रविवार, 13 दिसंबर 2015

देश को कीट ज्ञान के मॉडल की सख्त जरूरत : डॉ. जेसी कत्याल

म्हारे किसानों के कीट ज्ञान का कायल हुआ किसान आयोग  
निडाना में आयोजित हुई किसान संगोष्ठी 

नरेंद्र कुंडू
जींद। किसान आयोग के चेयरमैन एवं हिसार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी डॉ. जेसी कत्याल ने जींद जिले के किसानों द्वारा शुरू की गई कीट ज्ञान की मुहिम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि हमें अपनी आने वाली पुस्तों को बचाना है तो कीट ज्ञान के इस मॉडल को प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में लागू करना होगा। आज देश के किसानों को कीट ज्ञान के इस मॉडल की सख्त जरूरत है। आज प्रकृति के साथ जिस तरह से खिलवाड़ हो रही है, वह हमारे आने वाली पीढ़ी के लिए एक बड़े खतरे का संकेत है। डॉ. जेसी कत्याल बृहस्पतिवार को निडाना गांव के डैफोडिल्स स्कूल में आयोजित किसान संगोष्ठी में कीटाचार्य महिला एवं पुरुष किसानों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ किसान आयोग के सचिव डॉ. आरएस दलाल, डॉ. एएम नरूला, डॉ. आरबी श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में पहुंचने पर कीटाचार्य किसानों, किसाल क्लब के प्रधान राजबीर कटारिया, राममेहर नंबरदार, स्कूल के प्रिंसीपल ने किसान आयोग के सदस्यों का स्वागत किया।
किसान आयोग के चेयरमैन डॉ कत्याल को पगड़ी पहना कर स्वागत करते राममेहर नंबरदार
किसानों को सम्बोधित करते किसान आयोग के चेयरमैन डॉ कत्याल
कार्यक्रम में मौजूद कीटाचार्या महिलाऐं
डॉ. कत्याल ने कहा कि जींद जिले के किसानों के अनुभव के सामने उनका 40-45 का अनुभव बिल्कुल नहीं के बराबर है। यहां के किसानों ने डॉ. सुरेंद्र दलाल के नेतृत्व में बड़े कठिन परिश्रम के बाद यह ज्ञान हासिल किया है और अब वह निस्वार्थ भाव से जींद व दूसरे जिलों के किसानों को जागरूक करने का बीड़ा उठाये हुए हैं। डॉ. कत्यान ने कहा कि किसानों द्वारा अधिक उत्पादन की चाह में फसल में जिस पेस्टीसाइड का प्रयोग किया जाता है, उसका महज एक प्रतिशत ही पौधों पर प्रयोग होता है। बाकि 99 प्रतिशत पेस्टीसाइड जमीन, हवा व पानी में घुलकर हमारे वातावरण को दूषित करता है। आज देश में 90 हजार करोड़ रुपये फर्टीलाइजर पर खर्च होते हैं। उन्होंने कहा कि जींद जिले के जो किसान अपने खर्च पर कीट ज्ञान की मुहिम को चलाए हुए हैं, वह इन किसानों के लिए आयोग की मार्फत सरकार को मानदेय देने तथा जहरमुक्त खेती को बढ़ावा देने वाले किसानों को अवार्ड देने की सिफारिश करेंगे। कीट ज्ञान की इस मुहिम को पूरे देश के किसानों तक पहुंचाने के लिए इसे एक कैंपेन बनाने की जरूरत है। इस दौरान कीटाचार्या महिला किसानों ने 'हो पिया तेरा हाल देख कै मेरा कालजा धड़कै हो, कांधे ऊपर जहर की टंकी मेरै कसुती रड़कै हो' गीत के माध्यम से फसलों में बढ़ रहे जहर तथा 'हे बीटल म्हारी मदद करो तेरा एक सहारा सै, जमींदार का खेत खा लिया आकै तनै बचाना है' गीत के माध्यम से फसल में कीट के महत्व के बारे में बताया। वहीं 'खेत में खड़ी ललकारूं देखे हो तू जहर ना लाइये' गीत के माध्यम से फसल में कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करने का आह्वान किया।

