गुरुवार, 27 सितंबर 2012

खाप चौधरियों ने की किसान-कीट मुकद्दमें की सुनवाई


जींद। कीटों व किसान के मुकद्दमे की सुनवाई के लिए मंगलवार को गांव निडाना में चौहदवीं खाप पंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें 72 खाप जींद के प्रधान केके मिश्रा, जेवड़ा बरवाला खाप  सूबेसिंह भ्याणा, कृषि विशेषज्ञ डा. करतार सिंह, पशु चिकित्सक डा. राजबीर सिंह ने कीटों की पहचान की। खेत पाठशाला में किसानों ने कीट सर्वेक्षण के बाद कपास की फसल में मौजूद पर्णभक्षी कीटों पर चर्चा की। कीट सर्वेक्षण के बाद किसानों ने कीट बही-खाता भी तैयार किया। कीट-बही खाते में निडाना, निडानी, ललीतखेड़ा सहित अन्य गांवों के किसानों ने भाग लिया। गांवों से आए किसानों ने अपने-अपने खेत से तैयार किए गए कीटों के आंकड़े भी दर्ज करवाए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बाहरा बारह खाप के अध्यक्ष कुलदीप सिंह ढांडा ने कहा कि किसान बेवजह कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं। जिसका फसलों को तनिक भी लाभ नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में कीटनाशकों का प्रयोग अत्याधिक बढ़ा है। जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। खाप चौधरियों ने कॉटन फसल में उन कीटों की पहचान की। जो फसल को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। फसल में चुरड़ा कीट नहीं पाया गया। सफेद मक्खी की संख्या प्रति पौधा काफी कम मिली। तेले की संख्या भी फसल में इतनी नहीं है कि वह फसल को नुकसान पहुंचा सके।खाप चौधरियों ने पाया कि एक पौधे पर टिंडे की संख्या इस समय 76 है। जो पिछली पंचायत में गिने गए टिंडों से चार कम पायी गई है। इसके बावजूद चौधरियों का मानना है कि कॉटन की पैदावार पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा।

 कीटों का सर्वेक्षण करते किसान।

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