शनिवार, 5 जनवरी 2019

टिकट को लेकर भाजपा में घमासान

--जींद उपचुनाव को लेकर पर्यवेक्षकों के सामने 11 उम्मीदवारों ने जताई अपनी दावेदारी
--ठंड के मौसम में उपचुनाव की आहट ने जींद की फिजाओं में पैदा की राजनीति की गर्माहट

जींद, 5 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):- जींद उपचुनाव की घोषणा के बाद से सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव जीतने के लिए अपने घोड़े दौड़ाने शुरू कर दिए हैं। सर्दी के इस मौसम में उपचुनाव की आहट ने जींद की फिजाओं में राजनीति की गर्माहट पैदा कर दी है। सभी राजनीति दलों की नजर जींद के उपचुनाव पर टिकी हुई हैं। राजनीतिक दल उपचुनाव में अपनी-अपनी जीत पक्की करने के लिए जोर-शोर से तैयारियों में लगे हुए हैं। क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जींद उपचुनाव को सैमीफाइल माना जा रहा है। इस सैमीफाइनल में जिस पार्टी का उम्मीदवार विजयी होगा आगामी विधानसभा चुनाव में उस पार्टी का पलड़ा भारी रहेगा। इसके चलते जींद उपचुनाव में विजयश्री का आशीर्वाद पाने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा दूसरे दलों के मजबूत उम्मीदवारों को भी अपने पाले में लाने के प्रयास चल रहे हैं। टिकट को लेकर सबसे ज्यादा घमासान भाजपा में मचा हुआ है। इस समय भाजपा के पास सबसे ज्यादा उम्मीदवार हैं। इस समय भाजपा के पास 11 उम्मीदवारों के नाम आए हुए हैं। इसी के चलते शुक्रवार को भाजपा के पर्यवेक्षकों ने कैथल रोड पर स्थित पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोली। पर्यवेक्षक के तौर पर भाजपा की राष्ट्रीय सचिव सुधा यादव व प्रदेश के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ शुक्रवार दोपहर को जींद पहुंचे थे। पर्यवेक्षकों के समक्ष अपनी-अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने के लिए सभी उम्मीदवार पूरे दल-बल के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे थे। पूरा दिन पार्टी कार्यालय में बैठकर पर्यवेक्षक सुधा यादव व ओमप्रकाश धनखड़ ने एक-एक कर सभी उम्मीदवारों की दावेदारी जांची। इस दौरान पर्यवेक्षकों ने उम्मीदवारों के साथ पहुंचे उनके समर्थकों से भी उनकी मजबूती के कारण भी पूछे। जींद विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे को लेकर 11 उम्मीदवारों ने पर्यवेक्षकों के सामने अपनी दावेदारी प्रस्तुत की। उम्मीदवारों के समर्थकों से राय लेने के बाद पर्यवेक्षकों ने बंद कमरे में उम्मीदवारों से भी उनकी मजबूत दावेदारी को लेकर चर्चा की। 

दल-बल के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे टिकटार्थी

उपचुनाव में जींद विधानसभा सीट पर पर्यवेक्षकों के सामने अपनी मजबूत दावेदारी प्रस्तुत करने के लिए सभी टिकटार्थी पूरे दल-बल के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे थे। टिकटार्थियों के साथ आए उनके समर्थक पूरे जोश के साथ अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे।  

पर्यवेक्षकों के कार्यालय पहुंचते ही समर्थकों ने लगाए अपने-अपने उम्मीदवारों के नारे 

उम्मीदवारों की फीड बैक लेने के लिए जैसे ही पर्यवेक्षक ओमप्रकाश धनखड़ व सुधा यादव पार्टी कार्यालय पहुंचे वैसे ही समर्थकों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में नारेबाजी शुरू कर दी। काफी देर तक समर्थकों ने नारेबाजी की। बाद में ओमप्रकाश धनखड़ ने उम्मीदवारों के नारेबाजी पर ऐतराज जताते हुए कहा कि यदि नारे लगाने हैं तो केवल पार्टी के ही लगाएं। जिनके साथ आप आएं हैं उनके पक्ष में केवल एकाध नारा ही लगाएं। 

टिकट के लिए इन-इन लोगों ने जताई अपनी-अपनी दावेदारी 

उपचुनाव में जींद विधानसभा से चुनाव लडऩे के लिए कुल 11 लोगों ने पर्यवेक्षकों के समक्ष अपनी-अपनी दावेदारी जताई। पर्यवेक्षकों ने सबसे पहले मास्टर गोगल को अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने का मौका दिया। दूसरे नंबर पर टेकराम कंडेला को समर्थकों के साथ अंदर बुलाया गया। तीसरे नंबर पर डॉ. कृष्ण मिढ़ा, चार नंबर पर मुख्यमंत्री के निजी सचिव राजेश गोयल को बुलाया गया लेकिन राजेश गोयल मौके पर मौजूद नहीं थे। इसके चलते राजेश गोयल के समर्थकों ने ही राजेश गोयल की तरफ से उनका पक्ष रखा। पांच नंबर पर लीलाधर मित्तल, छठे नंबर पर डॉ. ओमप्रकाश पहल, सातवें नंबर पर जवाहर सैनी, आठवें नंबर पर सुरेंद्र बरवाला, नौंवे नंबर पर बलकार डाहौला, दसवें नंबर पर सज्जन गर्ग तथा ग्याहरवें नंबर पर रामफल शर्मा ने टिकट को लेकर अपनी दावेदारी प्रस्तुत की। 