कीटों का पौधे के साथ होता है गहरा संबंध

महिला किसान सविता, अंग्रेजो, शकुंतला ने बताया कि कीटों और पौधों का गहरा रिश्ता होता है। उन्होंने 43 किस्म के शाकाहारी कीटों की पहचान की है। शाकाहारी कीट पौधों के अतिरिक्त भोजन को बाहर निकालने का काम करते हैं, वहीं मांसाहारी कीट शाकाहारी कीटों को नियंत्रित कर फसल में कूदरती कीटनाशी का काम करते हैं। रणबीर मलिक ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार हर वर्ष लगभग छह करोड़ लोगों की मौत होती है। इनमें से अकेले 76 लाख लोगों की मौत कैंसर के कारण तथा दो लाख 20 हजार लोगों की मौत प्रति वर्ष जहर के सेवन से होती है। देश में फसलों पर हर वर्ष 25 लाख टन पेस्टीसाइड का प्रयोग होता है। इस प्रकार हर वर्ष 10 हजार करोड़ रुपये खेती में इस्तेमाल होने वाले पेस्टीसाइडों पर खर्च हो जाते हैं। मलिक ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार कीट से फसल को 22 प्रतिशत नुकसान होता है और कीटनाशकों से 22 प्रतिशत में से महज सात प्रतिशत नुकसान की रिकवरी ही की जा सकती है। इस सात प्रतिशत रिकवरी के चक्कर में किसान का इससे ज्यादा खर्च कीटनाशक पर हो जाता है।  

अकेले ईगराह में प्रति वर्ष होती है साढ़े चार करोड़ के कीटनाशकों की बिक्री 

ईगराह गांव निवासी मनबीर रेढ़ू ने मांसाहारी कीटों पर चर्चा करते हुए बताया उनके द्वारा अभी तक 161 किस्म के मांसाहारी कीटों की पहचान की जा चुकी है। उन्होंने सभी कीटों के नाम उनके क्रियाकलापों व शारीरिक बनावट के आधार पर रखे हुए हैं। रेढू ने बताया कि उनके गांव में कुल १९ हजार बीघे जमीन है और अकेले उनके गांव में साढ़े चार करोड़ रुपये का जहर बिकता है। कीड़े द्वारा फसल में किए गए 22 प्रतिशत नुकसान में से सात प्रतिशत की रिकवरी के लिए अकेले उनके गांव में 13 लाख 30 हजार रुपये के कीटनाशकों का प्रयोग होता है। 

500 में से 150 के लग चुके हैं चश्में

डैफोडिल्स स्कूल की छात्रा अंजू ने आयोग के सदस्यों को बताया कि उनके स्कूल में 500 विद्यार्थी हैं और आज दूषित खान-पान के कारण इन 500 में से 150 विद्यार्थियों को चश्में लग चुके हैं। छात्रा ने कहा कि आज दूषित खान-पान के कारण उनका भविष्य खतरे में है। 

 

सोमवार, 7 दिसंबर 2015

केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता ने फिर उठाए मैरिट की भर्ती पर सवाल

कहा जींद के युवा नौकरी की उम्मीद छोड़ लोन लेकर शुरू करें स्वरोजगार

कोई मैनेजर लोन से इंकार करे तो बताएं, करूंगी सीधा 

नरेंद्र कुंडू 
जींद। केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बाद अब उनकी पत्नी एवं उचाना कलां से विधायक प्रेमलता ने भी लोगों के काम नहीं करने वाले अधिकाररियों को खुली चेतावनी दी है। वहीं उन्होंने एक बार फिर सरकार की मैरिट लिस्ट के आधार पर नौकरी देने की प्रक्रिया पर फिर सवाल उठाए हैं। प्रेमलता का कहना है कि मैरिट के आधार पर नौकरियां मिली तो जींद के युवा पिछड़ जाएंगे। विधायक प्रेमलता का कहना है कि जींद शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। यहां पर शिक्षा के प्रर्याप्त संसाधन व अच्छे शिक्षण संस्थान नहीं है। इसलिए मैरिट सूची के आधार पर नौकरी देने से जींद के युवा नौकरी से वंचित रह जाएंगे। प्रेमलता शनिवार को विश्व मृदा दिवस पर जाट धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने पहुंची थी।   
कार्यक्रम के दौरान मंच पर मौजूद विधायक प्रेमलता।
प्रेमलता ने कहा कि मैरिट के आधार पर तो जींद के युवाओं को नौकरी नहीं मिल पाएगी। इसलिए जींद के युवाओं को नौकरी की उम्मीद छोड़कर अपना स्वरोजगार स्थापित करना चाहिए। स्वरोजगार स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा बहुत ही रियायती ब्याज दरों पर युवाओं को लोन देने के लिए योजनाएं शुरू की गई हैं। युवा सरकार की इन योजनाओं का लाभ उठाकर बैंक से लोन लेकर अपना स्वारोजगार स्थापित कर सकते हैं। प्रेमलता ने कहा कि यदि कोई बैंक मैनेजर उन्हें लोन देने से मना करता है और वह लोन के लिए पात्र हैं तो वह इसकी शिकायत सीधे मुझे करें। मैं खुद ऐसे बैंक मैनेजरों को सीधा करुंगी। उन्होंने किसानों से भी आह्वान किया कि बैंक से लोन लेने के बाद वह नियमित रूप से लोन को चुकता करते रहें। ताकि बैंकों के साथ किसानों का लेन-देन बना रहे। 

