शनिवार, 16 नवंबर 2013

देशभर के कृषि वैज्ञानिकों को कीट ज्ञान की मुहिम से रू-ब-रू करवाएंगे म्हारे किसान

कीट कमांडों किसानों का 8 सदस्यीय दल राष्ट्रीय सैमीनार में भाग लेने के लिए रवाना

नरेंद्र कुंडू 
जींद। जींद जिले से शुरू हुई थाली को जहर मुक्त बनाने की मुहिम को देशभर में फैलाने के लिए वीरवार को जींद के कीट कमांडों किसानों का 8 सदस्यीय दल कृषि विकास अधिकारी डा. कमल सैनी के नेतृत्व में उत्तराखंड के पंतनगर के लिए रवाना हुआ। जींद जिले के यह कीट कमांडो किसान पंतनगर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित 2 दिवसीय राष्ट्रीय सैमीनार में मौजूद देशभर के कृषि वैज्ञानिकों को अपने अनुभव से रू-ब-रू करवाएंगे। खाप पंचायत की तरफ से किसानों की इस मुहिम की वकालत करने के लिए बराह तपा बारहा के प्रधान कुलदीप ढांडा भी इस दल के साथ गए हैं।
फसलों में अंधाधुंध प्रयोग हो रहे कीटनाशकों के कारण बेमौत मर रहे बेजुबान कीट और दूषित हो रहे खान-पान तथा वातावरण को देखते हुए कृषि विकास अधिकारी डा. सुरेंद्र दलाल ने जींद जिले के किसानों के साथ मिलकर वर्ष 2008 में कीट ज्ञान की अलख जगाई थी। यह किसान पिछले 5 वर्षों से जींद जिले के साथ-साथ प्रदेश तथा आस-पास के प्रदेशों के किसानों को भी कीट ज्ञान की तालीम दे रहे हैं। इसी के चलते इन किसानों को यहां के लोग कीट कमांडों किसानों के नाम से जानते हैं। कीट कमांडों किसानों का कहना है कि कीटों को न तो काबू करने की जरूरत है और न ही नियंत्रित करने की। अगर जरूरत है तो बस कीटों को पहचानने और इनके क्रियाकलापों को जानने की। कीट कमांडों किसान रणबीर मलिक, मनबीर रेढ़ू, सुरेश, जयभगवान, सुरेश, रमेश, बलवान इत्यादि का कहना है कि कीट ही कीटों को नियंत्रण करने में सबसे बड़ा हथियार हैं। इसलिए इनको काबू करने के लिए किसी भी प्रकार के कीटनाशक की जरूरत नहीं है। कीट कमांडों किसानों द्वारा कीटों पर किए गए अनोखे प्रयोग को देखते हुए दूसरे प्रदेश के किसानों के साथ-साथ कई कृषि वैज्ञानिक भी जींद का दौरा कर चुके हैं तथा इन किसानों के इस शोध पर अपनी सहमती की मोहर लगा चुके हैं। इन किसानों की इस अनोखी मुहिम को देखते हुए अब उत्तराखंड के पंतनगर स्थित कृषि विश्वविद्यालय की तरफ से इन किसानों को बुलावा भेजा गया है। पंतनगर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में 15 व 16 नवम्बर को आयोजित 2 दिवसीय राष्ट्रीय सैमीनार में देशभर के कृषि वैज्ञानिक भाग लेंगे। इस सैमीनार में यह कीट कमांडों कृषि वैज्ञानिकों के साथ अपने अनुभव सांझा करते हुए कीटों पर किए गए इस अनोखे प्रयोग से कृषि वैज्ञानिकों को रू-ब-रू करवाएंगे, ताकि देशभर के किसानों को जागरूक कर थाली को जहरमुक्त बनाने की इस मुहिम को शिखर तक पहुंचाया जा सके। वीरवार को जींद से रवाना हुए कीट कमांडों के इस दल का नेतृत्व कृषि विभाग के कृषि विकास अधिकारी डा. कमल सैनी कर रहे हैं। प्रदेशभर की खाप पंचायतों द्वारा भी किसानों की इस मुहिम को काफी करीब से देखा तथा समझा गया है। इसलिए खापों की तरफ से इस मुहिम की वकालत करने के लिए बराह तपा बारहा के प्रधान कुलदीप ढांडा भी इस टीम के साथ गए हैं। ताकि खाप पंचायत भी जनहित की इस मुहिम में अपना योगदान दर्ज करवा सकें।

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