हाल में समर्थकों की नारेबाजी से परेशान होकर खुले मैदान में आए पर्यवेक्षक

पर्यवेक्षकों द्वारा पार्टी कार्यालय के हाल में बैठकर टिकटार्थियों के समर्थकों से राय लेने की प्लानिंग थी लेकिन जैसे ही यह प्रक्रिया शुरू हुई वैसे ही टिकटार्थियों के साथ पहुंचे उनके समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। काफी देर तक टिकटार्थियों के साथ आए समर्थक अपने-अपने उम्मीदवार के पक्ष में नारेबाजी करते रहे। पर्यवेक्षकों के रोकने पर भी जब समर्थक नहीं रूके तो पर्यवेक्षकों को मजबूरन हाल से निकल कर खुले मैदान में आना पड़ा। इसके बाद पर्यवेक्षकों ने एक-एक कर उम्मीदवार व उनके समर्थकों को अंदर हाल में बुला कर उनकी राय ली। 

हाई कमान को दी जाएगी रिपोर्ट

भाजपा के पास उपुचनाव को लेकर कई उम्मीदवार हैं। उम्मीदवारों की संख्या को देखते हुए पार्टी द्वारा उन्हें पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है। आज जींद में पहुंचकर उम्मीदवारों व उनके कार्यकर्ताओं की राय ली गई है। कार्यकर्ताओं से राय लेने के बाद एक-एक उम्मीदवार से भी राय ली जाएगी। इसके बाद यह रिपोर्ट हाई कमान को भेजी जाएगी। इसके बाद हाई कमान उम्मीदवार का फैसला करेगी। 
ओमप्रकाश धनखड़, कृषि मंत्री

जींद उपचुनाव राजनीतिक दलों के लिए बना प्रतिष्ठा का सवाल

उपचुनाव को लेकर टिकटार्थियों ने कसे लंगोट
--टिकट के लिए अपने-अपने घोड़े दौड़ा रहे टिकटार्थी
--भाजपा पर टिककी सभी राजनीतिक दलों की नजर 

जींद, 5 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):- जींद उपुचनाव की घोषणा के साथ ही चुनाव लडऩे के इच्छुक उम्मीदवारों ने भी अपने लंगोट कस लिए हैं। टिकट के लिए उम्मीदवार अपनी-अपनी गोटियां फिट करने में लगे हुए हैं। कुछ टिकटार्थी तो पिछले कई दिनों से दिल्ली के दरबार में अपने आकाओं के पास माथा टेक रहे हैं। वहीं राजनीतिक दलों ने भी टिकट के लिए उम्मीदवारों की दावेदारी को लेकर फील्ड से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। क्योंकि जींद उपचुनाव सभी राजनीतिक दलों के लिए नाक का सवाल बना हुआ है। सभी राजनीतिक दलों की नजरें इस समय भाजपा पर टिकी हुई हैं। दूसरे राजनीतिक दल इस बात के इंतजार में हैं कि भाजपा कब अपना उम्मीदवार घोषित करे। ताकि दूसरे दल भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतारने के लिए समीकरण बना सकें। भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा के बाद ही दूसरे राजनीतिक दल अपने पत्ते खोलेंगे लेकिन भाजपा अभी अपने पत्ते नहीं खोल रही है। क्योंकि भाजपा को भी इस बात का अंदेशा है कि यदि उन्होंने समय से पहले पत्ते खोल दिए तो उनकी पार्टी में टिकट की लाइन में खड़े दूसरे उम्मीदवार टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर दूसरी पार्टी में जा सकते हैं। इसके चलते भाजपा नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से एक दिन पहले ही अपने उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है। ताकि टिकट नहीं मिलने से मायूस दूसरे उम्मीदवारों को पाला बदलने के लिए समय नहीं मिले। 

उम्मीदवारों की नब्ज टटोल रही जजपा व इनैलो

जींद उपचुनाव के साथ ही इनैलो व जजपा ने भी अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतारने से पहले उम्मीदवारों व कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलनी शुरू कर दी है। फिल्हाल इनैलो व जजपा मजबूत चेहरे को ढुंढ़ रही है ताकि इस सैमीफाइनल को जीत कर वह आगामी विधान सभा चुनाव के फाइनल के लिए अपना माहौल तैयार कर सकें। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इनैलो उपचुनाव में यह सीट गठबंधन दल बसपा के उम्मीदवार को भी उतार सकती है। 

पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता पर दांव खेल सकती है भाजपा

