गुरुवार, 31 जनवरी 2019

बांगर की धरती पर 52 सालों में पहली बार खिला कमल

--भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मिढ़ा 12935 वोटों से विजयी, लोसुपा प्रत्याशी की जमानत जब्त
--विरोधी दलों ने लगाए ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप

 जीत हासिल करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मिढ़ा।
जींद, 31 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):- हरियाणा की सत्ता का सेमीफाइनल माने जा रहे जींद विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा ने भारी मतों से जीत हासिल की है। हरियाणा के इतिहास में 52 सालों में जींद की धरती पर पहली बार कमल खिला है। भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने 12935 वोटों से जीत हासिल कर दिग्गज नेताओं को पटखनी देकर राजनीति के अध्याय में नया इतिहास रचने का काम किया है। इससे पूर्व जींद विधानसभा की सीट पर कांग्रेस व इनैलो का कब्जा रहा है। स्वयं डॉ. कृष्ण मिढ़ा के पिता स्वर्गीय डॉ. हरिचंद मिढ़ा इनैलो की टिकट पर दो बार जींद विधानसभा से विधायक रहे हैं। सत्ता के इस सेमीफाइनल को जीत कर भाजपा ने विरोधी दलों को एक बड़ा संदेश देने का काम किया है। वहीं विरोधियों ने ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। जींद उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सिंह सुरजेवाला जमानत जब्त होने से बाल-बाल बच गए लेकिन लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी प्रत्याशी विनोद आशरी अपनी जमानत नहीं बचा पाए। 
गौरतलब है कि 26 अगस्त को इनैलो विधायक डॉ. हरिचंद मिढ़ा के निधन के बाद जींद विधानसभा की सीट खाली हो गई थी। इसके बाद जनवरी 2019 में चुनाव आयोग द्वारा 28 जनवरी को जींद विधानसभा का उपचुनाव करवाने तथा 31 जनवरी को परिणाम की घोषणा की गई थी। जींद उपचुनाव की घोषणा के बाद सभी राजनीतिक दलों ने इस उपचुनाव में अपने प्रत्याशियों को उतारा था। जींद उपचुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल इसलिए माना जा रहा था क्योंकि इस उपचुनाव के परिणाम आगामी विधानसभा चुनाव पर पडऩे हैं। इसलिए जींद उपचुनाव पर हरियाणा ही नहीं पूरे देश की नजरें टिकट हुई थी। जींद उपचुनाव इसलिए भी हॉट सीट बना हुआ था क्योंकि कांग्रेस ने यहां से रणदीप सिंह सुरजेवाला को अपना प्रत्याशी बनाया था और जननायक जनता पार्टी ने दिग्विजय चौटाला को यहां से चुनाव मैदान में उतारा था। रणदीप सिंह सुरजेवाला व दिग्विजय चौटाला के चुनाव मैदान में आने से यह हॉट सीट बन गई थी। इस कड़ी के तहत वीरवार को जींद विधानसभा उपचुनाव के परिणाम घोषित किए गए। इस उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने 12935 वोट हासिल कर जीत हासिल करते हुए रणदीप सिंह सुरजेवाला व दिग्विजय चौटाला जैसे दिग्गिजों को पटखनी देने का काम किया। हरियाणा के 52 साल के इतिहास में जींद की धरा पर पहली भाजपा ने जीत हासिल की है। भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने जींद की धरती पर कमल खिलाने का काम किया है। वहीं मतगणना के आठवें राऊंड के दौरान मतगणना हाल के अंदर मौजूद प्रत्याशियों द्वारा ईवीएम के सीरियल नंबर नहीं मिलने को लेकर अपना विरोध जताया। इसके चलते लगभग एक घंटे तक मतगणना कार्य प्रभावित हुआ। इसके चलते मतगणना केंद्र के बाहर खड़े विरोधी दलों के समर्थकों ने काफी हंगामा किया, जिन्हें खदेडऩे के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा। 

किस पार्टी को कितने वोट मिले

जींद विधानसभा उपचुनाव के दौरान कुल 130828 वोट ईवीएम व 51 वोट पोस्टल से डाले गए थे। 
भाजपा  50566
जजपा 37631
कांग्रेस 22740
लोसुपा 13582
नोटा 345

गुरुवार, 10 जनवरी 2019

हरियाणा की सियायत में हर बार कांग्रेस के लिए तारणहार बने रणदीप सुरजेवाला

पांचवीं बार आमने-सामने होगा चौटाला व रणदीप परिवार
एक मंच पर दिखे कांग्रेस दिग्गिज, पर साथ निभाने पर दारमदार 

जींद, 10 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):-  जब-जब भी कांग्रेस मुश्किल दौर से गुजरी है तब-तब रणदीप सिंह सुरेजवाला कांग्रेस के लिए तारणहार बनकर आए हैं। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हर बार मुश्किल की घड़ी में कांग्रेस की नैया को मझधार से निकाल कर पार लगाने का काम किया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासन काल में गुरुग्राम में हुए मारुती कांड के दौरान उठे बवाल के दौरान रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस विवाद को निपटा कर कांग्रेस की शाख को बचाने का काम किया था। मारुती कांड के दौरान काफी बड़ा बवाल गुरुग्राम में हुआ था और उद्योगिक क्षेत्रों ने यहां से पलायन का निर्णय ले लिया था। इसके बाद जाट आरक्षण के दौरान भी हरियाणा में कांग्रेस को काफी विदोह का सामना करना पड़ा था। जगह-जगह जाटों ने आंदोलन शुरू करते हुए धरने-प्रदर्शन किए थे। इसके चलते रेलवे टै्रक तक जाम हो गए थे। जाट आंदोलन के दौरान बसें ही नहीं ट्रेनों के पहिए तक थम गए थे। जाट आंदोलन के दौरान भी रणदीप सिंह सुरजेवाला कांग्रेस के लिए संकट मोचन के रूप में सामने आए थे। जाट आंदोलन को निपटाने में रणदीप सिंह सुरजेवाला की अहम भूमिका थी। वहीं 2014 में चुनाव के बाद जब देश में भाजपा सत्ता पर काबिज हुई थी और कांग्रेस चारों खाने चित होकर सिकुडऩे लगी थी उस दौरान भी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कांग्रेस में प्राण फूंकने का काम किया था। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गत दिनों दूसरे प्रदेशों में हुए चुनाव में भी अच्छी भूमिका निभाने का काम किया था। अब जब जींद उपचुनाव में कांग्रेस को कोई भाजपा व जजपा को टक्कर देने के लिए कोई मजबूत चेहरा नहीं मिल रहा था तो भी रणदीप सिंह सुरजेवाला इस संकट की घड़ी में कांग्रेस के लिए तारणहार बनकर सामने आए हैं। रणदीप सिंह सुरजेवाला के चुनावी मैदान में आने के बाद इस उपचुनाव के समीकरण बदल गए हैं। कांग्रेसी नेताओं में फुट के कारण हरियाणा में बदनाम हो चुकी कांग्रेस को इस उपचुनाव में रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संजीवनी देने का काम किया है। रणदीप ङ्क्षसह के मैदान में आने से कांग्रेस के सभी दिग्गज एक मंच पर आ गए हैं।

एक मंच पर दिखे कांग्रेस दिग्गिज, पर साथ निभाने पर दारमदार

रणदीप सिंह सुरजेवाला के मैदान में आने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कैप्टन अजय यादव, कुमारी सैलजा, किरण चौधरी, कुलदीप बिश्रोई, प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर सभी एक मंच पर आ गए हैं। रणदीप सिंह के नामांकन दाखिल करवाने के लिए सभी दिग्गज नेता वीरवार को यहां पहुंचे थे लेेकिन यह सभी दिग्गज साथ निभाने के लिए कितने कारगर साबित होंगे यह समय बताएगा।

पांचवीं बार आमने-सामने होगा चौटाला-रणदीप परिवार

चौटाला परिवार व रणदीप सिंह सुरजेवाला का 36 का आंकड़ा रहा है। इस जींद विधानसभा उपचुनाव में चौटाला परिवार व रणदीप सिंह सुरजेवाला परिवार पांचवीं बार आमने-सामने होगा। इससे पहले 1993 में रणदीप सिंह सुरजेवाला के पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला को राज्यसभा में भेजे जाने के कारण नरवाना विधानसभा सीट खाली हो गई थी। इसके चलते वहां उपचुनाव हुआ था। इसमें इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला व रणदीप सिंह सुरजेवाला आमने-सामने हुए थे। इस उपचुनाव में रणदीप हार गए थे और ओमप्रकाश चौटाला विजयी हुए थे। इसके बाद 1996 में हुए विधानसभा चुनाव में रणदीप सिंह व ओमप्रकाश चौटाला फिर आमने-सामने हुए। इस बार बाजी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मारी ली और ओमप्रकाश चौटाला को हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला ने जीत हासिल की और रणदीप सिंह यह चुनाव हार गए थे। 2005 में ओमप्रकाश चौटाला व रणदीप सिंह सुरजेवाला फिर आमने-सामने हुए थे। 2005 में ओमप्रकाश चौटाला के मुख्यमंत्री होने के दौरान रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ओमप्रकाश चौटाला को हराने का काम किया था। अब 2019 में जींद विधानसभा के उपचुनाव में ओमप्रकाश चौटाला के पौत्र दिग्विजय चौटाला व रणदीप सिंह सुरजेवाला का आमना-सामना हुआ है। अब देखना यह है कि चौटाला परिवार व रणदीप ङ्क्षसह सुरजेवाला के बीच इस मुकाबले में बाजी किसके हाथ लगती है।

दिग्विजय चौटाला का नामांकन भरवाते सांसद दुष्यंत चौटाला। 

नामांकन दाखिल करवाने के बाद बाहर आते रणदीप सुरजेवाला। 






नामांकन भरने के दौरान खूब चले सियासी तीर

कांग्रेस और जजपा ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें
शहरी व गांव की पृष्टभूमि में उलझी सियासत

जींद, 10 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):- आगामी 28 जनवरी को जींद में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है। वीरवार को नामांकन दाखिल करवाने का अंतिम दिन होने के कारण इनैलो, कांग्रेस और जजपा ने भी अपने चुनावी घोड़े मैदान में उतार दिए। जींद उपचुनाव को आगामी विधानसभा का सैमीफाइनल माना जा रहा है। इसी के चलते सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत इस उपचुनाव में झौंक दी है। कांग्रेस व जजपा ने अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के लिए बड़े चेहरों को आगे कर दिया है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला को अपना उम्मीदवार बनाया है तो जजपा ने भी अपनी लहर को बरकरार रखने के लिए इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला को युवा चेहरे के तौर पर मैदान में उतारा है। कांग्रेस व जजपा ने जींद उपचुनाव में बड़े चेहरों को मैदान में उतार कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वहीं इनैलो ने जिला परिषद के उपप्रधान उम्मेद सिंह रेढ़ू को अपने प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा है। कांग्रेस व जजपा द्वारा बड़े चेहरे मैदान में उतारने के बाद लोगों की नजरें अब सबसे ज्यादा जजपा व कांग्रेस पर टिकी हुई हैं। वीरवार को सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करवा दिए। नामांकन दाखिल करवाने के दौरान राजनीतिक दलों के बीच जमकर सियासत के तीर चले। नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा। पूरा दिन शहर में राजनीति का माहौल गर्म रहा। राजनीतिक दलों के शक्ति प्रदर्शन के कारण जींद शहर पूरी तरह जाम हो गया। 

