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.......म्हारी छोरी के छोरयां तै कम हैं

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इटली में आयोजित होने वाली वल्र्ड यूनिवर्सिटी चैम्पियनशिप में दौड़ेगी किसान की बेटी  --छोटी सी उम्र में रेनू ने खेलों के क्षेत्र में लहराया परचम  --गांव के सरकारी स्कूल में नौवीं कक्षा से शुरू किया एथलीट का सफर, अब वल्र्ड यूनिवर्सिटी चैम्पियनशिप में हुआ चयन --परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी नहीं मानी हार, ओलम्पिक में मैडल जीतना है उद्देश्य जींद, 1 जून (नरेंद्र कुंडू):-  म्हारी छोरी के छोरयां तै कम हैं, दंगल फिल्म का यह डायलॉग जींद की चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय की बीपीएड की छात्रा रेनू पर स्टीक बैठता है। हिसार जिले के कोथ कलां गांव की 22 वर्षीय रेनू ने छोटी सी उम्र में एथलेटिक्स के क्षेत्र में अपना परचम लहराने का काम किया है। गांव के सरकारी स्कूल में नौवीं कक्षा से एथलीट का सफर शुरू करने वाली रेनू का चयन वल्र्ड यूनिवर्सिटी चैम्पियनशिप के लिए हुआ है। आगामी 3 से 14 जुलाई तक इटली में आयोजित होने वाली वल्र्ड यूनिवर्सिटी चैम्पियनशिप में रेनू हॉफ मैराथन (21 किलोमीटर) में भाग लेगी। एथलेटिक्स के क्षेत्र में अपने करियर की शुरूआत करने वाली रेनू थोड़े से समय में ही स्टेट