बुधवार, 21 मई 2014

निडाना गांव में कीटों पर शोध के लिए जमीन फिर तैयार

 डेढ़ एकड़ में एनसीआईपीएम के वैज्ञानिक व कीट कमांडों किसान करेंगे शोध
कपास की फसल पर होगा शोध 

नरेंद्र कुंडू
जींद। जिले के निडाना गांव के खेतों में एक बार फिर से कीटों पर शोध के लिए जमीन तैयार हो गई है। इस बार राष्ट्रीय केंद्र समाकेती कीट प्रबंधन (एनसीआईपीएम) के कृषि वैज्ञानिक यहां कीटों पर शोध करेंगे। इससे पहले वर्ष 2008 में कीट साक्षरता के अग्रदूत डॉ. सुरेंद्र दलाल ने यहां पर कीटों पर शोध की शुरूआत की थी। एनसीआईपीएम के कृषि वैज्ञानिकों ने निडाना में डेढ़ एकड़ जमीन पर शोध प्लांट लगाने का निर्णय लिया है। डेढ़ एकड़ जमीन में आधा-आधा एकड़ के तीन अलग-अलग पार्ट तैयार किये गए हैं, जिनमें एनसीआईपीएम के कृषि वैज्ञानिक अपनी निगरानी में कपास की फसल तैयार करवाएंगे। आधा एकड़ में एनसीआईपीएम के कृषि वैज्ञानिक अपने तरीके से कपास की फसल तैयार करवाएंगे और आधा एकड़ में कीट कमांडो किसान अपने तरीके से फसल तैयार करेंगे तथा आधा एकड़ में आम किसान द्वारा कपास की फसल की तैयार करवाई जाएगी। बाद में तीनों प्लांटों के उत्पादन के आंकड़े एकत्रित कर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कीट ज्ञान क्रांति की इस मुहिम पर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।

कब शुरू हुई थी निडाना गांव में कीटों पर शोध की शुरूआत

फसलों में अंधाधुंध प्रयोग हो रहे कीटनाशकों के कारण दूषित हो रहे खान-पान को बचाने के लिए कृषि विभाग में एडीओ के पद पर कार्यरत डॉ. सुरेंद्र दलाल ने वर्ष 2008 में निडाना गांव के खेतों में पहली बार कीटों पर शोध कर एक नहीं पहल शुरू की थी। 2008 के बाद वर्ष 2010 में डॉ. दलाल ने महिलाओं को भी इस मुहिम में शामिल किया था। इसके बाद वर्ष 2012 में डॉ. दलाल ने इस मुहिम से पूरे प्रदेश के किसानों को अवगत करवाने के लिए खाप पंचायतों को इस मुहिम से जोड़ा था। प्रदेशभर की खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने हर सप्ताह निडाना गांव के खेतों में पहुंचकर शोध पर कड़ी निगरानी रखी थी। इसके बाद वर्ष 2013 में डॉ. सुरेंद्र दलाल के देहांत के बाद कीट कमांडों किसानों ने इस मुहिम को आगे बढ़ाया और इन किसानों की मुहिम की गूंज दिल्ली तक जा पहुंची। अब एनसीआईपीएम के कृषि वैज्ञानिकों ने भी इस मुहिम की गहराई तक जाने के लिए कीटों पर शोध शुरू करने का निर्णय लिया है। निडाना गांव के खेतों में लगने वाले शोध प्लांट में कृषि वैज्ञानिक फसलों के उत्पादन पर कीटों का क्या प्रभाव होता है तथा कीट फसल में क्यों आते हैं पर गहराई से मंथन किया जाएगा।

आधा-आधा एकड़ के तीन शोध प्लांट किये गए हैं तैयार

एनसीआईपीएम के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कीटों पर शोध के लिए निडाना गांव के खेतों में डेढ़ एकड़ जमीन पर आधा-आधा एकड़ के तीन प्लांट तैयार किये गए हैं। एक प्लांट किसान को दिया गया है। इस प्लांट में किसान अपने तरीके से कपास की फसल तैयार करेगा। आधा एकड़ पर कीट ज्ञान की मुहिम से जुड़े कीट कमांडो किसान अपने तरीके से खेती करेंगे तथा आधा एकड़ में कृषि वैज्ञानिक अपने तरीके से किसान से कपास की खेती करवाएंगे और हर सप्ताह इन तीनों प्लांटों में खड़ी कपास की फसल में कीटों की क्या स्थिति है का आंकड़ा तैयार किया जाएगा। अंत में तीनों प्लांटों से मिलने वाली पैदावार की रिपोर्ट तैयार कर आगामी निर्णय लिया जाएगा।
 निडाना गांव में डॉ. सुरेंद्र दलाल के नेतृत्व में चल रही किसान खेत पाठशाला का फाइल फोटो। 





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