परिवारिक राजनीति को बढ़ावा दे रहा है दुष्यंत : अभय चौटाला

इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जींद उपचुनाव जींद की जनता की लड़ाई है। इसलिए हमनें अपना उम्मीदवार जींद से ही उतारा है। हमारा उम्मीदवार साधारण है व ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़ा हुआ है लेकिन कांग्रेस के पास चुनाव लडऩे के लिए कोई चेहरा नहीं था। इसलिए कांग्रेस ने कैथल से उम्मीदवार को एम्पोर्ट किया है। वहीं जजपा के पास भी कोई प्रत्याशी नहीं था। इसलिए उन्होंने जींद के उम्मीदवार पर भरोसा करने की बजाए अपने परिवार के सदस्य को ही राजनीति में आगे बढ़ा दिया। दुष्यंत खुद सांसद हैं, उनकी मां एमएलए है लेकिन इसके बाद भी उनकी तृप्ति नहीं हो रही है। दुष्यंत केवल अपने परिवार की राजनीति को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। यह सेल्फिश लोग हैं। जींद की जनता बाहरी उम्मीदवार को वोट नहीं देगी। इनैलो इस उपचुनाव में भारी बहुमत से चुनाव जीतेगी। 

भाजपा की ए-बी टीम है इनैलो व जजपा : रणदीप 

कांग्रेस प्रत्याशी एवं कैथल के विधायक रणदीप सिंह सुरजरेवाला ने कहा कि जींद उपचुनाव से खट्टर सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इनैलो व जजपा तो भाजपा की ही ए-बी टीम हैं। यह दोनों दल विकास की बात नहीं करते हैं। यह केवल मारने-काटने व जलाने की बात करते हैं। इन्होंने अपने शासन काल में तानाशाही को बढ़ावा दिया है। सत्ता में रहते हुए इन्होंने कभी भी जींद के विकास की तरफ ध्यान नहीं दिया। जींद की जनता बाहरी उम्मीदवार को वोट नहीं देगी। जींद की जनता के निर्णय के आगे सभी को सिर झुकाना पड़ेगा। जींद के विकास के लिए कांग्रेस ने उन्हें यहां भेजा है। वह उपचुनाव में जीत दर्ज करवा कर जींद में विकास कार्यों की झड़ी लगाने का काम करेंगे। 

मोदी, राहुल वर्सीज दिग्विजय बना जींद उपचुनाव : दुष्यंत

सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जींद उपचुनाव में जननायक जनता पार्टी से अपना उम्मीदवार इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला को बनाया है। पार्टी की कोर कमेटी ने दिग्विजय सिंह चौटाला के नाम पर अपनी सहमति जताई। इससे पहले पार्टी कार्यकर्ताओं से भी उम्मीदवार को लेकर राय ली गई थी। यह उपचुनाव निश्चित रूप से जेजेपी जीतेगी और इतिहास रचेगी। भाजपा और कांग्रेस इस उपचुनाव को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के स्तर का चुनाव मान कर अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरा है। चौ. देवीलाल की कर्मभूमि रही जींद की इस धरा से  दिग्विजय सिंह चौटाला पार्टी के विजयी अभियान की शुरूआत करेंगे और प्रदेश में 2019 में अगली सरकार जेजेपी पार्टी की होगी। जींद उपचुनाव नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी वर्सीज दिग्विजय का चुनाव बन गया है। चाहे महम, उचाना या नरवाना का चुनाव हो हमारे परिवार ने हमेशा ही चुनौती देकर चुनाव लड़ा है। हमारी रगों में भी देवीलाल का खून है इसलिए हमनें इस चुनाव को चुनौती के तौर पर स्वीकार करते हुए दिग्विजय को मैदान में उतारा है।

भाजपा ने बदले राजनीति के मायने : बराला

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद राजनीति के मायने ही बदल दिए हैं। इससे पहले प्रदेश में कांग्रेस या इनैलो दोनों दलों की सरकार रहती थी। नौकरियों में भाई-भतीजावाद को बढ़ावा मिलता था। भ्रष्टाचार का बोलबाला रहता था लेकिन भाजपा ने सत्ता में आने के बाद भाई-भतीजावाद व भ्रष्टाचार को खत्म कर विकास की तरफ जोर दिया है। सभी जिलों में बिना भेदभाव के विकास कार्य करवाए हैं। इस उपचुनाव में जींद की जनता विकास कार्यों पर मोहर लगाकर भाजपा को जिताने का काम करेगी। 

कांग्रेस व जजपा ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें

जींद उपचुनाव में कांग्रेस व जजपा ने बड़े चेहरों को आगे कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भाजपा ने उम्मीदवारों की लंबी फेहरिस्त में से इनैलो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए डॉ. कृष्ण मिढ़ा को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस व जजपा ने इस उपचुनाव में अपनी जीत पक्की करने के लिए बड़े चेहरों पर दाव खेला है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं कैथल के विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला को आगे कर बड़ा दाव खेल दिया है। रणदीप सिंह सुरजेवाला की कांग्रेस पर अच्छी पकड़ है। कई धड़ों में बटी कांग्रेस रणदीप सिंह के नाम पर एकजुट हो गई है। रणदीप सिंह सुरजेवाला के नाम की घोषणा के साथ ही कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओं को एक मंच पर आना मजबूरी हो गया है। वहीं जजपा ने भी इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला को युवा चेहरे के तौर पर मैदान में उतारा है। दिग्विजय चौटाला का भी युवा वर्ग में अच्छा जनाधार है। कांग्रेस व जजपा द्वारा बड़े चेहरे मैदान में उतारे जाने के कारण भाजपा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। 

शहरी व ग्रामीण की पृष्टभूमि पर बिछी सियासत की बिसात

जींद उपचुनाव में शहरी व ग्रामीण की पृष्ठभूमि पर सियासत की बिसात बिछी है। भाजपा के उम्मीदवार डॉ. कृष्ण मिढ़ा व लोकतंत्र सुरक्षा मंच के उम्मीदवार विनोद आशरी शहरी पृष्ठभूमि से हैं और इन दोनों उम्मीदवारों की शहरी क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। वहीं जजपा के उम्मीदवार दिग्विजय चौटाला, कांग्रेस के उम्मीदवार रणदीप सिंह सुरजेवाला का ग्रामीण क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। इनैलो का उम्मीदवार उम्मेद सिंह रेढू ग्रामीण क्षेत्र से है। 

रणदीप सिंह सुरजेवाला के नामकांन के लिए पहुंचे कांग्रेस के दिग्गज नेता।

अपने उम्मीदवार का नामांकन भरने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते अभय चौटाला। 

नामांकन दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते दिग्विजय चौटाला। 






राजनीतिक दलों ने नामांकन भरने से पहले शहर में किया शक्ति प्रदर्शन


भाजपा से डॉ. कृष्ण मिढ़ा, जजपा से दिग्विजय चौटाला, कांग्रेस से रणदीप सिंह सुरजेवाला व अंशुल सिंगला ने निर्दलिय के तौर पर किया नामांकन

जींद, 10 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):-  आगामी 28 जनवरी को जींद उपुचनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही जींद में सियासत का पारा चढ़ गया है। 10 जनवरी को नामांकन का अंतिम दिन होने के चलते सभी राजनीतिक दलों ने नामांकन से पहले शहर में अपना शक्ति प्रदर्शन किया और शक्ति प्रदर्शन के बाद लघु सचिवालय में पहुंच कर अपना नामांकन भरा। नामांकन प्रक्रिया के दौरान किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था नहीं हो इसके लिए प्रशासन द्वारा पुख्ता प्रबंध किए गए थे। इसके लिए प्रशासन की तरफ से दो ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए है। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजेश कौथ तथा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी नरवाना राजेश टिवाना को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। वहीं गोहाना रोड से लघु सचिवालय को आने वाले रास्ते पर बैरिगेट्स लगाए गए थे। उम्मीदवार के अलावा अन्य किसी भी वाहन को लघु सचिवालय में जाने की अनुमति नहीं थी। 10 जनवरी को नामांकन के अंतिम दिन भाजपा के उम्मीदवार डॉ. कृष्ण मिढ़ा, जजपा के उम्मीदवार दिग्विजय चौटाला, कांग्रेस के उम्मीदवार रणदीप सिंह सुरजेवाला, इनैलो से जिला परिषद के उपप्रधान उम्मेद सिंह रेढ़ू ने अपना नामांकन दाखिल करवाया। वहीं कांग्रेस की टिकट पर दावेदारी जताने वाले पूर्व मंत्री बृजमोहन सिंगला के पुत्र अंशुल सिंगला ने भी निर्दलिय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने से पूर्व भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने शहर के रानी तालाब से लेकर लघु सचिवालय तक भारी काफिले के साथ शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान उनके साथ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामबिलाश शर्मा, सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक, परिवहन मंत्री कृष्ण पवार, उचाना विधायक प्रेमलता, जिलाध्यक्ष अमरपाल राणा सहित पार्टी के कई अन्य पदाधिकारी भी साथ थे। वहीं रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कांग्रेस भवन से लेकर लघु सचिवालय तक अपना शक्ति प्रदर्शन किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा, कुलदीप बिश्रोई, किरण चौधरी, पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल, कैप्टन अजय यादव सहित कांग्रेस के कई दिग्गज नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला का नामांकन दाखिल करवाने पहुंचे। इनैलो प्रत्याशी उम्मेद सिंह रेढ़ू का नामांकन करवाने के लिए नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला, अशोक अरोड़ा, बसपा के प्रदेश प्रभारी प्रकाश भारती सहित अन्य कई पदाधिकारी मौजूद रहे। वहीं जजपा के प्रत्याशी दिग्विजय का नामांकन दाखिल करवाने के लिए सांसद दुष्यंत चौटाला, प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह, केसी बांगड़ सहित पार्टी के अन्य सभी वरिष्ठ पदाधिकारी साथ मौजूद रहे।   

माटी का कर्ज उतारने के लिए पार्टी ने दिया मौका

जींद का उपचुनाव जींद के विकास के लिए लड़ा जाएगा। यह चुनाव हरियाणा में नई बयार का चुनाव है। जींद की जनता के आशीर्वाद से जींद को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। जींद उपचुनाव से खट्टर सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। कैथल, हिसार, भिवानी, रोहतक की तर्ज पर जींद का विकास करवाया जाएगा। इनैलो व जजपा खट्टर सरकार की ए-बी टीम हैं। यह दोनों पार्टी हरियाणा के विकास की बजाए तानाशाही, तोडफ़ोड़, मारने-काटने की बाते करती हैं। वहीं भाजपा सरकार ने भी हरियाणा को जलाने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी ने जींद की माटी का कर्ज उतारने के लिए उन्हें मौका दिया है। वह जींद की जनता के आशीर्वाद से इस चुनाव में जीत दर्ज करवा कर जींद के विकास के लिए कार्य करेंगे।
रणदीप सिंह सुरजेवाला, उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी

जींद की जनता 10 माह के लिए मुझ पर विश्वास करके देखे

जींद की धरती को राजनीति का गढ़ माना जाता है। उन्होंने अपनी पार्टी की घोषणा भी जींद की धरती से ही की थी। यह चुनाव उनका पहला चुनाव है इसलिए वह जींद की जनता से अपील करेंगे की आगामी 10 माह के लिए जींद की जनता उन पर विश्वास करके देखे। इन 10 माह में जींद के लिए करवाए गए विकास कार्यों के बूते वह आगामी विधानसभा चुनाव में जनता के बीच वोट मांगने के लिए आएंगे। उन्हें जींद की जनता पर पूरा विश्वास है। जींद की जनता से उन्हें सिरसा की जनता से भी ज्यादा प्यार मिला है। दुष्यंत की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा कर कांग्रेस ने जींद उपचुनाव में रणदीप सिंह सुरजेवाला को मैदान में उतार कर सबसे बड़ा दाव खेला है। ताकि वह दुष्यंत को कमजोर कर सकें।
दिग्विजय चौटाला, उम्मीदवार जननायक जनता पार्टी

