सोमवार, 7 अक्तूबर 2013

विदेश से आई हिंदी कवि को तर्क-वितर्क की खुली चुनोती

कुमार विश्वास द्वारा फेसबुक पर जाट समुदाय और खापों के प्रति की जा रही हैं गलत टिप्पणियां

नरेंद्र कुंडू 
जींद। मशहूर हिंदी कवि एवं आप पार्टी के कार्यकर्त्ता कुमार विश्वास द्वारा रोहतक में हुई ऑनर किलिंग के मामले में सोशल नैटवॢकंग साइट फेशबुक पर जाट समुदाय और खाप पंचायतों पर की जा रही उल-जुलुल टिपणियों के खिलाफ कड़ा संज्ञान लेते हुए फ्रांस में ई-मार्कीटिंग कंसलटैंट के पद पर कार्यरत जींद जिले के गांव निडाना निवासी फूलकुमार ने कुमार विश्वास को पब्लिक स्टेज पर तर्क-वितर्क के लिए आमंत्रित किया है। फूलकुमार का कहना है कि किसी परिवार विशेष की गलती के कारण पूरे समुदाय के खिलाफ गलत टिपणियां ठीक नहीं हैं।
फूलकुमार ने फ्रांस से इंटरनैट के माध्यम से भेजी एक ई-मेल में कहा कि वह न तो प्रेम विवाह के खिलाफ  हैं और न ही ऑनर किलिंग के समर्थक हैं लेकिन जब समाज में एक सभ्य छवि तथा महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले कुमार विश्वास जैसे कविता पाठक, जिसके वह खुद कायल हैं भी ऐसे गैर जिम्मेदाराना ब्यान-बाजी कर रहे हैं तो, वह खुद को उन्हें खुले तौर पर तर्क-वितर्क से रोक नहीं पाए। फूलकुमार ने कहा कि पिछले दिनों रोहतक में हुई एक ऑनर किलिंग की घटना पर कुमार विश्वास द्वारा फेसबुक पर जाट समुदाय और खापों के खिलाफ गलत टिप्पणियां की जा रही हैं। रोहतक में हुई ऑनर किलिंग समाज के लिए बेहद शर्मनाक है लेकिन इस तरह की घटना के साथ किसी जात या किसी समुदाय को जोडऩा उससे भी ज्यादा शर्मनाक है।
 फूलकुमार का फोटो।   
फूलकमार ने देश की राजधानी दिल्ली में हुए आरुषी हत्याकांड तथा विगत वर्ष पानीपत में हुई इंदू शर्मा की ऑनर किलिंग के मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि यह दोनों कांड भी तो ऑनर किलिंग थे, जो अभी तक अदालत में विचाराधीन है। शायद यह दोनों घटनाएं एक समाज विशेष में नहीं हुई। इसलिए इनको ले किसी ने जाति या सामाजिक संस्थाओं पर टिप्पणी नहीं की। उक्त दोनों घटनाओं से यह साफ हो रहा है कि ऑनर किलिंग जैसी घटना किसी विशेष कास्ट या वर्ग की नहीं बल्कि छोटी मानसिकता या मामले का सही तरीके से नहीं संभाल पाने का परिणाम है। अगर इस तरह के मामालों को ठंडे दिमाग व सही सोच से निपटाने की कोशिश की जाए तो इसका आसानी से हल निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि रोहतक में हुई ऑनर किलिंग की घटना न तो जाट समुदाय की देन है और न ही किसी खाप पंचायत की। यह घटना दोनों परिवारों की अपनी अल्पमति और मामले को ठीक से नहीं संभाल पाने का नतीजा है। जाट समाज और खाप पंचायतें प्रेम विवाह के खिलाफ नहीं हैं। किसी परिवार विशेष की नादानी के कारण पूरे जाट समाज या खापों को बदनाम करना कहां तक ठीक है? फूलकुमार ने कुमार विश्वास को चैलेंज करते हुए कहा कि अगर वह वास्तव में प्रेम विवाह के पक्षधर हैं और ऑनर किलिंग के खिलाफ हैं तो विवाह के समय लड़का-लड़की की कुंडली मिलाने और गौत्र मिलाने की रीति-रिवाज को, समाचार पत्रों में ब्याह-शादी के जाति धर्म की प्राथमिकता के आधार पर दिए जाने वाले विज्ञापनों को क्यों नहीं बंद करवाते। फूलकुमार ने कहा कि कुमार विश्वास किसी भी समय, किसी भी माध्यम से उसके साथ तर्क-वितर्क कर सकते हैं। वह हर वक्त इसके लिए तैयार हैं। निडाना हाइट्स वैबसाइट के ऑनर फूलकुमार ने कहा कि खाप पंचायतों का एक सामाजिक चेहरा भी है। अगर खाप पंचायतों के इतिहास पर नजर डाली जाए तो खापों ने बड़े-बड़े विवादों को भी सुलझाया है। खाप पंचायतों का पूरा इतिहास उन्होंने अपनी वेबसाइट पर भी डाला हुआ है। खाप एक संस्था नहीं, बल्कि एक सामाजिक गुण भी है, ऐसा गुण कि जो बुद्धिजीव जनता की नब्ज पकडऩे का हुनर रखते हैं। उन्होंने कहा कि जनता की इस नब्ज को पकडऩे के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तक सारी उम्र शोध करते रह जाते हैं लेकिन कभी पकड़ नहीं पाते।

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