पीएम मोदी के विदेशी दौरों को लेकर विपक्ष पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी दौरों को लेकर सवाल उठाने वाले विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए विधायक प्रेमलता ने कहा कि विश्व मृदा दिवस प्रधानमंत्री की सोच की ही देन है। प्रधानमंत्री विदेशों में घुमने के लिए नहीं बल्कि देश के किसानों के लिए नई-नई तकनीकों की खोज के लिए जाते हैं। विदेशों से नई-नई तकनीक की जानकारी लेकर वह उन तकनीकों को देश में लागू करवा रहे हैं। ताकि हमारा देश हर क्षेत्र में तरक्की कर सकें।  
  

किसानों के साथ बीज व दवाइयों के नाम पर हो रहे धोखे के लिए विभाग जिम्मेदार : प्रेमलता

अंग्रेजी भाषा में जारी किए गए सॉयल हैल्थ कार्ड पर भी उठाए सवाल
किसानों से किया प्राकृतिक पद्धति से खेती करने का आह्वान
अनाज मंडी में धान की बिक्री के दौरान किसानों के साथ हुई लूट का मुद्दा भी उठाया
कृषि विभाग द्वारा जाट धर्मशाला में विश्व मृदा दिवस पर किया गया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

नरेंद्र कुंडू 
जींद। विधायक प्रेमलता ने कहा कि फसलों में साल दर साल बढ़ रही बीमारियों व कीटों के प्रकोप का मुख्य कारण बाजार में बिक रहे निम्र श्रेणी के बीज व घटिया क्वालिटी की दवाइयां हैं। बीज व दवाइयों के नाम पर किसानों के साथ जो धोखा हो रहा है उसके लिए विभाग जिम्मेदार है। जींद के बिल्कुल साथ लगते हिसार जिले में एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी है। विभाग के अधिकारियों व कृषि विशेषज्ञों को चाहिए कि वह इस यूनिवर्सिटी से किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज व दवाइयां मुहैया करवाएं। ताकि किसानों को फसल की अच्छी पैदावार मिल सके और फसलों में आने वाली बीमारियों व कीटों को नियंत्रित किया जा सके। विधायक प्रेमलता शनिवार को कृषि विभाग द्वारा जाट धर्मशाला में विश्व मृदा दिवस पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने पहुंची थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपायुक्त विनय ङ्क्षसह ने की। इस अवसर पर कृषि उपनिदेशक आत्मराम गौदारा समेत कृषि विभाग व कृषि विज्ञान केंद्र पांडू पिंडारा के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
मंच पर मौजूद विधायक प्रेमलता व डीसी विनय सिंह
प्रेमलता ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जमीन व मनुष्य की सेहत एक तरह की होती हैं। जिस तरह हम अपनी सेहत का ध्यान रखते हैं वैसे ही हमें जमीन की सेहत का भी ध्यान रखना चाहिए। अगर किसान फसलों में सही मात्र में खाद एवं दवाइयों का प्रयोग करें तो खेती मुनाफे का सौदा बन सकती है। उन्होनें किसानों से अपील की वे फसलों में अधिक खाद एवं दवाइयों का प्रयोग न करें। खाद एवं दवाइयों का अधिक मात्र में प्रयोग करने से खेती की लागत तो बढ़ती ही है, साथ ही अनेक बीमारी भी पैदा होती हैं। उन्होनें फसलों में देशी खाद के प्रयोग पर बल देते हुए कहा कि ऐसा करने से जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी और पैदावारी में भी खासी बढ़ौतरी होगी। उन्होंने किसानों को आह्वान करते हुए कहा कि किसान कृषि में नवीन तकनीकों का प्रयोग करें। कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे किसानों को नई-नई तकनीकों के बारे में जागरूक करने के लिए समय-समय पर जागरूकता शिवरों का आयोजन करें और किसानों को साधारण भाषा में पूरी जानकारी दें। डीसी विनय सिंह ने कहा कि पूरे जिले की मिट्टी जांच कर रिकोर्ड तैयार करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। राष्ट्रीय कृषि मिशन योजना के तहत फिलहाल जींद तथा जुलाना खंड में मिट्टी जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं। आगामी एक अप्रैल से उचाना तथा नरवाना खंडों में मिट्टी जांच का कार्य शुरू करवाया अलेवा, सफीदों तथा पिल्लूखेड़ा खंडों में मिट्टी जांच का कार्र्य प्रारम्भ होगा। इस अवसर पर विधायक प्रेमलता तथा डीसी विनय सिंह ने किसानों को सॉयल हैल्थ कार्ड भी वितरित किए। कार्यक्रम में जाट धर्मार्थ सभा के प्रधान आजाद पवार, संजीव डूमरखां, हरेंद्र डूमरखां भी मौजूद रहे। इस अवसर पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने विधायक व डीसी से शहर के रोहतक रोड पर स्थित हमेटी में बॉयो फर्टीलाइजर लैब स्थापित करने की मांग भी की।