बाहरी उम्मीदवारों को नहीं स्वीकार करेगी जींद की जनता

उन्होंने पूरी निष्ठा व ईमानदारी से पार्टी की सेवा की है। पार्टी की सेवा व ईमानदारी को देखते हुए पार्टी ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा है। जींद की जनता ने उन्हें जिला परिषद की सीट पर विजयी बनाकर जिला परिषद में भेजने का काम किया है। अब जींद की जनता उन्हें विधानसभा में भेजने का काम करेगी। जजपा व कांग्रेस के पास चुनाव लडऩे के लिए कोई मजबूत चेहरा नहीं था। इसलिए कांग्रेस ने कैथल से उम्मीदवार को इम्पोर्ट किया है और जजपा ने जींद के स्थानीय कार्यकर्ता पर विश्वास करने की बजाए अपने परिवार के सदस्य को ही टिकट दिया है। कांग्रेस व जजपा दोनों पार्टियों के उम्मीदवार बाहरी हैं और जींद की जनता इन बाहरी उम्मीदवारों को स्वीकार नहीं करेगी। भाजपा के पास भी अपना कोई उम्मीदवार नहीं था। इसलिए भाजपा ने भी इनैलो के कार्यकर्ता को अपने साथ शामिल कर उस पर ही दाव खेला है। जींद उपचुनाव में इनैलो पार्टी की जीत पक्की है। पिछली दो योजना में भी इनैलो के उम्मीदवार ने जींद में अपनी जीत दर्ज करवाई है।
उम्मेद सिंह रेढ़ू, उम्मीदवार इनैलो

भाजपा के विकास कार्यों पर अपनी मोहर लगाएगी जींद की जनता

जींद उपचुनाव में जींद की जनता भाजपा सरकार द्वारा करवाए गए विकास कार्यों पर अपनी मोहर लगाएगी। उनके पिता जी स्वर्गीय डॉ. हरिचंद मिढ़ा ने जींद की जनता की निस्वार्थ भाव से सेवा की थी। इसलिए जींद की जनता ने उन्हें दो बार यहां से विधायक बनाने का काम किया था। उनके पिता के साथ-साथ वह भी पिछले 10 वर्षों से लोगों के बीच रहकर जनता की सेवा करने का काम कर रहे हैं। इसलिए इस उपचुनाव में भाजपा की जीत पक्की है। बाहरी उम्मीदवारों को जींद की जनता किसी भी कीमत पर अपना वोट नहीं देगी क्योंकि इन उम्मीदवारों को केवल चुनाव के समय ही उनकी याद आती है। भाजपा के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव लड़ेंगे।
डॉ. कृष्ण मिढ़ा, उम्मीदवार भाजपा

नामांकन दाखिल कर दिया है पार्टी के आदेश के बाद लेंगे फैसला

कांग्रेस की सीट पर उनकी दावेदारी काफी मजबूत थी लेकिन किसी कारण से पार्टी से उन्हें टिकट नहीं मिल पाई है। हमने अपना नामांकन दाखिल करवा दिया है बाकि पार्टी के जो आदेश मिलेंगे उसके बाद फैसला लिया जाएगा।
अंशुल सिंगला, उम्मीदवार निर्दलिय
रणदीप सिंह सुरजेवाला

दिग्विजय चौटाला 

डॉ. कृष्ण मिढ़ा 

उम्मेद सिंह रेढू 

अंशुल सिंगला

भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मिढ़ा का नामांकन दाखिल करवाने के लिए जाते शिक्षा मंत्री, सांसद रमेश कौशिक, विधायक प्रेमलता व अन्य भाजपा नेता। 






 









रविवार, 6 जनवरी 2019

टिकटार्थियों को साधने के प्रयास में जुटी भाजपा

--भाजपा नेताओं को सता रहा है टिकटार्थियों के बागी होने का भय
--भाजपा नामांकन के आखरी दिन करेगी उम्मीदवार के नाम की घोषणा
--भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा के इंतजार में दूसरे राजनीतिक दल

जींद, 6 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):- आगामी 28 जनवरी को होने वाला जींद विधानसभा उपचुनाव भाजपा के लिए किसी अग्रि परीक्षा से कम नहीं है। इस परीक्षा को पास करने के लिए भाजपा नेताओं द्वारा पूरी एक्सरसाइज की जा रही है। इस जींद उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दल अपने-अपने पार्टी के रथ को खींचने के लिए अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े की तलाश में हैं। भाजपा के पास इस समय टिकटार्थियों की लंबी कतार लगी हुई है। टिकटार्थियों की इस लंबी कतार ने भाजपा नेताओं की सांसें फुला रखी हैं। भाजपा नेताओं को टिकटार्थियों के बागी होने का भय सता रहा है। इसलिए भाजपा नेता उम्मीदवार की घोषणा करने के फैसला में जल्दबाजी करने से बच रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा पार्टी अपने उम्मीदवार की घोषणा 9 जनवरी को करेगी। ताकि टिकट नहीं मिलने से मायूस होने वाले अन्य टिकटार्थियों को बागी होने से रोका जा सके। क्योंकि 10 जनवरी को नामांकन की आखिरी तारीख है और यदि भाजपा 9 को अपने उम्मीदवार की घोषणा करती है तो समय के अभाव में टिकट नहीं मिलने से मायूस दूसरे टिकटार्थी नामांकन नहीं कर पाएंगे। वहीं दूसरे राजनीतिक दलों की नजरें भी भाजपा की तरफ टिकी हुई हैं। क्योंकि भाजपा द्वारा उम्मीदवार की घोषणा के बाद ही दूसरे राजनीतिक दल अपने समीकरण तय कर अपने उम्मीदवार की घोषणा करेंगे। वहीं सूत्रों से मिल रही जानकारी से यह भी सामने आया है कि भाजपा में टिकट की लाइन में खड़े कई टिकटार्थी लगातार दूसरे दलों के भी सम्पर्क में हैं।

कई उम्मीदवारों के नामाकंन पत्र हो चुके हैं तैयार, बस टिकट का है इंतजार

उपचुनाव में चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाना के लिए तैयार खड़े कई उम्मीदवारों ने तो अपना नामांकन पत्र तैयार करवाने व बैंक, बिजली निगम तथा अन्य विभागों से एनओसी लेने जैसी प्रक्रिया पहले ही पूरी करवा ली है। इन उम्मीदवारों को इस बात का भय सता रहा है कि यदि उन्हें उनकी इच्छुक पार्टी से टिकट नहीं मिला तो वह किसी दूसरे दल से या निर्दलिय चुनाव लड़ सकें। नामांकन के लिए अन्य प्रक्रिया पूरी करने में उनका समय खराब होने से बच सके व समय रहते वह अपना नामांकन करवा सकें।

संघ की तरफ से भी भाजपा पर बढ़ा दबाव

उपचुनाव में टिकट को लेकर भाजपा में चल रहे घमासान के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दबाव भी भाजपा नेताओं पर लगातार बढ़ता जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा इस समय केवल चुनाव जीत कर आने वाले उम्मीदवार पर दांव खेलना चाहती है और इसके लिए वह दूसरी पार्टी के मजबूत उम्मीदवार को भी अपने साथ शामिल कर टिकट देने से पीछे हटने वाली नहीं है लेकिन उधर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों ने भी भाजपा नेताओं पर संघ से संबंध रखने वाले उम्मीदवार को टिकट देने के लिए दबाव बनाया हुआ है।

भाजपा के पदाधिकारी पिछले कई दिनों से जींद में डाले हुए हैं डेरा

चुनाव में जीत के लिए भाजपा पूरे प्रयास कर रही है। भाजपा के नेता पार्टी के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने से लेकर बूथ स्तर तक पर अपनी फिल्डिंग तैयार कर रहे हैं। इसके लिए भाजपा के प्रांत स्तर के कई नेता पिछले कई दिनों से जींद में ही अपना डेरा डाले हुए हैं। ताकि उपचुनाव में दांव पर लगी पार्टी की शाख को बचाया जा सके।


शनिवार, 5 जनवरी 2019

टिकट को लेकर भाजपा में घमासान

--जींद उपचुनाव को लेकर पर्यवेक्षकों के सामने 11 उम्मीदवारों ने जताई अपनी दावेदारी
--ठंड के मौसम में उपचुनाव की आहट ने जींद की फिजाओं में पैदा की राजनीति की गर्माहट

जींद, 5 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):- जींद उपचुनाव की घोषणा के बाद से सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव जीतने के लिए अपने घोड़े दौड़ाने शुरू कर दिए हैं। सर्दी के इस मौसम में उपचुनाव की आहट ने जींद की फिजाओं में राजनीति की गर्माहट पैदा कर दी है। सभी राजनीति दलों की नजर जींद के उपचुनाव पर टिकी हुई हैं। राजनीतिक दल उपचुनाव में अपनी-अपनी जीत पक्की करने के लिए जोर-शोर से तैयारियों में लगे हुए हैं। क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जींद उपचुनाव को सैमीफाइल माना जा रहा है। इस सैमीफाइनल में जिस पार्टी का उम्मीदवार विजयी होगा आगामी विधानसभा चुनाव में उस पार्टी का पलड़ा भारी रहेगा। इसके चलते जींद उपचुनाव में विजयश्री का आशीर्वाद पाने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा दूसरे दलों के मजबूत उम्मीदवारों को भी अपने पाले में लाने के प्रयास चल रहे हैं। टिकट को लेकर सबसे ज्यादा घमासान भाजपा में मचा हुआ है। इस समय भाजपा के पास सबसे ज्यादा उम्मीदवार हैं। इस समय भाजपा के पास 11 उम्मीदवारों के नाम आए हुए हैं। इसी के चलते शुक्रवार को भाजपा के पर्यवेक्षकों ने कैथल रोड पर स्थित पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोली। पर्यवेक्षक के तौर पर भाजपा की राष्ट्रीय सचिव सुधा यादव व प्रदेश के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ शुक्रवार दोपहर को जींद पहुंचे थे। पर्यवेक्षकों के समक्ष अपनी-अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने के लिए सभी उम्मीदवार पूरे दल-बल के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे थे। पूरा दिन पार्टी कार्यालय में बैठकर पर्यवेक्षक सुधा यादव व ओमप्रकाश धनखड़ ने एक-एक कर सभी उम्मीदवारों की दावेदारी जांची। इस दौरान पर्यवेक्षकों ने उम्मीदवारों के साथ पहुंचे उनके समर्थकों से भी उनकी मजबूती के कारण भी पूछे। जींद विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे को लेकर 11 उम्मीदवारों ने पर्यवेक्षकों के सामने अपनी दावेदारी प्रस्तुत की। उम्मीदवारों के समर्थकों से राय लेने के बाद पर्यवेक्षकों ने बंद कमरे में उम्मीदवारों से भी उनकी मजबूत दावेदारी को लेकर चर्चा की। 

दल-बल के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे टिकटार्थी

उपचुनाव में जींद विधानसभा सीट पर पर्यवेक्षकों के सामने अपनी मजबूत दावेदारी प्रस्तुत करने के लिए सभी टिकटार्थी पूरे दल-बल के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे थे। टिकटार्थियों के साथ आए उनके समर्थक पूरे जोश के साथ अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे।  

पर्यवेक्षकों के कार्यालय पहुंचते ही समर्थकों ने लगाए अपने-अपने उम्मीदवारों के नारे 

उम्मीदवारों की फीड बैक लेने के लिए जैसे ही पर्यवेक्षक ओमप्रकाश धनखड़ व सुधा यादव पार्टी कार्यालय पहुंचे वैसे ही समर्थकों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में नारेबाजी शुरू कर दी। काफी देर तक समर्थकों ने नारेबाजी की। बाद में ओमप्रकाश धनखड़ ने उम्मीदवारों के नारेबाजी पर ऐतराज जताते हुए कहा कि यदि नारे लगाने हैं तो केवल पार्टी के ही लगाएं। जिनके साथ आप आएं हैं उनके पक्ष में केवल एकाध नारा ही लगाएं। 

टिकट के लिए इन-इन लोगों ने जताई अपनी-अपनी दावेदारी 

उपचुनाव में जींद विधानसभा से चुनाव लडऩे के लिए कुल 11 लोगों ने पर्यवेक्षकों के समक्ष अपनी-अपनी दावेदारी जताई। पर्यवेक्षकों ने सबसे पहले मास्टर गोगल को अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने का मौका दिया। दूसरे नंबर पर टेकराम कंडेला को समर्थकों के साथ अंदर बुलाया गया। तीसरे नंबर पर डॉ. कृष्ण मिढ़ा, चार नंबर पर मुख्यमंत्री के निजी सचिव राजेश गोयल को बुलाया गया लेकिन राजेश गोयल मौके पर मौजूद नहीं थे। इसके चलते राजेश गोयल के समर्थकों ने ही राजेश गोयल की तरफ से उनका पक्ष रखा। पांच नंबर पर लीलाधर मित्तल, छठे नंबर पर डॉ. ओमप्रकाश पहल, सातवें नंबर पर जवाहर सैनी, आठवें नंबर पर सुरेंद्र बरवाला, नौंवे नंबर पर बलकार डाहौला, दसवें नंबर पर सज्जन गर्ग तथा ग्याहरवें नंबर पर रामफल शर्मा ने टिकट को लेकर अपनी दावेदारी प्रस्तुत की। 

हाल में समर्थकों की नारेबाजी से परेशान होकर खुले मैदान में आए पर्यवेक्षक

पर्यवेक्षकों द्वारा पार्टी कार्यालय के हाल में बैठकर टिकटार्थियों के समर्थकों से राय लेने की प्लानिंग थी लेकिन जैसे ही यह प्रक्रिया शुरू हुई वैसे ही टिकटार्थियों के साथ पहुंचे उनके समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। काफी देर तक टिकटार्थियों के साथ आए समर्थक अपने-अपने उम्मीदवार के पक्ष में नारेबाजी करते रहे। पर्यवेक्षकों के रोकने पर भी जब समर्थक नहीं रूके तो पर्यवेक्षकों को मजबूरन हाल से निकल कर खुले मैदान में आना पड़ा। इसके बाद पर्यवेक्षकों ने एक-एक कर उम्मीदवार व उनके समर्थकों को अंदर हाल में बुला कर उनकी राय ली। 

हाई कमान को दी जाएगी रिपोर्ट

भाजपा के पास उपुचनाव को लेकर कई उम्मीदवार हैं। उम्मीदवारों की संख्या को देखते हुए पार्टी द्वारा उन्हें पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है। आज जींद में पहुंचकर उम्मीदवारों व उनके कार्यकर्ताओं की राय ली गई है। कार्यकर्ताओं से राय लेने के बाद एक-एक उम्मीदवार से भी राय ली जाएगी। इसके बाद यह रिपोर्ट हाई कमान को भेजी जाएगी। इसके बाद हाई कमान उम्मीदवार का फैसला करेगी। 
ओमप्रकाश धनखड़, कृषि मंत्री

जींद उपचुनाव राजनीतिक दलों के लिए बना प्रतिष्ठा का सवाल

उपचुनाव को लेकर टिकटार्थियों ने कसे लंगोट
--टिकट के लिए अपने-अपने घोड़े दौड़ा रहे टिकटार्थी
--भाजपा पर टिककी सभी राजनीतिक दलों की नजर 

जींद, 5 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):- जींद उपुचनाव की घोषणा के साथ ही चुनाव लडऩे के इच्छुक उम्मीदवारों ने भी अपने लंगोट कस लिए हैं। टिकट के लिए उम्मीदवार अपनी-अपनी गोटियां फिट करने में लगे हुए हैं। कुछ टिकटार्थी तो पिछले कई दिनों से दिल्ली के दरबार में अपने आकाओं के पास माथा टेक रहे हैं। वहीं राजनीतिक दलों ने भी टिकट के लिए उम्मीदवारों की दावेदारी को लेकर फील्ड से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। क्योंकि जींद उपचुनाव सभी राजनीतिक दलों के लिए नाक का सवाल बना हुआ है। सभी राजनीतिक दलों की नजरें इस समय भाजपा पर टिकी हुई हैं। दूसरे राजनीतिक दल इस बात के इंतजार में हैं कि भाजपा कब अपना उम्मीदवार घोषित करे। ताकि दूसरे दल भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतारने के लिए समीकरण बना सकें। भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा के बाद ही दूसरे राजनीतिक दल अपने पत्ते खोलेंगे लेकिन भाजपा अभी अपने पत्ते नहीं खोल रही है। क्योंकि भाजपा को भी इस बात का अंदेशा है कि यदि उन्होंने समय से पहले पत्ते खोल दिए तो उनकी पार्टी में टिकट की लाइन में खड़े दूसरे उम्मीदवार टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर दूसरी पार्टी में जा सकते हैं। इसके चलते भाजपा नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से एक दिन पहले ही अपने उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है। ताकि टिकट नहीं मिलने से मायूस दूसरे उम्मीदवारों को पाला बदलने के लिए समय नहीं मिले। 

उम्मीदवारों की नब्ज टटोल रही जजपा व इनैलो

जींद उपचुनाव के साथ ही इनैलो व जजपा ने भी अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतारने से पहले उम्मीदवारों व कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलनी शुरू कर दी है। फिल्हाल इनैलो व जजपा मजबूत चेहरे को ढुंढ़ रही है ताकि इस सैमीफाइनल को जीत कर वह आगामी विधान सभा चुनाव के फाइनल के लिए अपना माहौल तैयार कर सकें। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इनैलो उपचुनाव में यह सीट गठबंधन दल बसपा के उम्मीदवार को भी उतार सकती है। 

पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता पर दांव खेल सकती है भाजपा

भाजपा में टिकट के दावेदारों की फेरहिस्त काफी लंबी है। इसके चलते भाजपा के पर्यवेक्षकों ने मजबूत उम्मीदवार की तलाश में शुक्रवार को जींद में पहुंच कर कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोली थी। इस दौरान पर्यवेक्षकों के सामने 11 उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पेश की थी लेकिन यह कयाश लगाए जा रहे हैं कि भाजपा उपचुनाव में पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता पर अपना दांव खेल सकती है। क्योंकि उपचुनाव में भाजपा की प्रतिष्ठा दाव पर है। इसलिए भाजपा किसी भी कीमत पर इस उपचुनाव को हारना नहीं चाहती। क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव पर इस उपचुनाव का सीधा प्रभाव पड़ेगा। यह भी कह सकते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह चुनाव सैमीफाइनल है। इसके चलते भाजपा पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता को जींद विधानसभा सीट पर सबसे मजबूत उम्मीदवार मान रही है। हालांकि मांगेराम गुप्ता द्वारा पर्यवेक्षकों के सामने शुक्रवार को अपनी दावेदारी पेश नहीं की गई थी। लेकिन सूत्रों की मानें तो भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता से सम्पर्क कर रहे हैं। क्योंकि मांगेराम गुप्ता लगभग आठ बार जींद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं और चार बार वह यहां से चुनाव जीत कर विधायक व मंत्री बन चुके हैं।  

जींद उपचुनाव लड़कर बेटे महावीर गुप्ता के लिए पीच तैयार करेंगे मांगेराम गुप्ता

पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता ने 2009 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव हारने के बाद कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। इसके बाद मांगेराम गुप्ता 2013 इनैलो में शामिल हुए थे लेकिन 2014 में विधानसभा चुनाव में इनैलो द्वारा मांगेराम गुप्ता को टिकट नहीं देने से नाराज होकर मांगेराम गुप्ता ने इनैलो से भी दूरी बना ली थी। अब जींद उपचुनाव की घोषणा के बाद से भाजपा, कांग्रेस, इनैलो व जजपा (जननायक जनता पार्टी) लगातार पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता को अपने पक्ष में लाकर चुनाव लड़ाने के लिए तैयार हैं। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मांगेराम गुप्ता से लगातार सम्पर्क कर रहे हैं। वहीं इनैलो के विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ने भी शुक्रवार देर रात्रि मांगेराम गुप्ता से मुलाकात कर लगभग आधे घंटे तक बंद कमरे में बातचीत की। जजपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद दुष्यंत चौटाला भी अलग पार्टी बनाने के बाद मांगेराम गुप्ता से कई बार मुलाकात कर चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी मांगेराम गुप्ता से सम्पर्क कर रहे हैं। लेकिन मांगेराम गुप्ता स्वयं चुनाव नहीं लड़कर अपने बेटे महावीर गुप्ता को चुनाव लड़वाना चाहते थे। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजनीतिक दलों से बढ़ते दबाव के चलते मांगेराम गुप्ता स्वयं चुनाव लड़ सकते हैं। यदि मांगेराम गुप्ता उपचुनाव स्वयं लड़ते हैं और वह यह उपचुनाव जीतने में सफल रहते हैं तो वह आगामी विधानसभा चुनाव में अपने बेटे महावीर गुप्ता के लिए राजनीति की पिच तैयार कर देंगे। 

सोमवार, 10 दिसंबर 2018

‘पांडुओं की तपो भूमि से दुष्यंत युग का आरंभ’

जींद में आयोजित हुए समस्त हरियाणा सम्मेलन में दुष्यंत ने किया नई पार्टी जेजेपी का ऐलान
परदादा चौधरी देवीलाल के इतिहास को दोहरा गए दुष्यंत

जींद, 09 दिसंबर (नरेंद्र कुंडू) :- पांडुओं की तपो भूमि रही जींद जिले के पांडू पिंडारा की धरा से रविवार को दुष्यंत युग का आरंभ हो गया। पांडू पिंडारा में आयोजित समस्त हरियाणा सम्मेलन में सांसद दुष्यंत चौटाला ने अपनी नई पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का ऐलान कर दिया। इस दौरान सांसद ने विधिवत रूप से अपनी पार्टी के नए झंडे व नए डंडे को भी लांच किया। पांडू पिंडारा की धरती पर लाखों की संख्या में भीड़ जुटा कर दुष्यंत चौटाला ने अपने परदादा चौधरी देवीलाल की 1986 में जींद में आयोजित हुई विशाल रैली के इतिहास को दोहरा दिया। रैली को लेकर लोगों में भारी जोश नजर आ रहा था। चारों तरफ दुष्यंत के समर्थन में नारे लग रहे थे। नई पार्टी की घोषणा के साथ ही दुष्यंत ने अपनी पार्टी की नीतियों के माध्यम से बुजुर्गों, युवाओं, व्यापारियों, कर्मचारियों व महिलाओं सहित हर वर्ग को साधने का काम किया। रैली में उमड़े जन सैलाब को देखकर मंच पर उपस्थित सभी नेता व कार्यकर्ता गदगद नजर आ रहे थे। पांडुओं की तपोस्थली से शुरू हुई सांसद दुष्यंत चौटाला की राजनीतिक पारी में उनके छोटे भाई एवं इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला उनके सारथी बने। दिग्विजय चौटाला ने बार-बार मंच से विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। दिग्विजय चौटाला ने अभय चौटाला पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि ‘जिसकी तु दुहाई देता है, उसको ऊंचा सुनाई देता है, मैं जानता हूं तेरी नीयत को तू क्यों सफाई देता है।’ 

नई पार्टी के ऐलान के साथ पार्टी का झंडा लहराती नैना चौटाला व अन्य।
 रैली को सम्बोधित करते सांसद दुष्यंत चौटाला व रैली में उमड़ा जन सैलाब।


दुष्यंत को चंडीगढ़ पहुंचाने के लिए करना है राम सेतू का निर्माण 

मंच पर मौजूद दुष्यंत चौटाला व अन्य नेता। 
डबवाली विधायक एवं दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला ने कहा कि जिस तरह से भगवान श्रीराम को लंका तक पहुंचाने के लिए वानर सेना ने राम सेतू का निर्माण किया था ठीक उसी तरह दुष्यंत को चंडीगढ़ तक पहुंचाने के लिए कार्यकर्ताओं को भी राम सेतू का निर्माण करना पड़ेगा। इसके लिए प्रत्येक कार्यकर्ता अपने साथ नए कार्यकर्ताओं को जोडऩे का काम करें। इस दौरान नैना चौटाला ने बिना अभय चौटाला का नाम लिए कहा कि रैली में उमड़े जन सैलाब ने उन लोगों के चोटी में पसीना ला दिया जो दुष्यंत के खिलाफ षडय़ंत्र रच रहे थे। 