भाजपा में टिकट के दावेदारों की फेरहिस्त काफी लंबी है। इसके चलते भाजपा के पर्यवेक्षकों ने मजबूत उम्मीदवार की तलाश में शुक्रवार को जींद में पहुंच कर कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोली थी। इस दौरान पर्यवेक्षकों के सामने 11 उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पेश की थी लेकिन यह कयाश लगाए जा रहे हैं कि भाजपा उपचुनाव में पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता पर अपना दांव खेल सकती है। क्योंकि उपचुनाव में भाजपा की प्रतिष्ठा दाव पर है। इसलिए भाजपा किसी भी कीमत पर इस उपचुनाव को हारना नहीं चाहती। क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव पर इस उपचुनाव का सीधा प्रभाव पड़ेगा। यह भी कह सकते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह चुनाव सैमीफाइनल है। इसके चलते भाजपा पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता को जींद विधानसभा सीट पर सबसे मजबूत उम्मीदवार मान रही है। हालांकि मांगेराम गुप्ता द्वारा पर्यवेक्षकों के सामने शुक्रवार को अपनी दावेदारी पेश नहीं की गई थी। लेकिन सूत्रों की मानें तो भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता से सम्पर्क कर रहे हैं। क्योंकि मांगेराम गुप्ता लगभग आठ बार जींद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं और चार बार वह यहां से चुनाव जीत कर विधायक व मंत्री बन चुके हैं।  

जींद उपचुनाव लड़कर बेटे महावीर गुप्ता के लिए पीच तैयार करेंगे मांगेराम गुप्ता

पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता ने 2009 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव हारने के बाद कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। इसके बाद मांगेराम गुप्ता 2013 इनैलो में शामिल हुए थे लेकिन 2014 में विधानसभा चुनाव में इनैलो द्वारा मांगेराम गुप्ता को टिकट नहीं देने से नाराज होकर मांगेराम गुप्ता ने इनैलो से भी दूरी बना ली थी। अब जींद उपचुनाव की घोषणा के बाद से भाजपा, कांग्रेस, इनैलो व जजपा (जननायक जनता पार्टी) लगातार पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता को अपने पक्ष में लाकर चुनाव लड़ाने के लिए तैयार हैं। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मांगेराम गुप्ता से लगातार सम्पर्क कर रहे हैं। वहीं इनैलो के विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ने भी शुक्रवार देर रात्रि मांगेराम गुप्ता से मुलाकात कर लगभग आधे घंटे तक बंद कमरे में बातचीत की। जजपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद दुष्यंत चौटाला भी अलग पार्टी बनाने के बाद मांगेराम गुप्ता से कई बार मुलाकात कर चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी मांगेराम गुप्ता से सम्पर्क कर रहे हैं। लेकिन मांगेराम गुप्ता स्वयं चुनाव नहीं लड़कर अपने बेटे महावीर गुप्ता को चुनाव लड़वाना चाहते थे। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजनीतिक दलों से बढ़ते दबाव के चलते मांगेराम गुप्ता स्वयं चुनाव लड़ सकते हैं। यदि मांगेराम गुप्ता उपचुनाव स्वयं लड़ते हैं और वह यह उपचुनाव जीतने में सफल रहते हैं तो वह आगामी विधानसभा चुनाव में अपने बेटे महावीर गुप्ता के लिए राजनीति की पिच तैयार कर देंगे। 

सोमवार, 10 दिसंबर 2018

‘पांडुओं की तपो भूमि से दुष्यंत युग का आरंभ’

जींद में आयोजित हुए समस्त हरियाणा सम्मेलन में दुष्यंत ने किया नई पार्टी जेजेपी का ऐलान
परदादा चौधरी देवीलाल के इतिहास को दोहरा गए दुष्यंत

जींद, 09 दिसंबर (नरेंद्र कुंडू) :- पांडुओं की तपो भूमि रही जींद जिले के पांडू पिंडारा की धरा से रविवार को दुष्यंत युग का आरंभ हो गया। पांडू पिंडारा में आयोजित समस्त हरियाणा सम्मेलन में सांसद दुष्यंत चौटाला ने अपनी नई पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का ऐलान कर दिया। इस दौरान सांसद ने विधिवत रूप से अपनी पार्टी के नए झंडे व नए डंडे को भी लांच किया। पांडू पिंडारा की धरती पर लाखों की संख्या में भीड़ जुटा कर दुष्यंत चौटाला ने अपने परदादा चौधरी देवीलाल की 1986 में जींद में आयोजित हुई विशाल रैली के इतिहास को दोहरा दिया। रैली को लेकर लोगों में भारी जोश नजर आ रहा था। चारों तरफ दुष्यंत के समर्थन में नारे लग रहे थे। नई पार्टी की घोषणा के साथ ही दुष्यंत ने अपनी पार्टी की नीतियों के माध्यम से बुजुर्गों, युवाओं, व्यापारियों, कर्मचारियों व महिलाओं सहित हर वर्ग को साधने का काम किया। रैली में उमड़े जन सैलाब को देखकर मंच पर उपस्थित सभी नेता व कार्यकर्ता गदगद नजर आ रहे थे। पांडुओं की तपोस्थली से शुरू हुई सांसद दुष्यंत चौटाला की राजनीतिक पारी में उनके छोटे भाई एवं इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला उनके सारथी बने। दिग्विजय चौटाला ने बार-बार मंच से विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। दिग्विजय चौटाला ने अभय चौटाला पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि ‘जिसकी तु दुहाई देता है, उसको ऊंचा सुनाई देता है, मैं जानता हूं तेरी नीयत को तू क्यों सफाई देता है।’ 

नई पार्टी के ऐलान के साथ पार्टी का झंडा लहराती नैना चौटाला व अन्य।
 रैली को सम्बोधित करते सांसद दुष्यंत चौटाला व रैली में उमड़ा जन सैलाब।


