसान खेत पाठशाला तथा बुधवार को ललीतखेड़ा गांव की पूनम मलिक के खेत में लगने वाली महिला किसान खेत पाठशाला में जाकर इनके कीट ज्ञान अर्जित करने का फार्मूला व इनकी काम करने की गतिविधियों के शाट लिए जाएंगे। ताकि इनके फार्मूले को दूरदर्शन के माध्यम से अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाया जा सके और निडाना गांव के खेतों से उठी इस क्रांति की लहर को पूरे देश में फैलाया जा सके। दूरदर्शन द्वारा किसानों को जागरुक करने के लिए शुरू की गई इस पहल से एक तरफ जहां कीटनाशकों के प्रयोग में कमी आएगी, वहीं दूसरी ओर लोगों को खाने के रूप में परोसे जा रहे इस जहर से मुक्ति भी मिलेगी।

सूचना एवं प्रौद्योगीकी के क्षेत्र में पिछड़े क्षेत्रों के किसानों को मिलेगा लाभ

दूरदर्शन द्वारा निडाना व ललीतखेड़ा गांव के किसानों की इस मुहिम को अपने कृषि दर्शन कार्यक्रम में शामिल किए जाने पर सूचना एवं प्रौद्योगीकी के क्षेत्र में पिछड़े क्षेत्रों के किसानों को काफी लाभ मिलेगा। क्योंकि आज भी बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर आज तक केवल इत्यादि सूचना पहुंचाने के साधन नहीं पहुंच पाए हैं। ऐसे क्षेत्रों में दूरदर्शन के अलावा सूचना पहुंचाने के ओर विकल्प नहीं हैं। इससे इन क्षेत्रों के लोगों तक समय पर नई-नई तकनीकों की जानकारियां नहीं पहुंच पाती हैं। जिस कारण ऐसे क्षेत्रों के लोग अब भी काफी पिछड़े हुए हैं। लेकिन अब दूरदर्शन पर निडाना व ललीतखेड़ा के किसानों का कार्यक्रम प्रसारित होने के कारण इस क्षेत्र के किसान भी जानकारी जुटा कर कीटों की पहचान व परख कर सकेंगे।

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