ओमप्रकाश चौटाला हमारे परिवार के मुखिया, कानूनी अड़चनों के कारण नहीं लगाई फोटो

सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ओमप्रकाश चौटाला हमारे परिवार के मुखिया हैं और वह हमारे दिलों में बसते हैं। सांसद ने कहा कि कुछ लोग पुछते हैं कि हम पोस्टरों पर ओमप्रकाश चौटाला के फोटो क्यों नहीं लगाते। ऐसा इसलिए करना पड़ता है कि ओमप्रकाश चौटाला इनैलो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और कानूनी अड़चनों के कारण हम उनका फोटो नहीं लगा सकते। जिस दिन वह इनैलो से इस्तिफा दे देंगे उस दिन हम उनका फोटो भी लगा देंगे। इस दौरान दुष्यंत चौटाला ने कार्यकर्ताओं से ओमप्रकाश चौटाला के नाम के नारे भी लगवाए।    

भाजपा ने मेरे खिलाफ रचा चक्रव्यूह

सांसद दुष्यंत चौटाला ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरी लोकप्रियता को खत्म करने के लिए भाजपा ने मेरे खिलाफ चक्रव्यूह रचा। इसके लिए पहले बीरेंद्र ङ्क्षसह को केंद्रिय मंत्री बनाया, जिसका गृहक्षेत्र उचाना मेरी लोकसभा क्षेत्र में आता है, फिर सुभाष चंद्रा को राज्यसभा में भेजा जो कि हिसार से हैं और यह भी मेरी लोकसभा क्षेत्र में आता है फिर डीपी वत्स को राज्यसभा में भेजा जो कि हांसी से हैं और यह भी मेरे लोकसभा क्षेत्र में आते हैं। लेकिन मैंने जनता के प्यार से भाजपा के इस चक्रव्यूह को भेद दिया।

एक वोट-एक नोट का दिया नारा

सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उनकी पार्टी नई है और अभी तक उनकी पार्टी का बैंक खाता भी नहीं खुला है। इसलिए कार्यकर्ता पार्टी को मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक लोगों को पार्टी के साथ जोड़ें। सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सभी कार्यकर्ता एक वोट व एक नोट का आह्वान करते हुए पार्टी को मजबूत करने के लिए सदस्यता अभियान चलाएं। सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वह भी अपने चार साल के कार्यकाल का लगभग 27 लाख रुपए का वेतन पार्टी को भेंट करेंगे।  

दुष्यंत को देखते ही जोश से उमड़ पड़े युवा, बेरिगेटस तोड़ स्टेज के पास पहुंचे

दुष्यंत की झलक पाने के लिए लोगों में भारी उत्साह था। जैसे ही सांसद दुष्यंत चौटाला हेलीपैड से पैदल चलते हुए मंच पर पहुंचे तो युवा उनकी झलक पाने के लिए जोश से भर गए। इस दौरान उत्साहित युवाओं ने मंच के आगे लगाए गए बेरिगेटस को तोड़ कर बिल्कुल मंच के पास पहुंच गए और काफी देर तक दुष्यंत-दुष्यंत के नारों से रैली स्थल गुंजता रहा। 
 


शनिवार, 8 दिसंबर 2018

‘पांडू पिंडारा की ऐतिहासिक धरती पर इनैलो का तर्पण कर नई पार्टी का आगाज करेंगे दुष्यंत चौटाला’

32 साल बाद परदादा चौ. देवीलाल के करिश्मे को दोहराने की तैयारी में दुष्यंत 

जींद, 7 दिसंबर (नरेंद्र कुंडू) :- पांडुओं ने महाभारत की लड़ाई में मारे गए अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए पिंडारा की जिस धरती पर पितरों का तर्पण किया था उसी धरती से सांसद दुष्यंत चौटाला 9 दिसंबर को इनैलो का तर्पण कर अपनी नई पार्टी का ऐलान करेंगे। पांडू पिंडारा की इस ऐतिहासिक धरती पर 9 दिसंबर को आयोजित होने वाला ‘समस्त हरियाणा सम्मेलन’ दुष्यंत चौटाला का राजनीतिक भविष्य भी तय करेगा। जींद की जिस धरती पर 1986 में चौधरी देवीलाल ने ऐतिहासिक रैली कर हरियाणा की राजनीति में हलचल पैदा की थी ठीक उसी धरती से सांसद दुष्यंत चौटाला 32 साल बाद अपने परदादा चौधरी देवीलाल के करिश्में को दोहराने की तैयारी में है। बता दें कि चौधरी देवीलाल ने 1986 में जींद में विशाल रैली का आयोजन किया था, जिसकी बदौलत 1987 में चौधरी देवीलाल की पार्टी ने प्रदेश की 85 विधानसभा सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। ठीक उसी की तर्ज पर सांसद दुष्यंत चौटाला 9 दिसंबर को जींद के पांडू पिंडारा में विशाल रैली का आगाज करेंगे। 9 दिसंबर को पिंडारा में आयोजित होने वाली इस रैली में सांसद दुष्यंत चौटाला अपनी नई राजनीतिक पारी के साथ-साथ नई पार्टी व नया निशान तय करेंगे। इस रैली को सफल बनाने के लिए दुष्यंत समर्थक दिन-रात जी-जान से मेहनत कर रहे हैं। इस रैली में भारी संख्या में लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। 
बॉक्स
इनसो का झंडा व ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ा चिह्न हो सकता है निशान
दुष्यंत चौटाला द्वारा 9 दिसंबर को पांडू पिंडारा में आयोजित होने वाले समस्त हरियाणा सम्मेलन में नई पार्टी के ऐलान के साथ ही नए डंडे व नए झंडे की भी घोषणा की जाएगी। सांसद दुष्यंत चौटाला की नई पार्टी का झंडा इनसो के झंडे से मिलता-जुलता रहेगा, वहीं चुनाव चिह्न भी ग्रामीण आंचल या खेती-बाड़ी के औजारों से मिलता-जुलता होगा। ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आसानी से चुनाव चिह्न की पहचान हो सके। 
बॉक्स
100 एकड़ में बिछाई गई दरियां, 1500 लोगों को सौंपी गई रैली की तैयारियों की जिम्मेदारी
9 दिसंबर को पांडू पिंडारा में आयोजित होने वाली सांसद दुष्यंत चौटाला की रैली के प्रति लोगों के उत्साह व भारी भीड़ उमडऩे के अंदेशे को देखते हुए दुष्यंत समर्थकों द्वारा 500 एकड़ में रैली स्थल तय किया गया है। इसमें से स्टेज के बिल्कुल सामने 100 एकड़ में लोगों के बैठने के लिए दरियां बिछवाई जा रही हैं। यदि भीड़ ज्यादा हुई तो साथ के साथ दूसरे हिस्से में भी दरियां बिछाने का काम किया जाएगा। वहीं रैली को सफल बनाने के लिए 1500 लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। 
बॉक्स
इनसो के वालिंटियर संभालेंगे यातायात व्यवस्था
9 दिसंबर की रैली में उमडऩे वाली भीड़ को देखते हुए यातायात व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए यातायात की जिम्मेदारी इनसो के कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है। एक हजार के करीब इनसो के वालिंटियर सभी चौक व नाकों पर खड़े होकर यातायात पुलिस की मदद करेंगे और वाहनों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेंगे। बाहर से आने वाले वाहनों को शहर के अंदर इंट्री करने की बजाए बाहर से ही डाइवर्ट किया जाएगा। 

रैली स्थल का दौरा करते हुए दिग्विजय चौटाला व अन्य कार्यकर्ता। 

शुक्रवार, 23 नवंबर 2018

अपने पिता बीरेंद्र सिंह की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए राजनीति में इंट्री कर सकता है आईएएस बेटा बृजेंद्र सिंह

--भाजपा विधायक प्रेमलता ने दिए बेटे बृजेंद्र सिंह के चुनाव लडऩे के संकेत
--चौटाला व भजनलाल परिवार को टक्कर देने के  लिए बृजेंद्र सिंह को युवा चेहरे के तौर पर मैदान में उतार सकते हैं केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह

जींद, 22 नवंबर (नरेंद्र कुंडू) :- अपने पिता एवं चौधरी छोटूराम के नाती केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए आईएएस बेटा बृजेंद्र सिंह आईएएस की कुर्सी को छोडक़र राजनीति के मैदान में उतर सकता है। केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी एवं उचाना से भाजपा विधायक प्रेमलता ने अपने बेटे बृजेंद्र सिंह के 2019 में चुनाव लडऩे के संकेत दिए हैं। बृजेंद्र सिंह को 2019 में लोकसभा या विधानसभा की टिकट पर चुनाव लड़वाया जा सकता है। किस लोकसभा या विधानसभा से बृजेंद्र सिंह को चुनाव लड़वाया जाएगा इसको लेकर अभी तक विधायक प्रेमलता ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। शहर के पीडब्ल्यूडी रैस्ट हाऊस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान विधायक प्रेमलता ने कहा कि जिस भी लोकसभा या विधानसभा से बृजेंद्र सिंह चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर करेगा उसी सीट से उसे चुनाव लड़वा दिया जाएगा, उसके लिए पूरा मैदान खाली पड़ा है। वहीं प्रेमलता ने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह 2019 का चुनाव नहीं लड़ेंगे। क्योंकि चौधरी बीरेंद्र सिंह का केंद्रीय मंत्री का कार्यकाल 2022 तक का है। आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह के राजनीति में आने को लेकर यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि उचाना क्षेत्र में चौटाला परिवार व भजनलाल परिवार को टक्कर देने के लिए केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह अपने आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह को युवा चेहरे के तौर पर मैदान में उतार सकते हैं। फिलहाल बृजेंद्र सिंह हैफेड में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।  
पत्रकारों से बातचीत करती विधायक प्रेमलता। 

2014 में हुड्डा व शैलजा ने डाला अड़ंगा

उचाना की विधायक प्रेमलता ने कहा कि वह अपने बेटे बृजेंद्र सिंह को 2014 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़वाने की तैयारी में थे लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा ने उनके बेटे को टिकट नहीं देने के लिए कांग्रेस पार्टी पर दबाव बनाकर उनको टिकट नहीं मिलने दी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कुमारी शैलजा ने 2014 में उनके बेटे के राजनीति में आने को लेकर उनकी राह में अड़ंगा डाला। 

बृजेंद्र सिंह को लोगों में पहचान बनाने के लिए फील्ड में करनी पड़ेगी मेहनत 

आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह यदि अपने पिता चौधरी बीरेंद्र सिंह की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए राजनीति में आते हैं तो राजनीति के क्षेत्र में उनकी राह इतनी आसान नहीं होगी। लोगों में अपनी पहचान बनाने के लिए बृजेंद्र सिंह को फील्ड में उतर कर काफी मेहनत करनी पड़ेगी। क्योंकि सरकारी नौकरी में होने के चलते अभी तक बृजेंद्र सिंह राजनीति में सक्रीय नहीं थे। इसके चलते लोगों से भी उनकी नजदीकियां ज्यादा नहीं रही।  

उचाना में चौधरी बीरेंद्र सिंह के साथ चौटाला परिवार का रहा है 36 का आंकड़ा

चौधरी बीरेंद्र सिंह के गृह क्षेत्र उचाना में चौटाला परिवार के साथ चौधरी बीरेंद्र सिंह का 36 का आंकड़ा रहा है। 2009 में विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने चौधरी बीरेंद्र सिंह के टक्कर में चुनाव लडक़र चौधरी बीरेंद्र सिंह को लगभग 635 मतों से पराजित किया था। इसके बाद ओमप्रकाश चौटाला के पौत्र दुष्यंत चौटाला ने 2014 में हिसार लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लडक़र जीत हासिल की और उचाना क्षेत्र में अपनी अच्छी-खासी पहचान बनाने का काम किया। लेकिन 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता ने भाजपा की सीट पर चुनाव लड़ते हुए युवा सांसद दुष्यंत चौटाला को 7800 वोटों से पराजित किया। इसके बाद से ही सांसद दुष्यंत चौटाला उचाना क्षेत्र में अपनी पकड़ को मजबूत करने में लगे हुए हैं। वहीं भजनलाल परिवार भी उचाना क्षेत्र में अपनी पैठ बनाने के लिए प्रयासरत है। क्योंकि उचाना विधानसभा क्षेत्र हिसार लोकसभा क्षेत्र में आता है और हिसार लोकसभा क्षेत्र भजनलाल परिवार की राजनीतिक का गढ़ माना जाता रहा है। 