सॉयल हैल्थ कार्ड की भाषा पर उठाए सवाल 

कृषि विभाग द्वारा कार्यक्रम के दौरान किसानों को सॉयल हैल्थ कार्ड वितरित किए गए। कृषि विभाग द्वारा जारी इन सॉयल हैल्थ कार्ड को अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित करवाया गया था। विधायक प्रेमलता ने कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए सॉयल हैल्थ कार्ड की भाषा पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमारे किसान ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं और इन्हें अंग्रेजी भाषा की जानकारी भी नहीं है। ऐसे में कृषि विभाग द्वारा किसानों को अंग्रेजी भाषा में छपे सॉयल हैल्थ कार्ड जारी किए जाने से किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि किसान इस कार्ड पर दी गई जानकारी को समझ नहीं पाएंगे।

डीसी की थपथपाई पीठ

विधायक प्रेमलता ने डीसी विनय ङ्क्षसह की पीठ थपथपाते हुए कहा कि उनकी आधी से ज्यादा चिंता तो इसलिए दूर हो गई है कि विनय ङ्क्षसह जैसे ईमानदार अधिकारी ने उनके जिले की कमान संभाल ली है। विधायक ने कहा कि डीसी विनय ङ्क्षसह जिले से भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म कर जिले के विकास को नई गति देेंगे। क्योंकि वह एक ईमानदार व धरातल से जुड़े हुए अधिकारी हैं।

धान के भाव बढऩे से किसानों को नहीं हुआ फायदा

विधायक प्रेमलता ने कहा कि उन्होंने इस बार विधानसभा में सीजन के अंत में बढ़े धान के भाव को लेकर अपना सवाल उठाया था लेकिन विधानसभा में किसी के पास भी उनके इस सवाल का जवाब नहीं था। उन्होंने कहा कि धान के भाव उस समय बढ़े जब किसानों की ज्यादातर धान मंडियों में बिक चुकी थी। इसलिए इसका फायदा किसान को नहीं आढ़तियों को सबसे ज्यादा हुआ है।
कार्यक्रम में मौजूद किसान।

जींद को बना रखा है रैली स्थल

विधायक प्रेमलता ने कहा कि जिले के विकास में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी। जिले के सभी हलकों में सम्मान रूप से विकास कार्य करवाये जाएंगें। उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने 22 मांगें रखी थी और मुख्यमंत्री ने उनकी सभी मांगें पूरी कर दी हैं। जींद के बाईपास के निर्माण को लेकर भी मुख्यमंत्री से बातचीत की गई है। मुख्यमंत्री ने जल्द ही बाईपास का निर्माण करवाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि राजनेताओं ने तो जींद को रैली स्थल बनाकर रख दिया है। रैली करने के लिए तो यहां आ जाते हैं लेकिन विकास के नाम पर कोई भी यहां एक ईंट तक नहीं लगवाता। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश ने चौटाला नरवाना से विधायक बनने के बाद भी यहां कोई विकास नहीं करवाया, वहीं हुड्डा सरकार के शासन काल में भी पूरी तरह से जींद की अनदेखी हुई। विधायक ने कहा कि यहां तो गोपाल कांडा जैसे लोग भी रैली करके चले गए जिनका जींद के साथ कोई लेना देना नहीं है। इसलिए यहां के लोगों को जागरूक होना चाहिए और किसी राजनेता के रैली, जलसों में नहीं जाना चाहिए।
 किसानों का पंजीकरण करते कृषि विभाग के अधिकारी।

'डीएपी और स्प्रे करकै मेरी काढ़ ली जान तनै'

कार्यक्रम के दौरान खेड़ी निवासी लीला कवि ने धरती पर आधारित अपनी कविता 'डीएपी और स्प्रे करकै मेरी काढ़ ली जान तनै' तथा 'आज छिड़क कै जहर जमीन-जीवाणु सारे मार दिए हैं' के माध्यम से फसलों में प्रयोग हो रहे अंधाधुंध स्प्रे के बारे में किसानों को जागरूक किया।