दुष्यंत को चंडीगढ़ पहुंचाने के लिए करना है राम सेतू का निर्माण 

मंच पर मौजूद दुष्यंत चौटाला व अन्य नेता। 
डबवाली विधायक एवं दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला ने कहा कि जिस तरह से भगवान श्रीराम को लंका तक पहुंचाने के लिए वानर सेना ने राम सेतू का निर्माण किया था ठीक उसी तरह दुष्यंत को चंडीगढ़ तक पहुंचाने के लिए कार्यकर्ताओं को भी राम सेतू का निर्माण करना पड़ेगा। इसके लिए प्रत्येक कार्यकर्ता अपने साथ नए कार्यकर्ताओं को जोडऩे का काम करें। इस दौरान नैना चौटाला ने बिना अभय चौटाला का नाम लिए कहा कि रैली में उमड़े जन सैलाब ने उन लोगों के चोटी में पसीना ला दिया जो दुष्यंत के खिलाफ षडय़ंत्र रच रहे थे। 

ओमप्रकाश चौटाला हमारे परिवार के मुखिया, कानूनी अड़चनों के कारण नहीं लगाई फोटो

सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ओमप्रकाश चौटाला हमारे परिवार के मुखिया हैं और वह हमारे दिलों में बसते हैं। सांसद ने कहा कि कुछ लोग पुछते हैं कि हम पोस्टरों पर ओमप्रकाश चौटाला के फोटो क्यों नहीं लगाते। ऐसा इसलिए करना पड़ता है कि ओमप्रकाश चौटाला इनैलो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और कानूनी अड़चनों के कारण हम उनका फोटो नहीं लगा सकते। जिस दिन वह इनैलो से इस्तिफा दे देंगे उस दिन हम उनका फोटो भी लगा देंगे। इस दौरान दुष्यंत चौटाला ने कार्यकर्ताओं से ओमप्रकाश चौटाला के नाम के नारे भी लगवाए।    

भाजपा ने मेरे खिलाफ रचा चक्रव्यूह

सांसद दुष्यंत चौटाला ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरी लोकप्रियता को खत्म करने के लिए भाजपा ने मेरे खिलाफ चक्रव्यूह रचा। इसके लिए पहले बीरेंद्र ङ्क्षसह को केंद्रिय मंत्री बनाया, जिसका गृहक्षेत्र उचाना मेरी लोकसभा क्षेत्र में आता है, फिर सुभाष चंद्रा को राज्यसभा में भेजा जो कि हिसार से हैं और यह भी मेरी लोकसभा क्षेत्र में आता है फिर डीपी वत्स को राज्यसभा में भेजा जो कि हांसी से हैं और यह भी मेरे लोकसभा क्षेत्र में आते हैं। लेकिन मैंने जनता के प्यार से भाजपा के इस चक्रव्यूह को भेद दिया।

एक वोट-एक नोट का दिया नारा

सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उनकी पार्टी नई है और अभी तक उनकी पार्टी का बैंक खाता भी नहीं खुला है। इसलिए कार्यकर्ता पार्टी को मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक लोगों को पार्टी के साथ जोड़ें। सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सभी कार्यकर्ता एक वोट व एक नोट का आह्वान करते हुए पार्टी को मजबूत करने के लिए सदस्यता अभियान चलाएं। सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वह भी अपने चार साल के कार्यकाल का लगभग 27 लाख रुपए का वेतन पार्टी को भेंट करेंगे।  

दुष्यंत को देखते ही जोश से उमड़ पड़े युवा, बेरिगेटस तोड़ स्टेज के पास पहुंचे

दुष्यंत की झलक पाने के लिए लोगों में भारी उत्साह था। जैसे ही सांसद दुष्यंत चौटाला हेलीपैड से पैदल चलते हुए मंच पर पहुंचे तो युवा उनकी झलक पाने के लिए जोश से भर गए। इस दौरान उत्साहित युवाओं ने मंच के आगे लगाए गए बेरिगेटस को तोड़ कर बिल्कुल मंच के पास पहुंच गए और काफी देर तक दुष्यंत-दुष्यंत के नारों से रैली स्थल गुंजता रहा। 
 


शनिवार, 8 दिसंबर 2018

‘पांडू पिंडारा की ऐतिहासिक धरती पर इनैलो का तर्पण कर नई पार्टी का आगाज करेंगे दुष्यंत चौटाला’