गुरुवार, 22 नवंबर 2018

जिला उद्यान विभाग का कारनामा

आरटीआई कार्यकर्ता को दी गई सूचना में जारी कर दिए गलत आंकड़े
--उद्यान विभाग के सूचना अधिकारी ने दो बार जारी की गई सूचना में दिखए अलग-अलग आंकड़े
--जिला उद्यान विभाग को सरकार से प्राप्त बजट में दो लाख व लैप्स हुई राशि में साढ़े 11 लाख रुपए का अंतर

जींद, 21 नवंबर (नरेंद्र कुंडू):- जिला उद्यान विभाग कार्यालय का अनोखा कारनामा सामने आया है। जिला उद्यान विभाग के सूचना अधिकारी द्वारा आनन-फानन में एक आरटीआई कार्यकर्ता को भ्रामक व अधूरी सूचना जारी कर दी गई। उद्यान विभाग के सूचना अधिकारी ने आरटीआई कार्यकर्ता को एक ही सवाल की दो अलग-अलग जानकारी दी हैं। पहले दी गई जानकारी में उद्यान विभाग को वित्त वर्ष 2016-17 में सरकार से प्राप्त बजट में कुल 9,30,48,395 रुपये की राशि दिखाई गई है जबकि दोबारा दी गई जानकारी में 9,28,48,394 रुपए का बजट मिलना दर्शाया गया है। इस प्रकार पहले दिए गए आंकड़ों व दोबारा दिए गए आंकड़ों में दो लाख रुपए का अंतर है। इसी प्रकार वित्त वर्ष 2016-17 में विभाग की लैप्स हुई राशि के सवाल के जवाब में पहले दी गई जानकारी में कुल 2,69,64,258 रुपए का बजट विभाग के कार्यालय से लैप्स हुआ बताया गया है जबकि अक्तूबर में दोबारा दी गई सूचना में बताया कि 2,81,20,457 रुपए का बजट लैप्स हुआ है। इस प्रकार इन दोनों सूचनाओं में भी लगभग 11 लाख 56 हजार 199 रुपए का अंतर है।

विभाग के जन सूचना अधिकारी ने जारी कर दी अलग-अलग जानकारी 

झांझ कलां निवासी आरटीआई कार्यकर्ता वीरेंद्र जांगड़ा ने जींद जिले के उद्यान विभाग कार्यालय के जन सूचना अधिकारी से 12 मार्च 2018 को पांच बिन्दुओं पर प्रमाणित सूचनाएं मांगी थी। इनमें मुख्य रूप से वित्त वर्ष 2016-17 के लिए किस-किस मद में हरियाणा सरकार से बजट प्राप्त हुआ और किस-किस मद में खर्च किया गया पूछा था। जिला उद्यान विभाग के सूचना अधिकारी ने मई में पत्र भेज कर सूचना देते हुए बताया कि विभाग के जींद कार्यालय को वित्त वर्ष 2016-17 में कुल 9,30,48,395 रुपये का बजट प्राप्त हुआ जबकि दूसरा पत्र अक्तूबर में भेजते हुए बताया है कि 9,28,48,394 रुपए का बजट प्राप्त हुआ है और इसमें से लगभग 6,47,27,937 रुपए 6 अलग-अलग स्कीमों में खर्च किए गए हैं, यह बताया गया है। इस पर आरटीआई कार्यकर्ता ने विभाग के अधिकारी के जवाब पर प्रश्र चिह्न लगाते हुए कहा कि जब उद्यान विभाग के अधिकारी को इतना भी नहीं पता है कि उन्हें सरकार से बजट कितना प्राप्त हुआ है तो वो अधिकारी कैसे किसानों को सब्सिडी दे पाएगा। वीरेंद्र जांगड़ा ने बताया कि उद्यान विभाग के अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी में दोनों राशि में लगभग दो लाख एक रुपए का अंतर है और अब यहां सवाल यह उठता है कि जिला उद्यान विभाग द्वारा दी गई किस सूचना को सही माना जाए। वहीं उद्यान विभाग के सूचना अधिकारी द्वारा बजट के लैप्स होने को लेकर जो दो अलग-अलग आंकड़े दिए गए हैं उस राशि में भी बहुत ज्यादा अंतर है। सूचना अधिकारी द्वारा मई में भेजे गए पत्र के माध्यम से दी गई सूचना में बताया गया कि कुल 2,69,64,258 रुपए का बजट विभाग के कार्यालय से लैप्स हुआ जबकि दूसरा पत्र अक्तूबर में भेजते हुए बताया कि 2,81,20,457 रुपए का बजट लैप्स हुआ है। इस पर भी आरटीआई कार्यकर्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि इन दोनों सूचनाओं में भी लगभग 11 लाख 56 हजार 199 रुपए का अंतर है। सभी सूचनाएं द्वंदात्मक हैं तथा न ही स्पष्ट हैं। 

सब्सिडी जारी करने को लेकर मांगी गई जानकारी की नहीं दी सूचना

आरटीआई कार्यकर्ता वीरेंद्र जांगड़ा ने कहा कि उसने विभाग से यह भी जानकारी मांगी थी कि विभाग ने वित्त वर्ष 2016-17 में कितने किसानों को सब्सिडी दी है। जन सूचना अधिकारी ने सूचना में बताया कि विभिन्न स्कीमों के तहत जिला उद्यान विभाग ने जींद जिले के केवल 61 किसानों को ही विभिन्न उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी दी है। इसके साथ ही आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा यह भी सूचना मांगी गई थी कि एक वर्ष में एक किसान को कितनी बार सब्सिडी दी जा सकती है। सूचना अधिकारी ने इसकी जानकारी देने से मना करते हुए यह जवाब दे दिया कि इस तरह के नियमों की जानकारी विभाग की वेबसाइट से ली जा सकती है।

विभाग के प्रथम अपील अधिकारी को भी करके चुके हैं शिकायत 

आरटीआई कार्यकर्ता वीरेंद्र जांगड़ा ने बताया कि 1 अगस्त 2018 को विभाग के प्रथम अपील अधिकारी को भी प्रथम अपील भेजते हुए अनुरोध किया था कि उसे प्रमाणित व स्पष्ट सूचनाएं दिलवाई जाएं लेकिन प्रथम अपील अधिकारी ने आज तक भी सूचनाओं के लिए दायर कि गई प्रथम अपील कि सुनवाई नहीं कि है। जबकि प्रथम अधिकारी को इस अपील पर नियम के हिसाब से 45 दिन में ही फैसला करना था। आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि अब वे राज्य सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील करते हुए माननीय आयोग से सही, स्पष्ट व प्रमाणित सूचनाएं दिलवाने का अनुरोध करेंगे।

गलती से जारी हो गई थी पहली सूचना, दूसरी सूचना में दिए गए आंकड़े हैं सही

पहले दी गई सूचना में लिपिकीय गलती के कारण आरटीआई कार्यकर्ता को गलत आंकड़े जारी हो गए थे। बाद में प्रथम अपील के दौरान विभाग के महानिदेशक द्वारा पूरे रिकार्ड की जांच कर इन आंकड़ों को ठीक करवा कर दोबारा से सही जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता को देने के लिए आदेश जारी किए गए थे। प्रथम अपील की सुनवाई के दौरान आरटीआई कार्यकर्ता मौके पर नहीं पहुंच पाया था। प्रथम अपील की सुनवाई पर मैं खुद चंडीगढ़ गया था। विभाग के महानिदेशक द्वारा मुझे सही आंकड़े जुटा कर देने के लिए आदेश दिए गए थे। इसके बाद दोबार से पूरे रिकार्ड की जांच कर सही आंकड़े एकत्रित कर आरटीआई कार्यकर्ता को सही जानकारी दे दी गई थी। पहले दी गई सूचना जल्दबाजी में गलती से जारी हो गई थी। दोबारा जो सूचना दी गई है उसमें दिए गए आंकड़े सही हैं।
बीरेंद्र हुड्डा, जिला उद्यान अधिकारी
जींद
 
जिला उद्यान विभाग द्वारा दी गई सूचना की कॉपी को दिखाता आरटीआई कार्यकर्ता वीरेंद्र जांगड़ा। 

बुधवार, 21 नवंबर 2018

रोडवेज कर्मचारियों का ओवर टाइम बंद करने के लिए नई रूटेशन की प्रक्रिया शुरू


--स्टाफ की कमी के चलते बाधित होंगे रूट, यात्रियों को करना पड़ेगा परेशानी का सामना--सरकार ने रोडवेज विभाग से मांगी स्टाफ की रिपोर्ट 

जींद, 20 नवंबर (नरेंद्र कुंडू):- सरकार द्वारा हाल ही में दिए गए रोडवेज कर्मचारियों के ओवर टाइम बंद करने के आदेशों के बाद रोडवेज प्रशासन ने कर्मचारियों का ओवर टाइम बंद करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए डिपो महाप्रबंधक ने मंगलवार को विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक लेकर जल्द से जल्द बसों की नई रूटेशन तैयार करने की कार्रवाई शुरू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। आगामी दो से तीन दिन में बसों की नई रूटेशन तैयार हो जाएगी। हालांकि नई रूटेशन बनने के बाद कर्मचारियों की कमी के चलते कई रूट बाधित होंगे। इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। विभाग में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए सरकार ने भी प्रत्येक डिपो पर कितने कर्मचारियों की कमी है इसकी रिपोर्ट विभाग से मांगी है। अगर जींद डिपो की बात की जाए तो सरकार के आठ घंटे की ड्यूटी के आदेशों को लागू करने तथा सभी रूटों पर सुचारू रूप से बसें चलाने के लिए जींद डिपो में कम से कम 100 चालक व 100 परिचालकों की जरूरत है। 

रास्ते से वापिस नहीं आए कोई बस नई रूटेशन में इसका रखा जाएगा ध्यान 

जींद डिपो महाप्रबंधक प्रदीप कुमार द्वारा नई रूटेशन तैयार करने के कार्य में लगे अधिकारियों को यह साफ निर्देश जारी किए गए हैं कि लंबे रूट की कोई भी बस रास्ते से वापिस नहीं आए इसका विशेष ध्यान रखें। लंबे रूट पर चलने वाले चालक व परिचालकों की ड्यूटी इस तरह से तैयार करें कि आठ घंटे के हिसाब से उनका एक सप्ताह का टाइम सैट हो जाए। लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों के ओवर टाइम को सैट करने के लिए उनके रेस्टों में वृद्धि कर की जाएगी। इस प्रकार लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों को ज्यादा रेस्ट मिलेंगे। 

यात्रियों को उठानी पड़ेगी परेशानी

रोडवेज विभाग के पास कर्मचारियों की भारी कमी है। इसके चलते सरकार के ओवर टाइम बंद करने के आदेशों को लागू करने से बसों के कई रूट बाधित होंगे। जो चालक व परिचालक प्रति दिन आठ से 10 चक्कर लगाते हैं उनके चक्कर कम होकर 6 से 8 की संख्या तक सीमिट जाएंगे। बसों के रूट कम होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। 

सरकार ने मांगी कर्मचारियों की स्थिति की रिपोर्ट

प्रदेश सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों के ओवर टाइम बंद करने के आदेशों को लागू करवाने के लिए विभाग के सभी डिपो से कर्मचारियों की कमी की रिपोर्ट मांगी है। सरकार ने सभी डिपो महाप्रबंधकों को आदेश जारी किए हैं कि किस डिपो पर कितने कर्मचारियों की जरूरत है उसकी रिपोर्ट तैयार कर वह जल्द से जल्द विभाग के मुख्यालय को भेजें। 

