बुधवार, 31 अक्तूबर 2012

ट्रक यूनियन खुद ही मार रही है अपने पैरों पर कुल्हाड़ी


खून से सना रहा है ट्रक यूनियन का इतिहास

नरेंद्र कुंडू
जींद। ट्रक यूनियन माल ढुलाई के मामले को लेकर ट्रांस्पोर्टरों व ट्रक आप्रेटरों के साथ विवाद खड़ा कर खुद अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने का काम कर रही है। क्योंकि प्रदेश सरकार व हरियाणा व्यापार मंडल ट्रक यूनियन के वजूद को पूरी तरह से नकार चुका है। इसके अलावा माल ढुलाई को लेकर ट्रक यूनियन के दादागिरी के रवैया को रोकने के लिए हरियाणा एवं पंजाब उच्च न्यायालय द्वारा भी ट्रक यूनियन पर नकेल कसने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। लेकिन यहां पर ट्रक यूनियन जिला प्रशासन के साथ साठ-गाठ कर या राजनैतिक दबाव बनवाकर अपना काम चला रही है। ट्रक यूनियन आए दिन माल ढुलाई को लेकर दूसरे व्यवसायी ट्रक चालकों के साथ विवाद खड़ा कर रही है लेकिन जिला प्रशासन ट्रक यूनियन की इन गतिविधियों पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। अभी गत दिनों भी ट्रक यूनियन के प्रधान व उसके कुछ साथियों पर बिट्टू नामक एक ट्रक चालक ने उसके साथ मारपीट करने व उसके ट्रक को नुक्सान पहुंचाने के आरोप लगाए थे। जिसका अभी तक निपटारा नहीं हो सका है और डी.एस.पी. अमरीक सिंह मामले की जांच कर रहे हैं। 

खून से सना हुआ है ट्रक यूनियन का इतिहास

इससे पहले भी यहां की ट्रक यूनियन का सफर खून से भरा रहा है। ट्रक यूनियन के इतिहास के पन्नों पर खून के छीटें पड़े हुए हैं। ट्रक यूनियन में माल ढुलाई के अलावा चौधर व यूनियन की करोड़ों की संपत्ति को लेकर कई बार खून की होली भी खेली जा चुकी है। जिसमें 7 मर्डर, 18 एफ.आई.आर. व 4 डी.डी.आर. हो चुकी हैं। ट्रक यूनियन में यह खूनी खेल लगभग 15 सालों तक चला। बाद में जिला प्रशासन ने इस खूनी खेल को समाप्त करने के लिए 1997 में यहां की ट्रक यूनियन के गेट पर तालाबंदी की थी। लगभग 10 साल तक ट्रक यूनियन के गेट पर तालाबंदी रही लेकिन 2007 में ट्रक यूनियन के सदस्यों द्वारा जिला प्रशासन को लिखित में भविष्य में किसी प्रकार का कोई विवाद न करने का प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर अमल करते हुए तत्कालीन एस.डी.एम. ने ट्रक यूनियन के गेट का ताला खोलने की अनुमति दी  थी लेकिन अब दोबारा फिर यहां विवाद सिर उठाने लगा है। 

प्रदेश में ट्रक यूनियन का नहीं है कोई वजूद

ट्रक यूनियन माल ढुलाई को लेकर दूसरे व्यवसायी ट्रक चालकों के साथ बिना वजह विवाद खड़ा करती है। अनाज मंडियों में ढुलाई का सीजन शुरू होने पर ट्रक यूनियन द्वारा अनाप-शनाप रेट तय किए जाते हैं। दूसरे व्यवसायी ट्रक चालकों द्वारा ढुलाई का काम करने पर उनके साथ मारपीट की जाती है जो सरासर गलत है। खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा 2005 में ट्रक यूनियन के वजूद को नकार चुके हैं और अब उच्च न्यायालय द्वारा भी ट्रक यूनियन के विपक्ष में फैसला दिया जा चुका है। 
बजरंग दास गर्ग, प्रदेशाध्यक्ष
व्यापार मंडल, हरियाणा

ट्रक चालकों की सुविधा के लिए बनाई गई है यूनियन

ट्रक चालकों की सुविधा के लिए यूनियन बनाई गई है, ताकि सभी ट्रक चालकों को बराबर काम मिल सके ओर ट्रक चालक अपना गुजर-बसर कर सकें। यूनियन द्वारा मिल बैठकर ट्रक चालकों के विवाद  निपटा दिए जाते हैं। गत दिनों ट्रक चालक के साथ जो विवाद हुआ है वह मामूली झगड़ा था। उसे निपटाने के लिए उनके द्वारा पूरी कोशिश की जा रही है।  
सतबीर, प्रधान
ट्रक यूनियन, जींद

नहीं पनपे दिया जाएगा किसी भी तरह का विवाद

पुलिस प्रशासन द्वारा ट्रक यूनियन पर पूरी नजर रखी जा रही है। यहां किसी भी प्रकार के विवाद को पनपे नहीं दिया जाएगा। गत दिनों ट्रक चालक व ट्रक यूनियन के प्रधान का जो झगड़ा हुआ है उसकी जांच की जा रही है। जल्द से जल्द इस मामले का निपटारा कर दिया जाएगा। 
अमरीक सिंह, डी.एस.पी.
जींद

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