32 साल बाद परदादा चौ. देवीलाल के करिश्मे को दोहराने की तैयारी में दुष्यंत 

जींद, 7 दिसंबर (नरेंद्र कुंडू) :- पांडुओं ने महाभारत की लड़ाई में मारे गए अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए पिंडारा की जिस धरती पर पितरों का तर्पण किया था उसी धरती से सांसद दुष्यंत चौटाला 9 दिसंबर को इनैलो का तर्पण कर अपनी नई पार्टी का ऐलान करेंगे। पांडू पिंडारा की इस ऐतिहासिक धरती पर 9 दिसंबर को आयोजित होने वाला ‘समस्त हरियाणा सम्मेलन’ दुष्यंत चौटाला का राजनीतिक भविष्य भी तय करेगा। जींद की जिस धरती पर 1986 में चौधरी देवीलाल ने ऐतिहासिक रैली कर हरियाणा की राजनीति में हलचल पैदा की थी ठीक उसी धरती से सांसद दुष्यंत चौटाला 32 साल बाद अपने परदादा चौधरी देवीलाल के करिश्में को दोहराने की तैयारी में है। बता दें कि चौधरी देवीलाल ने 1986 में जींद में विशाल रैली का आयोजन किया था, जिसकी बदौलत 1987 में चौधरी देवीलाल की पार्टी ने प्रदेश की 85 विधानसभा सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। ठीक उसी की तर्ज पर सांसद दुष्यंत चौटाला 9 दिसंबर को जींद के पांडू पिंडारा में विशाल रैली का आगाज करेंगे। 9 दिसंबर को पिंडारा में आयोजित होने वाली इस रैली में सांसद दुष्यंत चौटाला अपनी नई राजनीतिक पारी के साथ-साथ नई पार्टी व नया निशान तय करेंगे। इस रैली को सफल बनाने के लिए दुष्यंत समर्थक दिन-रात जी-जान से मेहनत कर रहे हैं। इस रैली में भारी संख्या में लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। 
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इनसो का झंडा व ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ा चिह्न हो सकता है निशान
दुष्यंत चौटाला द्वारा 9 दिसंबर को पांडू पिंडारा में आयोजित होने वाले समस्त हरियाणा सम्मेलन में नई पार्टी के ऐलान के साथ ही नए डंडे व नए झंडे की भी घोषणा की जाएगी। सांसद दुष्यंत चौटाला की नई पार्टी का झंडा इनसो के झंडे से मिलता-जुलता रहेगा, वहीं चुनाव चिह्न भी ग्रामीण आंचल या खेती-बाड़ी के औजारों से मिलता-जुलता होगा। ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आसानी से चुनाव चिह्न की पहचान हो सके। 
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100 एकड़ में बिछाई गई दरियां, 1500 लोगों को सौंपी गई रैली की तैयारियों की जिम्मेदारी
9 दिसंबर को पांडू पिंडारा में आयोजित होने वाली सांसद दुष्यंत चौटाला की रैली के प्रति लोगों के उत्साह व भारी भीड़ उमडऩे के अंदेशे को देखते हुए दुष्यंत समर्थकों द्वारा 500 एकड़ में रैली स्थल तय किया गया है। इसमें से स्टेज के बिल्कुल सामने 100 एकड़ में लोगों के बैठने के लिए दरियां बिछवाई जा रही हैं। यदि भीड़ ज्यादा हुई तो साथ के साथ दूसरे हिस्से में भी दरियां बिछाने का काम किया जाएगा। वहीं रैली को सफल बनाने के लिए 1500 लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। 
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इनसो के वालिंटियर संभालेंगे यातायात व्यवस्था
9 दिसंबर की रैली में उमडऩे वाली भीड़ को देखते हुए यातायात व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए यातायात की जिम्मेदारी इनसो के कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है। एक हजार के करीब इनसो के वालिंटियर सभी चौक व नाकों पर खड़े होकर यातायात पुलिस की मदद करेंगे और वाहनों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेंगे। बाहर से आने वाले वाहनों को शहर के अंदर इंट्री करने की बजाए बाहर से ही डाइवर्ट किया जाएगा। 

रैली स्थल का दौरा करते हुए दिग्विजय चौटाला व अन्य कार्यकर्ता। 

शुक्रवार, 23 नवंबर 2018

अपने पिता बीरेंद्र सिंह की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए राजनीति में इंट्री कर सकता है आईएएस बेटा बृजेंद्र सिंह

--भाजपा विधायक प्रेमलता ने दिए बेटे बृजेंद्र सिंह के चुनाव लडऩे के संकेत
--चौटाला व भजनलाल परिवार को टक्कर देने के  लिए बृजेंद्र सिंह को युवा चेहरे के तौर पर मैदान में उतार सकते हैं केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह

जींद, 22 नवंबर (नरेंद्र कुंडू) :- अपने पिता एवं चौधरी छोटूराम के नाती केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए आईएएस बेटा बृजेंद्र सिंह आईएएस की कुर्सी को छोडक़र राजनीति के मैदान में उतर सकता है। केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी एवं उचाना से भाजपा विधायक प्रेमलता ने अपने बेटे बृजेंद्र सिंह के 2019 में चुनाव लडऩे के संकेत दिए हैं। बृजेंद्र सिंह को 2019 में लोकसभा या विधानसभा की टिकट पर चुनाव लड़वाया जा सकता है। किस लोकसभा या विधानसभा से बृजेंद्र सिंह को चुनाव लड़वाया जाएगा इसको लेकर अभी तक विधायक प्रेमलता ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। शहर के पीडब्ल्यूडी रैस्ट हाऊस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान विधायक प्रेमलता ने कहा कि जिस भी लोकसभा या विधानसभा से बृजेंद्र सिंह चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर करेगा उसी सीट से उसे चुनाव लड़वा दिया जाएगा, उसके लिए पूरा मैदान खाली पड़ा है। वहीं प्रेमलता ने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह 2019 का चुनाव नहीं लड़ेंगे। क्योंकि चौधरी बीरेंद्र सिंह का केंद्रीय मंत्री का कार्यकाल 2022 तक का है। आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह के राजनीति में आने को लेकर यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि उचाना क्षेत्र में चौटाला परिवार व भजनलाल परिवार को टक्कर देने के लिए केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह अपने आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह को युवा चेहरे के तौर पर मैदान में उतार सकते हैं। फिलहाल बृजेंद्र सिंह हैफेड में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।  
पत्रकारों से बातचीत करती विधायक प्रेमलता। 

