रविवार, 27 जुलाई 2014

महिला पाठशाला में कीटों की मास्टरनियों ने ढूंढ़ा एक नया कीट

विधार्थियों  ने अपनी आंखों से देखा कैसे शाकाहारी कीटों को नियंत्रित करते हैं मांसाहारी कीट

नरेंद्र कुंडू 
जींद। निडाना गांव के खेतों में चल रही की महिला किसान खेत पाठशाला के चौथे सत्र के दौरान शनिवार को महिला किसानों के साथ-साथ निडाना गांव के डेफोडिल्स पब्लिक स्कूल के नौंवी कक्षा के विद्यार्थियों ने भी पाठशाला में पहुंचकर मांसाहारी तथा शाकाहारी कीटों के क्रियाकलापों के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की। पाठशाला में मौजूद विद्यार्थियों ने मांसाहारी कीटों को दूसरे कीटों का शिकार करते हुए भी अपनी आंखों से देखा और किस तरह से मांसाहारी कीट शाकाहारी कीटों को नियंत्रित करते हैं, इसके बारे में भी जानकारी हासिल की। कीटाचार्या महिलाओं ने स्कूली विधार्थियों को कपास की फसल में मेजर कीटों के नाम से मशहूर सफेद मक्खी, हरा तेला, चूरड़े के बारे में बारीकी से जानकारी दी। इसके साथ-साथ विधार्थियों को गुलाबी रंग की सुंडी, लोपा मक्खी तथा फौजन बिटल के क्रियाकलापों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान महिला किसानों ने एक नये किस्म का कीट भी ढूंढ़ा, जिस पर महिला किसानों ने अपना शोध भी शुरू कर दिया।
लोपा मक्खी ग्रुप की कीटाचार्या मुकेश रधाना व कृष्णा निडाना ने विद्याॢथयों को बताया कि आज के दिन सफेद मक्खी, हरे तेले और चूरड़े को कपास की फसल के मेजर कीटों के नाम से जाना जाता है। इन तीनों से भयभीत होकर किसान फसल में सबसे ज्यादा पेस्टीसाइड का प्रयोग करता है। जबकि सच्चाई यह है कि यदि किसान इन कीटों के साथ छेड़छाड़ नहीं करे तो यह कीट फसल में नुकसान पहुंचाने के स्तर तक नहीं पहुंच पाते हैं। मांसाहारी कीट खुद ही इन कीटों को नियंत्रित कर लेते हैं। महिला किसानों ने बताया कि इस समय फसल में गुलाबी रंग की सुंडी के पतंगे भी देखे जा रहे हैं। गुलाबी रंग की सुंडी का पतंगा फलाहारी होता है और यह कपास के पौधे की बोकी, टिंड्डे तथा फल खाकर अपना जीवनचक्र चलाता है लेकिन इस पतंगे को नियंत्रित करने के लिए फसल में ड्रेगन फ्लाई (हेलीकॉपटर), हथजोड़ा तथा बुगड़े प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। ड्रेगन फ्लाई तथा हथजोड़ा गुलाबी सुंडी को खाकर नियंत्रित करते हैं तो बुगड़े इसका खून पी कर इसका काम तमाम करते हैं। इस दौरान विद्यार्थियों ने मांसाहारी कीटों को दूसरे कीटों का शिकार करते भी देखा। विद्याॢथयों ने देखा कि मकड़ी एक मांसाहारी कीट बीटल का शिकार कर रही है, वहीं एक मांसाहारी कीट कातिल बुगड़ा भी बीटल में अपना डंक घुसाकर बीटल का खून पी रहा है। विद्यार्थियों ने बताया कि उन्होंने अपनी आंखों से मांसाहारी कीटों को दूसरे कीटों का शिकार करते हुए देखकर यह अहसास हो गया है कि कीटों को मारने के लिए कीटनाशकों की जरूरत नहीं है। मांसाहारी कीट खुद ही दूसरे कीटों को नियंत्रित कर फसल में कीटनाशी का काम करते हैं। महिला किसानों ने बताया कि फौजन बीटल एक मांसाहारी कीट है और यह जमीन में अपने अंड़े देती है। यह कीट जमीन में रहने वाले शाकाहारी कीटों का शिकार करती है। महिला किसानों ने बताया कि इस सप्ताह सफेद मक्खी की प्रति पत्ता औसत 2.1, हरे तेले की 2.5 तथा चूरड़े की 4.4 थी, जो फसल में नुकसान पहुंचाने के आर्थिक स्तर से काफी कम थी।  
महिलाओं द्वारा खोजा गया नये किस्म का कीट।

अपने वजन से ज्यादा मांस खाती है लोपा मक्खी

लोपा मक्खी ग्रुप की महिला किसान मुकेश रधाना, कृष्णा निडाना, राजबाला निडाना, प्रमीला रधाना तथा गीता निडाना ने बताया कि लोपा मक्खी एक मांसाहारी कीट है और यह पानी, गोबर या गंदगी पर अपने अंड़े देती है और यह मचान (टिले) पर बैठकर उडते हुए कीटों का शिकार करती है। इसके बच्चे मांसाहारी होते हैं और यह प्रौढ़ बनने तक पानी में रहती है। प्रौढ़ बनने के बाद पानी से बाहर आती है। इसकी खास बात यह है कि यह अपने वजन से दो गुणा मांस खाती है। सूर्य की पहली किरण के साथ ही यह उड़कर अपने शिकार की तलाश शुरू कर देती है। सफेद मक्खी, मच्छर, पतंगे तथा उड़ते हुए सभी कीटों का यह शिकार करती है। 
कपास की फसल में कीटों का अवलोकन करती महिला किसान।

महिला किसानों ने ढूंढ़ा एक नया कीट

पाठशाला में भाग लेने के लिए पहुंचे डेफोडिल्स स्कूल के विद्यार्थी।
कीटाचार्या किसान द्वारा बताई जा रही जानकारी को नोट करते विद्यार्थी।
मैडम के साथ कीटों का अवलोकन करते विद्यार्थी।

लेडी बीटल का शिकार करता कातिल बुगड़ा।
लेडी बीटल का शिकार करती मकड़ी।
कपास की फसल के अवलोकन के दौरान महिला किसानों ने एक नये किस्म का कीट देखा। इस कीट की कमर पर काले तथा पीले रंग के निशान थे और इसकी तीन जोड़ी टांगे थी। इस नये किस्म के कीट को देखकर महिला किसान काफी उत्साहित थी। यह कीट क्या खाता है और फसल में इसका क्या प्रभाव पड़ता है इसकी जानकारी जुटाने के लिए महिला किसानों ने इस कीट पर शोध शुरू कर दिया है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें