मंगलवार, 12 अगस्त 2014

कीट साक्षारता के जनक डॉ. सुरेंद्र दलाल के नाम से शुरू होगा राज्य स्तरीय पुरस्कार

हरियाणा किसान आयोग देगा पुरस्कार

हर वर्ष कृषि क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले कृषि विभाग के एडीओ को दिया जाएगा पुरस्कार

डॉ. सुरेंद्र दलाल को मरणोपरांत मिलेगा यह पुरस्कार


कीट साक्षरता के अग्रदूत डॉ. सुरेंद्र दलाल का फोटो।
नरेंद्र कुंडू
जींद। खाने की थाली को जहरमुक्त बनाने के लिए जींद जिले से कीट ज्ञान क्रांति के जन्मदाता डॉ. सुरेंद्र दलाल को हरियाणा किसान आयोग ने विशेष सम्मान देने का निर्णय लिया है। हरियाणा किसान आयोग द्वारा डॉ. सुरेंद्र दलाल के नाम से राज्य स्तर पर विशेष पुरस्कार शुरू किया जा रहा है। आयोग द्वारा एक नवंबर को हरियाणा दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में कृषि क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाले कृषि विभाग के एडीओ को यह पुरस्कार दिया जाएगा। कृषि क्षेत्र में डॉ. सुरेंद्र दलाल के अथक योगदान को देखते हुए आयोग ने यह पुरस्कार देने का निर्णय लिया है। इसकी शुरूआत खुद डॉ. सुरेंद्र दलाल से ही की जाएगी। आयोग द्वारा डॉ. दलाल को मरणोपरांत इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
फसलों में अंधाधुंध प्रयोग किये जा रहे पेस्टीसाइड के कारण दूषित हो रहे खान-पान तथा वातावरण को बचाने के लिए जींद कृषि विभाग में एडीओ के पद पर कार्यरत डॉ. सुरेंद्र दलाल ने वर्ष 2008 में जींद जिले से कीट ज्ञान की क्रांति की शुरूआत की थी। डॉ. सुरेंद्र दलाल ने आस-पास के गांवों के किसानों को कीट ज्ञान का प्रशिक्षण देने के लिए निडाना गांव में किसान खेत पाठशालाओं की शुरूआत की थी। डॉ. दलाल किसानों को प्रेरित करते हुए अकसर इस बात का जिक्र किया करते थे कि किसान जागरूकता के अभाव में अंधाधुंध कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं। जबकि कीटों को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशकों की जरूरत है ही नहीं, क्योंकि फसल में मौजूद मांसाहारी कीट खुद ही कुदरती कीटनाशी का काम करते हैं। मांसाहारी कीट शाकाहारी कीटों को खाकर नियंत्रित कर लेते हैं। डॉ. दलाल ने किसानों को जागरूक करने के लिए फसल में मौजूद शाकाहारी तथा मांसाहारी कीटों की पहचान करना तथा उनके क्रियाकलापों से फसल पर पडऩे वाले प्रभाव के बारे में बारीकी से जानकारी दी। पुरुष किसानों के साथ-साथ डॉ. दलाल ने वर्ष 2010 में महिला किसान खेत पाठशाला की भी शुरूआत की और महिलाओं को भी कीट ज्ञान की तालीम दी। यह इसी का परिणाम है कि आज जींद जिले में कीटनाशकों की खपत लगभग 50 प्रतिशत कम हो चुकी है और यहां के किसान धीरे-धीरे जागरूक होकर जहरमुक्त खेती की तरफ अपने कदम बढ़ा रहे हैं। आज यहां की महिलाएं भी पुरुष किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कीट ज्ञान की इस मुहिम को आगे बढ़ा रही हैं। दुर्भाग्यवश वर्ष 2013 में एक गंभीर बीमारी के कारण डॉ. सुरेंद्र दलाल का देहांत हो गया था। इससे उनकी इस मुहिम को बड़ा झटका लगा था लेकिन उनके देहांत के बाद भी यहां के किसान उनकी इस मुहिम को बखुबी आगे बढ़ा रहे हैं। पुरुष तथा महिला किसानोंं को जागरूक कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा कृषि क्षेत्र में उनके अथक योगदान को देखते हुए हरियाणा किसान आयोग डॉ. सुरेंद्र दलाल के नाम से राज्य स्तरीय पुरस्कार शुरू करने जा रहा है। आयोग द्वारा हर वर्ष एक नवंबर को हरियाणा दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन कर कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषि विभाग के एक एडीओ को यह पुरस्कार दिया जाएगा। आयोग द्वारा पुरस्कार के तौर पर एक प्रशस्ती पत्र और 50 हजार रुपये की राशि ईनाम स्वरूप दी जाएगी। ताकि इस मुहिम को पूरे देश में फैलाने के लिए कृषि विभाग के अन्य अधिकारियों को भी प्रेरित किया जा सके। हरियाणा किसान आयोग के चेयरमैन डॉ. आरएस प्रौधा ने हाल ही में प्रकाशित हुई आयोग की मैगजीन में इस पुरस्कार की घोषणा की है।



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