2014 में हुड्डा व शैलजा ने डाला अड़ंगा

उचाना की विधायक प्रेमलता ने कहा कि वह अपने बेटे बृजेंद्र सिंह को 2014 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़वाने की तैयारी में थे लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा ने उनके बेटे को टिकट नहीं देने के लिए कांग्रेस पार्टी पर दबाव बनाकर उनको टिकट नहीं मिलने दी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कुमारी शैलजा ने 2014 में उनके बेटे के राजनीति में आने को लेकर उनकी राह में अड़ंगा डाला। 

बृजेंद्र सिंह को लोगों में पहचान बनाने के लिए फील्ड में करनी पड़ेगी मेहनत 

आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह यदि अपने पिता चौधरी बीरेंद्र सिंह की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए राजनीति में आते हैं तो राजनीति के क्षेत्र में उनकी राह इतनी आसान नहीं होगी। लोगों में अपनी पहचान बनाने के लिए बृजेंद्र सिंह को फील्ड में उतर कर काफी मेहनत करनी पड़ेगी। क्योंकि सरकारी नौकरी में होने के चलते अभी तक बृजेंद्र सिंह राजनीति में सक्रीय नहीं थे। इसके चलते लोगों से भी उनकी नजदीकियां ज्यादा नहीं रही।  

उचाना में चौधरी बीरेंद्र सिंह के साथ चौटाला परिवार का रहा है 36 का आंकड़ा

चौधरी बीरेंद्र सिंह के गृह क्षेत्र उचाना में चौटाला परिवार के साथ चौधरी बीरेंद्र सिंह का 36 का आंकड़ा रहा है। 2009 में विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने चौधरी बीरेंद्र सिंह के टक्कर में चुनाव लडक़र चौधरी बीरेंद्र सिंह को लगभग 635 मतों से पराजित किया था। इसके बाद ओमप्रकाश चौटाला के पौत्र दुष्यंत चौटाला ने 2014 में हिसार लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लडक़र जीत हासिल की और उचाना क्षेत्र में अपनी अच्छी-खासी पहचान बनाने का काम किया। लेकिन 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता ने भाजपा की सीट पर चुनाव लड़ते हुए युवा सांसद दुष्यंत चौटाला को 7800 वोटों से पराजित किया। इसके बाद से ही सांसद दुष्यंत चौटाला उचाना क्षेत्र में अपनी पकड़ को मजबूत करने में लगे हुए हैं। वहीं भजनलाल परिवार भी उचाना क्षेत्र में अपनी पैठ बनाने के लिए प्रयासरत है। क्योंकि उचाना विधानसभा क्षेत्र हिसार लोकसभा क्षेत्र में आता है और हिसार लोकसभा क्षेत्र भजनलाल परिवार की राजनीतिक का गढ़ माना जाता रहा है। 


गुरुवार, 22 नवंबर 2018

जिला उद्यान विभाग का कारनामा

आरटीआई कार्यकर्ता को दी गई सूचना में जारी कर दिए गलत आंकड़े
--उद्यान विभाग के सूचना अधिकारी ने दो बार जारी की गई सूचना में दिखए अलग-अलग आंकड़े
--जिला उद्यान विभाग को सरकार से प्राप्त बजट में दो लाख व लैप्स हुई राशि में साढ़े 11 लाख रुपए का अंतर

जींद, 21 नवंबर (नरेंद्र कुंडू):- जिला उद्यान विभाग कार्यालय का अनोखा कारनामा सामने आया है। जिला उद्यान विभाग के सूचना अधिकारी द्वारा आनन-फानन में एक आरटीआई कार्यकर्ता को भ्रामक व अधूरी सूचना जारी कर दी गई। उद्यान विभाग के सूचना अधिकारी ने आरटीआई कार्यकर्ता को एक ही सवाल की दो अलग-अलग जानकारी दी हैं। पहले दी गई जानकारी में उद्यान विभाग को वित्त वर्ष 2016-17 में सरकार से प्राप्त बजट में कुल 9,30,48,395 रुपये की राशि दिखाई गई है जबकि दोबारा दी गई जानकारी में 9,28,48,394 रुपए का बजट मिलना दर्शाया गया है। इस प्रकार पहले दिए गए आंकड़ों व दोबारा दिए गए आंकड़ों में दो लाख रुपए का अंतर है। इसी प्रकार वित्त वर्ष 2016-17 में विभाग की लैप्स हुई राशि के सवाल के जवाब में पहले दी गई जानकारी में कुल 2,69,64,258 रुपए का बजट विभाग के कार्यालय से लैप्स हुआ बताया गया है जबकि अक्तूबर में दोबारा दी गई सूचना में बताया कि 2,81,20,457 रुपए का बजट लैप्स हुआ है। इस प्रकार इन दोनों सूचनाओं में भी लगभग 11 लाख 56 हजार 199 रुपए का अंतर है।

विभाग के जन सूचना अधिकारी ने जारी कर दी अलग-अलग जानकारी 

झांझ कलां निवासी आरटीआई कार्यकर्ता वीरेंद्र जांगड़ा ने जींद जिले के उद्यान विभाग कार्यालय के जन सूचना अधिकारी से 12 मार्च 2018 को पांच बिन्दुओं पर प्रमाणित सूचनाएं मांगी थी। इनमें मुख्य रूप से वित्त वर्ष 2016-17 के लिए किस-किस मद में हरियाणा सरकार से बजट प्राप्त हुआ और किस-किस मद में खर्च किया गया पूछा था। जिला उद्यान विभाग के सूचना अधिकारी ने मई में पत्र भेज कर सूचना देते हुए बताया कि विभाग के जींद कार्यालय को वित्त वर्ष 2016-17 में कुल 9,30,48,395 रुपये का बजट प्राप्त हुआ जबकि दूसरा पत्र अक्तूबर में भेजते हुए बताया है कि 9,28,48,394 रुपए का बजट प्राप्त हुआ है और इसमें से लगभग 6,47,27,937 रुपए 6 अलग-अलग स्कीमों में खर्च किए गए हैं, यह बताया गया है। इस पर आरटीआई कार्यकर्ता ने विभाग के अधिकारी के जवाब पर प्रश्र चिह्न लगाते हुए कहा कि जब उद्यान विभाग के अधिकारी को इतना भी नहीं पता है कि उन्हें सरकार से बजट कितना प्राप्त हुआ है तो वो अधिकारी कैसे किसानों को सब्सिडी दे पाएगा। वीरेंद्र जांगड़ा ने बताया कि उद्यान विभाग के अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी में दोनों राशि में लगभग दो लाख एक रुपए का अंतर है और अब यहां सवाल यह उठता है कि जिला उद्यान विभाग द्वारा दी गई किस सूचना को सही माना जाए। वहीं उद्यान विभाग के सूचना अधिकारी द्वारा बजट के लैप्स होने को लेकर जो दो अलग-अलग आंकड़े दिए गए हैं उस राशि में भी बहुत ज्यादा अंतर है। सूचना अधिकारी द्वारा मई में भेजे गए पत्र के माध्यम से दी गई सूचना में बताया गया कि कुल 2,69,64,258 रुपए का बजट विभाग के कार्यालय से लैप्स हुआ जबकि दूसरा पत्र अक्तूबर में भेजते हुए बताया कि 2,81,20,457 रुपए का बजट लैप्स हुआ है। इस पर भी आरटीआई कार्यकर्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि इन दोनों सूचनाओं में भी लगभग 11 लाख 56 हजार 199 रुपए का अंतर है। सभी सूचनाएं द्वंदात्मक हैं तथा न ही स्पष्ट हैं। 

सब्सिडी जारी करने को लेकर मांगी गई जानकारी की नहीं दी सूचना

आरटीआई कार्यकर्ता वीरेंद्र जांगड़ा ने कहा कि उसने विभाग से यह भी जानकारी मांगी थी कि विभाग ने वित्त वर्ष 2016-17 में कितने किसानों को सब्सिडी दी है। जन सूचना अधिकारी ने सूचना में बताया कि विभिन्न स्कीमों के तहत जिला उद्यान विभाग ने जींद जिले के केवल 61 किसानों को ही विभिन्न उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी दी है। इसके साथ ही आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा यह भी सूचना मांगी गई थी कि एक वर्ष में एक किसान को कितनी बार सब्सिडी दी जा सकती है। सूचना अधिकारी ने इसकी जानकारी देने से मना करते हुए यह जवाब दे दिया कि इस तरह के नियमों की जानकारी विभाग की वेबसाइट से ली जा सकती है।

विभाग के प्रथम अपील अधिकारी को भी करके चुके हैं शिकायत 

आरटीआई कार्यकर्ता वीरेंद्र जांगड़ा ने बताया कि 1 अगस्त 2018 को विभाग के प्रथम अपील अधिकारी को भी प्रथम अपील भेजते हुए अनुरोध किया था कि उसे प्रमाणित व स्पष्ट सूचनाएं दिलवाई जाएं लेकिन प्रथम अपील अधिकारी ने आज तक भी सूचनाओं के लिए दायर कि गई प्रथम अपील कि सुनवाई नहीं कि है। जबकि प्रथम अधिकारी को इस अपील पर नियम के हिसाब से 45 दिन में ही फैसला करना था। आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि अब वे राज्य सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील करते हुए माननीय आयोग से सही, स्पष्ट व प्रमाणित सूचनाएं दिलवाने का अनुरोध करेंगे।

