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जाटों ने आरक्षण की मांग को लेकर खींची एलओसी

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नरेंद्र कुंडू जींद। पिछले चार वर्षों से आरक्षण की मांग को लेकर सरकार के साथ चल रही खिंचतान के बाद आखिरकार वीरवार को जाटों ने आरक्षण के लिए 15 दिसंबर तक का अल्टीमेटम देकर सरकार के समक्ष जाटों को आरक्षण देने की एलओसी (लाइन आॅफ कंट्रोल) यानि नियंत्रण रेखा खींच दी है। सर्वखाप जाट महापंचायत के नेतृत्व में नरवाना के दनौदा गांव स्थित बिनैन खाप के ऐतिहासिक चबूतरे पर एकत्रित हुए सात प्रदेशों के जाटों ने सरकार के समक्ष यह एलओसी खींच कर सरकार को आरक्षण के लिए तीन माह का समय दिया है। यदि इन तीन माह के अंदर सरकार ने प्रदेश में जाटों को आरक्षण देकर केंद्र सरकार से भी जाटों को आरक्षण देने की सिफारिश नहीं की तो 16 दिसंबर को जाट आरक्षण के लिए जंग की रणभेरी बजाते हुए मैदान में उतर आएंगे। और जाटों की इस जंग में इनका अगला पड़ाव होगा प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गृहक्षेत्र रोहतक या सोनीपत जिला।  आरक्षण के लिए जाटों को एक मंच पर लाने के लिए नरवाना के दनौदा गांव के ऐतिहासिक चबूतरे पर वीरवार को हुई सर्वखाप जाट महापंचायत ने आरक्षण को लेकर प्रदेश सरकार के समक्ष एलओसी खींच दी...

सुलभ, सस्ता व जल्दी न्याय के लिए ओल्ड इज गोल्ड हैं उत्तर भारत की खाप पंचायतें

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खाप पंचायतों का  तालिबानी से एक अलग रूप    नरेंद्र कुंडू जींद। खापों का प्रचलन उत्तर भारत में लंबे समय से रहा है। लोगों के छोटे-मोटे आपसी विवाद निपटाने के लिए ग्राम समूह का अस्तित्व किसी से छिपा नहीं है। खाप पंचायतों का ढांचा लगभग 1350 साल से भी पुराना है। जनतांत्रिक प्रणाली को आधार मानकर 643 ई. में महाराजा हर्षवर्धन ने अपने शासनकाल में सर्वखाप पंचायत की स्थापना की थी। लेकिन इससे पहले भी आदि काल से ही पंचायतें समाज विकास के लिए किसी न किसी रूप में चली आ रही हैं। खाप पंचायतों ने अपने असल स्वरूप में कभी कोई स्थाई नेतृत्व धारण नहीं किया। यह तो वर्तमान में ही पनपा एक नया रोग है। खाप पंचायतों में नेतृत्व या किसी पद के लिए कोई चुनाव नहीं होता। रोजमर्रा के विवादों को निपटाने में अपनी क्षमता व प्रतिभाओं के बुते कुछ गणमान्य लोग समाज में उभर कर आते थे, जिनकी उपस्थिति विवाद निपटाने में जरुरी होती थी और ये लोग भाई-भतीजावाद से ऊपर उठकर संबंधित पार्टी के द्वारा पर ही मुफ्त में उसके विवाद का निपटारा कर देते हैं। जिससे लोगों का पुलिस थाने, कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने से वक्त जाया होन...

‘कीड़ों’ की पढ़ाई पढ़ने के लिए निडाना आएंगे पंजाब के किसान

नरेंद्र कुंडू जींद। जिले के निडाना गांव के कीट मित्र किसानों की मेहतन अब रंग लाने लगी है। निडाना गांव के खेतों से शुरू हुई जहरमुक्त खेती की गुंज अब जिले ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेशों में भी सुनाई देने लगी है। जिससे प्रेरित होकर दूसरे प्रदेशों के किसान भी अब कीटनाशक रहित खेती के गुर सीखने के लिए निडाना की ओर रूख करने लगे हैं। सोमवार को जिला नवां शहर (पंजाब) के 35 किसानों का एक दल कृषि अधिकारियों के साथ दो दिवसीय अनावरण यात्रा पर निडाना की 12 ग्रामी किसान खेत पाठशाला में पहुंच रहा। इस दौरान किसानों का यह ग्रुप निडाना के कीट मित्र किसानों से कीट प्रबंधन पर चर्चा करेगा तथा कीट नियंत्रण व किसान खेत पाठशाला के तौर तरीके सीखेगा। इन किसानों के रहने व खाने का प्रबंध भी निडाना गांव के किसानों द्वारा खुद अपने स्तर पर किया जाएगा। इस दौरान इनके बीच विश्व प्रसिद्ध कीट वैज्ञानिक डा. सरोज जयपाल भी मौजूद रहेंगी। किसानों को कीट प्रबंधन के गुर सीखा कर लोगों की थाली में बढ़ते जहर को कम करने के लिए निडाना गांव के किसानों द्वारा शुरू की गई यह मुहिम दूसरे प्रदेशों में भी फैलने लगी है। निडाना के खेतों से श...

अब ‘लाडो’ के संदेश से शुरू होगी पंचायतों की कार्रवाई

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बेटी को बचाने के लिए खाप प्रतिनिधियों ने शुरू की ऐतिहासिक व सकारात्मक पहल नरेंद्र कुंडू जींद। आनर किंलिंग व गौत्र विवाद जैसे संवेदनशील मामलों में फतवे जारी करने के लिए बदनाम हुई खाप पंचायतें अब ‘लाडो’ को बचाने के लिए दुनिया को रास्ता दिखाएंगी। बेटी बचाने के लिए खाप पंचायतों ने अब एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब किसी भी मसले को सुलझाने के लिए आयोजित होने वाली पंचायतों की कार्रवाई ‘बेटी बचाओ’ के संदेश से शुरू होगी। पंचायत के अध्यक्ष द्वारा पंचायत की कार्रवाई शुरू करने से पहले बेटी के महत्व के बारे में बताते हुए सभी लोगों को बेटी बचाओ का संकल्प दिलवाया जाएगा। बेटी बचाओ के संकल्प के बाद ही पंचायत की आगामी कार्रवाई शुरू हो सकेगी। कन्या भ्रूण हत्या के कारण गिरते लिंगानुपात को सुधारने तथा अजन्मी कन्या को उसका हक दिलवाने का बीड़ा अब खाप पंचायतों ने अपने कंधों पर उठाया है। बेटी को बचाने के लिए खाप पंचायतों ने एक अनोखा रास्ता ढुंढ़ निकाला है। हालांकि कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए खाप प्रतिनिधि 14 जुलाई को बीबीपुर गांव में सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत से इस लड़ाई का शंखनाद कर चुके हैं। इ...