शनिवार, 8 सितंबर 2012

लड़की के जन्म पर भी निभाई जाएंगी लड़के वाली परंपराएं


‘लाडो’ को बचाने के लिए सात को युवा संगठन डालेगा अपनी पहली आहूति 

नरेंद्र कुंडू
जींद। जिले में कन्या भ्रूणहत्या के खिलाफ चली रही मुहिमों का असर सामने आने लगा है। जनसाधारण में अब बेटी बचाओ के लिए माहौल बनने लगा है। निडानी गांव के भगत सिंह क्रांतिकारी युवा संगठन द्वारा लाडो को बचाने के लिए शुरू की गई जंग में अब संगठन के सदस्य अपनी पहली आहूति देने जा रहा हैं। युवा संगठन के सदस्य गांव में एक पिछड़े वर्ग से संबंधित परिवार में जन्मी बेटी का स्वागत बैंड बाजों के साथ करेंगे। संगठन के सदस्यों द्वारा सात सितंबर को धूमधाम से लड़की की छट्टी मनाई जाएगी तथा 11 सितंबर को गाजे-बाजे के साथ इस कन्या का कुआं पूजन किया जाएगा। इसके लिए संगठन के सदस्यों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। संगठन के सदस्यों द्वारा कुआं पूजन पर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को भी निमंत्रण भेजा जा रहा है।
निडानी गांव के भगत सिंह क्रांतिकारी युवा संगठन के सदस्यों ने गिरते लिंगानुपात को देखते हुए ‘लाडो’ को बचाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाए थे। संगठन द्वारा एक जुलाई को कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ इस मुहिम का शंखनाद किया गया था। इन युवाओं ने एक जुलाई को लड़की के जन्म पर भी लड़के के जन्म की तरह जश्न मनाने का ऐलान किया गया था। इन नौजवानों ने गांव में इस अनोखी पहल को धरातल पर उतारने के लिए लड़की के कुआं पूजन पर बैंड-बाजे का इंतजाम करने का दायित्व स्वयं अपने कंधों पर उठाया था। युवाओं के इस ऐलान के बाद 2 अगस्त को पहली बार गांव में संदीप प्रजापत के घर एक कन्या का जन्म हुआ। इसलिए संगठन के सदस्यों ने अपने संकल्प को दोहराते हुए कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ शुरू की गई इस जंग में अपनी पहली आहूति डालने का अवसर मिला है। जिसके तहत संगठन के सदस्यों द्वारा पिछड़े वर्ग में जन्मी इस पहली कन्या की छट्टी भी लड़के की तरह ही मनाई जाएगी। सात सिंतबर को लड़की की छट्टी पर लड़के के जन्म वाली सभी परंपराएं निभाई जाएंगी और गांव में मिठाई भी बांटी जाएगी। इसके बाद 11 सितंबर को गाजे-बाजे के साथ इस लड़की का कुआं पूजन करवाया जाएगा। कुआं पूजन के दौरान संगठन द्वारा जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को भी बुलाया जाएगा। इसके लिए संगठन के सदस्यों द्वारा तैयारियों शुरू कर दी गई हैं। संगठन के सदस्यों द्वारा जिला प्रशासन के अधिकारियों से मिलकर उन्हें कुआं पूजन के लिए अमंत्रित किया जा रहा है।

ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की सोच में आएगा बदलाव

ग्रामीण क्षेत्र में लड़की के जन्म पर खुशी मनाने की परंपरा नहीं है। गांव में सिर्फ लड़के के जन्म पर ही खुशियां मनाई जाती हैं और मिठाइयां बांटी जाती हैं। लेकिन संगठन ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की सोच को बदलने के लिए यह पहल की है। संगठन के सदस्यों द्वारा कुआं पूजन के दौरान बैंड-बाजे का इंतजाम स्वयं अपने खर्च पर किया जाएगा। संगठन की इस पहल से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की सोच में बदलाव आएगा।
सुरेश पूनिया, चेयरमैन
भगत सिंह क्रांतिकारी युवा संगठन, निडानी

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