गलती से जारी हो गई थी पहली सूचना, दूसरी सूचना में दिए गए आंकड़े हैं सही

पहले दी गई सूचना में लिपिकीय गलती के कारण आरटीआई कार्यकर्ता को गलत आंकड़े जारी हो गए थे। बाद में प्रथम अपील के दौरान विभाग के महानिदेशक द्वारा पूरे रिकार्ड की जांच कर इन आंकड़ों को ठीक करवा कर दोबारा से सही जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता को देने के लिए आदेश जारी किए गए थे। प्रथम अपील की सुनवाई के दौरान आरटीआई कार्यकर्ता मौके पर नहीं पहुंच पाया था। प्रथम अपील की सुनवाई पर मैं खुद चंडीगढ़ गया था। विभाग के महानिदेशक द्वारा मुझे सही आंकड़े जुटा कर देने के लिए आदेश दिए गए थे। इसके बाद दोबार से पूरे रिकार्ड की जांच कर सही आंकड़े एकत्रित कर आरटीआई कार्यकर्ता को सही जानकारी दे दी गई थी। पहले दी गई सूचना जल्दबाजी में गलती से जारी हो गई थी। दोबारा जो सूचना दी गई है उसमें दिए गए आंकड़े सही हैं।
बीरेंद्र हुड्डा, जिला उद्यान अधिकारी
जींद
 
जिला उद्यान विभाग द्वारा दी गई सूचना की कॉपी को दिखाता आरटीआई कार्यकर्ता वीरेंद्र जांगड़ा। 

बुधवार, 21 नवंबर 2018

रोडवेज कर्मचारियों का ओवर टाइम बंद करने के लिए नई रूटेशन की प्रक्रिया शुरू


--स्टाफ की कमी के चलते बाधित होंगे रूट, यात्रियों को करना पड़ेगा परेशानी का सामना--सरकार ने रोडवेज विभाग से मांगी स्टाफ की रिपोर्ट 

जींद, 20 नवंबर (नरेंद्र कुंडू):- सरकार द्वारा हाल ही में दिए गए रोडवेज कर्मचारियों के ओवर टाइम बंद करने के आदेशों के बाद रोडवेज प्रशासन ने कर्मचारियों का ओवर टाइम बंद करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए डिपो महाप्रबंधक ने मंगलवार को विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक लेकर जल्द से जल्द बसों की नई रूटेशन तैयार करने की कार्रवाई शुरू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। आगामी दो से तीन दिन में बसों की नई रूटेशन तैयार हो जाएगी। हालांकि नई रूटेशन बनने के बाद कर्मचारियों की कमी के चलते कई रूट बाधित होंगे। इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। विभाग में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए सरकार ने भी प्रत्येक डिपो पर कितने कर्मचारियों की कमी है इसकी रिपोर्ट विभाग से मांगी है। अगर जींद डिपो की बात की जाए तो सरकार के आठ घंटे की ड्यूटी के आदेशों को लागू करने तथा सभी रूटों पर सुचारू रूप से बसें चलाने के लिए जींद डिपो में कम से कम 100 चालक व 100 परिचालकों की जरूरत है। 

रास्ते से वापिस नहीं आए कोई बस नई रूटेशन में इसका रखा जाएगा ध्यान 

जींद डिपो महाप्रबंधक प्रदीप कुमार द्वारा नई रूटेशन तैयार करने के कार्य में लगे अधिकारियों को यह साफ निर्देश जारी किए गए हैं कि लंबे रूट की कोई भी बस रास्ते से वापिस नहीं आए इसका विशेष ध्यान रखें। लंबे रूट पर चलने वाले चालक व परिचालकों की ड्यूटी इस तरह से तैयार करें कि आठ घंटे के हिसाब से उनका एक सप्ताह का टाइम सैट हो जाए। लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों के ओवर टाइम को सैट करने के लिए उनके रेस्टों में वृद्धि कर की जाएगी। इस प्रकार लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों को ज्यादा रेस्ट मिलेंगे। 

यात्रियों को उठानी पड़ेगी परेशानी

रोडवेज विभाग के पास कर्मचारियों की भारी कमी है। इसके चलते सरकार के ओवर टाइम बंद करने के आदेशों को लागू करने से बसों के कई रूट बाधित होंगे। जो चालक व परिचालक प्रति दिन आठ से 10 चक्कर लगाते हैं उनके चक्कर कम होकर 6 से 8 की संख्या तक सीमिट जाएंगे। बसों के रूट कम होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। 

सरकार ने मांगी कर्मचारियों की स्थिति की रिपोर्ट

प्रदेश सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों के ओवर टाइम बंद करने के आदेशों को लागू करवाने के लिए विभाग के सभी डिपो से कर्मचारियों की कमी की रिपोर्ट मांगी है। सरकार ने सभी डिपो महाप्रबंधकों को आदेश जारी किए हैं कि किस डिपो पर कितने कर्मचारियों की जरूरत है उसकी रिपोर्ट तैयार कर वह जल्द से जल्द विभाग के मुख्यालय को भेजें। 

2 से 3 दिन में तैयार होगी नई रूटेशन

रोडवेज कर्मचारियों के ओवर टाइम बंद करने के लिए नई रूटेशन तैयार की जा रही है। आगामी 2 से 3 दिन में नई रूटेशन तैयार हो जाएगी। डिपो में कर्मचारियों की कमी के कारण कई रूट बाधित होंगे। इससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ेगी। सरकार के आठ घंटे ड्यूटी के आदेशों को लागू करने के लिए जींद डिपो में कम से कम 100 चालक व 100 परिचालकों की जरूरत है। इनके साथ नई बसों की भी जरूरत है।
अजीत नेहरा, डिपो प्रधान, जींद