2 से 3 दिन में तैयार होगी नई रूटेशन

रोडवेज कर्मचारियों के ओवर टाइम बंद करने के लिए नई रूटेशन तैयार की जा रही है। आगामी 2 से 3 दिन में नई रूटेशन तैयार हो जाएगी। डिपो में कर्मचारियों की कमी के कारण कई रूट बाधित होंगे। इससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ेगी। सरकार के आठ घंटे ड्यूटी के आदेशों को लागू करने के लिए जींद डिपो में कम से कम 100 चालक व 100 परिचालकों की जरूरत है। इनके साथ नई बसों की भी जरूरत है।
अजीत नेहरा, डिपो प्रधान, जींद

रोडवेज कर्मचारियों का ओवर टाइम बंद होने से बाधित होंगे लंबे रूट

--कर्मचारियों का ओवर टाइम बंद होने से रोडवेज डिपो पर पड़ेगी घाटे की मार
--रोडवेज को तैयार करनी पड़ेगी नई रूटेशन
--फिल्हाल 10 से 12 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं चालक-परिचालक

जींद, 19 नवंबर (नरेंद्र कुंडू):- सरकार द्वारा रोडवेज विभाग के चालक-परिचालकों का ओवर टाइम बंद करने के आदेश जारी किए जाने के बाद चालक-परिचालक असमंजस की स्थिति में हैं। चालक व परिचालकों का ओवर टाइम बंद होने से लंबे रूट तो बाधित होंगे ही साथ ही रोडवेज विभाग को घाटा भी उठाना पड़ सकता है। क्योंकि कर्मचारियों का ओवर टाइम बंद होने से बसों के रूटों में कमी आएगी। लंबे रूटों के साथ-साथ लोकल रूटों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि रोडवेज विभाग के पास कर्मचारियों की कमी होने व आठ घंटों के हिसाब से ड्यूटी निर्धारित किए जाने के कारण बसों के रूट प्रभावित हो सकते हैं। 
सरकार के ओवर टाइम बंद करने के आदेशों की अनुपालना के लिए रोडवेज विभाग को अब चालक व परिचालकों के लिए अब नई रूटेशन बनानी पड़ेगी। क्योंकि इस समय रोडवेज विभाग के चालक व परिचालक प्रतिदिन 10 से 12 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं। जबकि सरकार के ओवर टाइम बंद करने के आदेशों के बाद चालक व परिचालक केवल आठ घंटे ही ड्यूटी कर सकते हैं। इसके चलते अब रोडवेज विभाग को चालक व परिचालकों के लिए आठ घंटे की ड्यूटी के हिसाब से नई रूटेशन तैयार करनी पड़ेगी। 
प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में पत्र जारी कर रोडवेज विभाग के चालक व परिचालकों का ओवर टाइम बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। सरकार द्वारा जारी किए गए आदेशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सम्बंधित डिपो का महाप्रबंधक जल्द से जल्द इन आदेशों को अपने डिपो में लागू करे। यदि कोई महाप्रबंधक आदेशों को लागू करने में कोताही करता है तो सम्बंधित महाप्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सरकार द्वारा आदेश जारी होने के पश्चात डिपो अधिकारी नई रूटेशन के लिए प्रयासरत हैं। वहीं लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालक भी असमंजस की स्थिति में आ गए हैं क्योंकि जींद से हरिद्वार, मथूरा, देहरादुन, दिल्ली, चंडीगढ़, जालंधर, पौंटा साहिब जैसे लंबे रूटों पर चले वाले चालक व परिचालकों को एक तरफ जाने में ही 4 से 7 घंटे तक का समय लग जाता है। इस प्रकार आने व जाने में उनका 8 घंटे से ज्यादा का समय बनता है। इस प्रकार सरकार के आदेशों के अनुसार अब सबसे ज्यादा परेशानी लंबे रूटों पर चलने वाले चालकों व परिचालकों को हो सकती है। इस परेशानी से बचने के लिए अब डिपो प्रबंधन चालकों व परिचालकों के लिए नई रूटेशन तैयार करने में जुट गया है। नई रूटेशन के अनुसार लोकल रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों को आठ घंटे के अनुसार ड्यूटी दी जाएगी वहीं लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों की ड्यूटी सप्ताह के टाइम के अनुसार तय की जाएगी। लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों की ड्यूटी प्रति दिन आठ घंटे के हिसाब से पूरे सप्ताह में निर्धारित की जाएगी। 

रोडवेज को झेलना पड़ सकता है घाटा

रोडवेज विभाग के पास भारी संख्या में चालकों व परिचालकों की कमी है। जींद डिपो में 110 गाडिय़ां हैं लेकिन चालक व परिचालकों की कमी के कारण प्रतिदिन 15 से 20 बसें डिपो में ही खड़ी रहती हैं। महज 80 से 90 गाडिय़ां ही प्रतिदिन सड़कों पर दौड़ पा रही हैं। जींद डिपो की प्रतिदिन की कमाई 9 से 10 लाख रुपए है। कर्मचारियों की कमी के चलते चालक व परिचालकों से प्रतिदिन 10 से 12 घंटे ड्यूटी करवाई जा रही है ताकि रोडवेज विभाग को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हो लेकिन सरकार के आदेशों के बावजूद ओवर टाइम बंद होने से विभाग को आठ घंटे के हिसाब से नई रूटेशन तैयार करनी पड़ेगी। चालक व परिचालकों की आठ घंटे ड्यूटी होने के कारण बसों के रूटों में कमी आ सकती है। इस समय जो बसें प्रति दिन 400 से 500 किलोमीटर तक का सफर कर रही हैं बाद में इन बसों के सफर में भी कमी आएगी। क्योंकि रोडवेज के पास पर्याप्त संख्या में कर्मचारी नहीं हैं। इससे रोडवेज विभाग को घाटा झेलना पड़ सकता है। 

कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए चैकिंग स्टाफ की ड्यूटी भी बसों पर लगाई

सरकार द्वारा ओवर टाइम बंद करने के आदेश दिए जाने के बाद कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए चैकिंग स्टाफ, एडवांस बुकिंग स्टाफ, बुकिंग ब्रांच, यार्ड व ड्यूटी सैक्शन में काम करने वाले कर्मचारियों को वहां से उठाकर उनकी ड्यूटी बसों पर लगा दी गई है। जींद डिपो में चैकिंग स्टाफ की चार बसें थी और चैकिंग स्टाफ की एक बस पर 8 से 10 कर्मचारी थे। इन सभी कर्मचारियों की ड्यूटी बसों व बस स्टैंड पर लगाई गई है। चैकिंग स्टाफ की ड्यूटी खत्म किए जाने के कारण भी रोडवेज को काफी नुकसान होगा। क्योंकि बसों की चैकिंग नहीं हो पाने के कारण यात्री टिकट लेने से परहेज करेंगे। 

लंबे रूटों के चालक व परिचालकों को मिल पाएंगी ज्यादा छुट्टियां

सरकार द्वारा ओवर टाइम बंद किए जाने के आदेश जारी होने के पश्चात लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों को ज्यादा छुट्टियां मिल पाएंगी। क्योंकि लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों की प्रतिदिन ड्यूटी 12 घंटे से ज्यादा होगी और इस तरह जब पूरे सप्ताह में उनका टाइम की गिनती होगी तो प्रतिदिन उनकी ड्यूटी आठ घंटे से ज्यादा होने के कारण उन्हें छुट्टियां भी ज्यादा मिल पाएंगी। 

चैकिंग स्टाफ खत्म करने से रोडवेज को होगा नुकसान

सरकार द्वारा ओवर टाइम खत्म करने के बाद कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए चैकिंग स्टाफ भी खत्म कर दिया गया है। जींद डिपो के पास चार फ्लाइंग दस्ते थे जिनको हटा कर उनकी ड्यूटी दूसरी जगह लगा दी गई है। चैकिंग दस्ते खत्म करने से यात्रियों के मन से चैकिंग का भय निकल जाएगा। इससे यात्री बिना टिकट यात्रा करेंगे। इससे रोडवेज को नुकसान होगा। वहीं ओवर टाइम खत्म होने से नई रूटेशन तैयार करनी पड़ेगी। कर्मचारियों की कमी के चलते बसों के रूटों में भी कमी होगी। 
अजीत नेहरा, प्रधान
जींद डिपो

 
सरकार के आदेशों को लागू करने के लिए नई रूटेशन तय की जाएगी। लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों की टाइमिंग प्रति दिन की बजाए सप्ताह में गिनी जाएगी। प्रतिदिन उनका जितना ओवर टाइम लगेगा उस टाइम को उसके सप्ताह के अन्य टाइम में शामिल कर उसकी ड्यूटी तय की जाएगी। 
प्रदीप कुमार, महाप्रबंधक
जींद डिपो

शनिवार, 17 नवंबर 2018

जींद की धरती पर दादा की विरासत का वारिश बना गया डॉ. अजय चौटाला का परिवार

कहा, मैं अपने बेटे दुष्यंत को तुम्हें सौंप कर जा रहा हूं
--काफी लंबे समय से खुड़े लाइन रहे अजय के नजदीकी कार्यकर्ताओं में दिखा जोश
--चौधरी देवीलाल की तर्ज पर 9 दिसंबर को जींद की धरती पर ही होगा समस्त हरियाणा सम्मेलन
--चंडीगढ़ में बैठकर चौधरी देवीलाल की विचारधारा को खोखला करने का काम कर रहे हैं कुछ लोग

जींद, 17 नवंबर (नरेंद्र कुंडू) :- जींद के जिस मैदान से चौधरी देवीलाल ने न्याय युद्ध की शुरूआत कर हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा परिवर्तन करने का काम किया था, उसी मैदान पर 32 वर्ष बाद चौधरी देवीलाल के पोते डॉ. अजय चौटाला ने भारी भीड़ जुटा कर उनकी विरासत का वारिश बनने का काम किया। पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के अभय चौटाला के पक्ष में जाने से चौधरी देवीलाल की जो विरासत अभय चौटाला के पक्ष में जाती नजर आ रही थी, उस विरासत को शनिवार को डॉ. अजय चौटाला ने कार्यकर्ताओं से मिले भारी जनसमर्थन के माध्यम से अपने पक्ष में कर लिया। डॉ. अजय चौटाला के परिवार के प्रति लोगों में काफी सहानुभूति नजर आई। डॉ. अजय चौटाला, दुष्यतं चौटाला व दिग्विजय चौटाला से मिलने के लिए लोगों में काफी उत्साह था। डॉ. अजय चौटाला के जेल में जाने के बाद अभय चौटाला द्वारा खुड़े लाइन लगाए गए डॉ. अजय चौटाला के नजदीकी कार्यकर्ताओं में काफी जोश दिखा। हजारों की संख्या में जींद में पहुंचे कार्यकर्ता अजय चौटाला व दुष्यंत चौटाला से मिलने के लिए बेताब नजर आ रहे थे। अब आगामी 9 दिसंबर को जींद की इसी धरती से डॉ. अजय चौटाला प्रदेश स्तरीय रैली कर अपनी नई पार्टी की शुरूआत करेंगे। जींद में शनिवार को हुए कार्यकर्ता सम्मेलन ने पूरी तरह से रैली का स्वरूप धारण कर लिया था। हजारों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में डॉ. अजय चौटाला ने दरियादिल दिखाते हुए इनैलो पार्टी व चश्मा अपने भाई अभय चौटाला को सौंप दिया। इससे लोगों की सहानुभूति अजय चौटाला के परिवार के प्रति ओर भी ज्यादा बढ़ गई। डॉ. अजय चौटाला ने कहा कि वह 20 को वापिस जेल जा रहे हैं और आपके द्वारा दिए गए त्यागपत्रों को वह ओमप्रकाश चौटाला को दिखा कर बताएंगे कि असली पार्टी तो यहां है, दूसरी तरफ तो लोग पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। 

चौधरी देवीलाल व अजय चौटाला के परिवार के पक्ष में लगे नारे

कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान दीप पैलेस में मौजूद कार्यकर्ताओं ने चौधरी देवीलाल, डॉ. अजय चौटाला, दुष्यंत, दिग्विजय व नैना चौटाला के पक्ष में ही नारे लगाए। इस दौरान कार्यकर्ताओं द्वारा ओमप्रकाश चौटाला के पक्ष में नारे लगाने से भी परहेज रखा गया। चौधरी देवीलाल व अजय चौटाला के परिवार के पक्ष में लग रहे इन नारों से यह साफ हो गया कि डॉ. अजय चौटाला अपने दादा चौधरी देवीलाल की विरासत के वारिश बनने में सफल हो गए हैं। 

अपने बेटे दुष्यंत को तुम्हें सौंप कर जा रहा हूं

डॉ. अजय चौटाला ने कहा कि जब तक मैं राजनीति में रहा तब तक पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया। कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान के लिए लड़ाई लड़ी लेकिन मेरे जेल में जाने के बाद दुष्यंत और दिग्विजय ने मेरी कमी को पूरा करने का प्रयास किया। इसलिए अब मैं दुष्यंत को आप लोगों को सौंप कर जा रहा हूं। आप लोगों को ही इनका ख्याल रखना है। 

मैं तो कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान के लिए सजा भुगत रहा हूं।

डॉ. अजय चौटाला ने कहा कि मेरे ऊपर न तो कोई एफआईआर है और न ही मैंने कोई जुर्म किया है लेकिन फिर भी मैं 10 वर्षों की सजा काट रहा हूं क्या यह सब मैं मुख्यमंत्री बनने के लिए कर रहा हूं। मैं तो कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान के लिए यह सजा काट रहा हूं। 

अभय से पूछो राजस्थान बीजेपी के लिए वोट मांगने क्यों जाता है। 

डॉ. अजय चौटाला ने कहा कि कुछ लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं कि मैंने तो 10 साल राजस्थान में राजनीति की लेकिन मैंने वहां राजनीति चौधरी देवीलाल की विचारधारा को मजबूत बनाने के लिए की। डॉ. चौटाला ने कहा कि कभी आपको अभय मिले तो उससे यह जरूर पूछना कि वह राजस्थान अपने साले के लिए बीजेपी के पक्ष में वोट मांगने क्यों जाता है। राजस्थान में अब फिर चुनाव हैं वहां वह अब फिर वोट मांगने के लिए जाएगा। 

कुछ लोग चंडीगढ़ में बैठकर कर रहे हैं फर्जी काम

डॉ. अजय चौटाला ने कहा कि कुछ लोग चंडीगढ़ में बैठकर फर्जी काम कर रहे हैं। मुझे पार्टी से निष्कासित किया गया जबकि मैंने तो पार्टी विरोधी कोई काम किया ही नहीं। पार्टी से निकालने से पहले मेरी अपील या दलिल तक नहीं सुनी गई। बिना मेरी अपील सुनने ही मुझे पार्टी से निकाल कर प्रजातंत्र का गला घौंटने का काम किया गया है। डॉ. चौटाला ने कहा कि 12 नवंबर को मुझे पार्टी से निष्कासित किया गया और 15 नवंबर को ओमप्रकश चौटाला से पत्र पर साइन करवाए गए। 

दुष्यंत तुम आगे बढ़ो मैं तुम्हारे साथ हूं

विधायक नैना चौटाला ने कहा कि मैं तो मां हूं इसलिए मुझे दुष्यंत व दिग्विजय के निष्कासन का ज्यादा दुख है। नैना चौटाला ने कहा कि कुछ लोग उन्हें पेड कांग्रेसी बता कर उनका अपमान कर रहे हैं लेकिन उनका बेटा दुष्यंत चंडीगढ़ में डंका बजा कर यह साबित करेगा कि कौन पेड कांग्रेसी है और कौन असली लोकदली। नैना चौटाला ने कहा कि दुष्यंत तुम आगे बढ़ो मैं तुम्हारे साथ हूं। 

कुछ विधायकों को बनाया हुआ है बंधक : दिग्विजय

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि अभय चौटाला ने चंडीगढ़ में कुछ विधायकों को जबरदस्ती बंधक बनाया हुआ है, जैसे ही वह वहां से आजाद होंगे वह सीधे उनके पास पहुंचेंगे। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि उनके झंडे का रंग हरा ही रहेगा। 

जनप्रिय होना कोई अपराध तो नहीं : दुष्यंत

सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कौनसी गलती है हमारी यह तो बता दो, कौनसी अनुसाशनहीनता है हमारी यह तो दिखा दो, यदि जनप्रिय होना कोई अपराध है तो जो सजा दो यह मर्जी है तुम्हारी।  दुष्यंत ने कहा कि कुछ लोग चौधरी देवीलाल की विचारधारा को खोखला करने का काम कर रहे हैं। सांसद ने कहा कि उन्हें इनैलो से निकाल दिया गया लेकिन अब वापिस इनैलो में लौटने को उनका जहन नहीं मानता है इसलिए वह अब अलग पार्टी बना कर अपनी लड़ाई लड़ेंगे और अपने कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान के लिए इतना संघर्ष करेंगे कि ओमप्रकाश चौटाला भी उनके साथ ही मंच पर आकर उनके साथ खड़े होंगे। 

चौधरी चरण सिंह ने की थी चौधरी देवीलाल की छुट्टी

सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने चौधरी देवीलाल की पार्टी से छुट्टी की थी तो चौधरी देवीलाल ने राजनीति में अपना वर्चस्व स्थापित किया था। जब चौधरी देवीलाल ने चौधरी ओमप्राकश चौटाला की पार्टी से छुट्टी की तो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने राजनीति में नया मुकाम हासिल किया अब चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने उनकी छुट्टी की है तो वह राजनीति में नया स्थान हासिल कर अपने साथ लगे कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान बढ़ाएंगे। 

मोदी व राहुल के साथ लडऩी है लड़ाई

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राजा दशरथ ने भगवान श्रीराम को भी वनवास दिया था। कौरव ने पांडवों को भी वन में भेज दिया था अब उन दोनों भाइयों के साथ भी यही हुआ है लेकिन वह वनवास काट कर फिर से राज्य प्राप्त करने का काम करेंगे। सांसद ने कहा कि उन्हें इनैलो के साथ लड़ाई नहीं लडऩी है क्योंकि उनकी असली लड़ाई तो नरेंद्र मोदी व राहुल गांधी के साथ है। यदि वह इनैलो के साथ उलझ गए तो मोदी व राहुल के साथ लड़ाई कौन लड़ेगा। 


छोटे भाई बिल्लु को गिफ्ट करता हूं चश्मा और इनैलो, बशर्ते वह इसे संभाल कर रखे : अजय चौटाला

कहा, नए डंडे, नए झंडे व नए निशान के साथ करेंगे नई पार्टी का गठन-- एक सप्ताह में कानूनी प्रक्रिया पूरी कर करेंगे नई पार्टी का ऐलान--9 दिसंबर को जींद की प्रदेश स्तर की रैली कर दिखाएंगे ताकत

जींद, 17 नवंबर (नरेंद्र कुंडू) :- शहर के दीप पैलेस में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में डॉ. अजय सिंह चौटाला ने ऐलान करते हुए कहा कि ‘मैं इनेलो व चश्मा अपने छोटे भाई बिल्लु को गिफ्ट करता हूं।’ वह इसे संभालकर रखें। उन्होंने पहला इनेलो पर कब्जा करने, दूसरा किसी राष्ट्रीय पार्टी में शामिल होने व तीसरा नई पार्टी का गठन करने का प्रस्ताव रखा। कार्यकारिणी ने ध्वनि मत से नई पार्टी बनाने के प्रस्ताव को पारित कर दिया। अजय चौटाला ने कहा कि एक सप्ताह में कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद नई पार्टी की घोषणा कर दी जाएगी। इसके साथ-साथ नौ दिसंबर को जींद में नई पार्टी के बैनर नीचे महारैली करने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद इनेलो के सभी पदाधिकारियों द्वारा 18 से 28 नवंबर तक इस्तीफे देने पर भी सभी ने मोहर लगा दी। 

लगभग दो बजे डॉ. अजय सिंह चौटाला, उनकी विधायक पत्नी नैना चौटाला, उकलाना से विधायक अनूप धानक व दादरी से विधायक राजदीप फौगाट दीप पैलेस में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में पहुंचे। इससे पहले सांसद दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय सिंह चौटाला पहुंचे। लगभग डेढ़ घंटा चली प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में डॉ. अजय सिंह चौटाला ने कार्यकारिणी के सामने तीन प्रस्ताव रखे। इनेलो पर कब्जा करने, किसी राष्ट्रीय पार्टी में शामिल होने व नई पार्टी का गठन करने में से एक चुनने को कहा गया। सभी ने नई पार्टी बनाने के प्रस्ताव पर सहमति प्रकट की। सभी की सहमति मिलने के बाद अजय सिंह चौटाला ने कहा कि एक सप्ताह में कानूनी प्रक्रिया पूरी करके नई पार्टी की घोषणा की जाएगी। इसके साथ ही बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि नई पार्टी के बैनर तले नौ दिसंबर को जींद में ही महारैली की जाएगी। इसके साथ-साथ सभी ने सामूहिक इस्तीफे देने की भी घोषणा की। बैठक में कहा गया कि 18 से 28 नवंबर तक प्रदेशभर से इनेलो पदाधिकारी इस्तीफा देंगे। यह सभी इस्तीफे इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला को सौंपे जाएंगे। प्रतिदिन दो जिलों के पदाधिकारी अपने इस्तीफे देंगे। इसके लिए भी एक शैड्यूल जारी किया गया। डॉ. अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जिन लोगों ने रैली में नारे लगाए उन्हें कांग्रेसी बताया गया। उनकी पहचान की गई लेकिन इसके लिए दुष्यंत व दिग्विजय को पार्टी से निकालकर धक्काशाही चलाई गई। इसके बाद मैंने कभी पार्टी विरोधी कोई गतिविधि नहीं की लेकिन इसके बावजूद मुझे भी पार्टी से निकाल दिया गया। इस अवसर पर उनके साथ चौधरी सुल्तान सिंह, विधायक नैना चौटाला, उकलाना विधायक अनूप धानक, राजकुमार सैनी, मंगतराम, दादरी के विधायक राजबीर फोगट, अशोक शेरवाल, दिग्विजय चौटाला, अमित शर्मा, अशोक शेरवाल, पूर्व गृह मंत्री जगदीश नैयर, तेलू राम जोगी, राजेश मक्खन, राजेंद्र, राजेश खटक, विरेंद्र पाल, बलवीर सिंह बेनीवाल, कुमारी फूलमती, केसी बांगड़, रणजीत चिका, जयभगवान कश्यप, पंकज मेहता, ताऊ देवीलाल के पीएसओ रहे शमशेर सिंह आदि उपस्तिथ रहे।

त्यागपत्र देने के लिए यह बनाया शैड्यूल

18 नवंबर को हिसार व झज्जर
19 नवंबर को सोनीपत व पंचकूला
20 नवंबर को रोहतक व अंबाला
21 नवंबर को जींद व मेवात
22 नवंबर को भिवानी व फरीदाबाद
23 नवंबर को दादरी व कुरुक्षेत्र
24 नवंबर को पानीपत व गुडग़ांव
25 नवंबर को करनाल व रेवाड़ी
26 नवंबर को कैथल व महेंद्रगढ़
27 नवंबर को सिरसा व यमुनानगर
28 नवंबर को पलवल व फतेहाबाद

याचना नहीं अब रण होगा

डॉ. अजय सिंह चौटाला ने महाभारत का वाकया याद दिलवाया कि जब पांडवों ने दुर्योधन से 5 गांव मांगे तो दुर्योधन ने मना कर दिया था और कहा था कि मैं सुई की नोक जितनी जगह नहीं दूंगा। तब पांडवों ने कहा था कि जा दुर्योधन अब हम जाते हैं, ये संदेश सुनाते हैं। याचना नहीं अब रण होगा, जीवन या मरण होगा। दुर्योधन तू उत्तरदाई होगा। हिंसा का उत्तरदाई होगा।