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भय व भ्रम की भूल भूलैया से बाहर निकलने के लिए कीट ज्ञान ही एकमात्र द्वार

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खाप पंचायत की 10वीं बैठक में मौजूद खाप प्रतिनिधियों ने किसान-कीट विवाद पर किया मंथन नरेंद्र कुंडू जींद। हमारे बुजुर्गों से हमें जो मिला है, क्या वह सब कुछ हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को दे पाएंगे? आज यह सवाल हमारे सामने एक चुनौति बनकर खड़ा है। अगर फसलों में पेस्टीसाइड का प्रयोग इसी तरह बढ़ता रहा तो हम आने वाली अपनी पुस्तों को बंजर जमीन व दूषित पानी के साथ-साथ कई प्रकार की लाइलाज बीमारियां पैतृक संपत्ति के तौर पर देकर जाएंगे। देश में बीटी के प्रचलन से पहले किसान के पास देसी कपास की 34 किस्में होती थी। लेकिन 2002 में बीटी के प्रचलन के बाद से अब तक इन 10 वर्षों में हमे अपनी देसी कपास की इन 34 किस्मों को खो चुके हैं। जो भविष्य में हमारे सामने आने वाली एक भयंकर मुसिबत की आहट है। यह बात अखिल भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने मंगलवार को निडाना गांव के खेतों में किसान खेत पाठशाला के दौरान पंचायत में किसान-कीट विवाद की सुनवाई के दौरान कही। पंचायत की अध्यक्षता बरहा कलां बारहा के प्रधान एवं सर्व खाप महापंचायत के संचालक कुलदीप ढांडा ने की। इस अवसर पर पंचायत में अखिल भारतीय ...

‘असी तवाड़े प्यार नू कदे भी नहीं भूल पावांगे’

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निडाना के ग्रामीणों के अतिथि सत्कार से गदगद हुए पंजाब के किसान कीट ज्ञान के साथ-साथ निडाना के ग्रामीणों का प्यार साथ लेकर गए पंजाब के किसान नरेंद्र कुंडू जींद। निडाना दे किसाना नूं साडा जो आदर-सत्कार किता सी, असी ओना दे इस प्यार नू कदे वी नहीं भूल पावांगे। यह शब्द बयां कर रहे थे पंजाब के किसानों के जज्बात को, जो निडाना के ग्रामीणों के अतिथि सत्कार से खुश होकर बार-बार उनकी जुबान पर आ रहे थे। ये किसान आए तो थे निडाना के किसानों से कीट प्रबंधन के गुर सीखने, लेकिन यहां के ग्रामीणों की मेहमान नवाजी से इतने खुश हुए कि उसका जिक्र किए बिना नहीं रह पा रहे थे। पंजाब के किसान यहां के किसानों से कीट प्रबंधन के साथ-साथ अतिथि सत्कार के नए गुर भी सीख कर गए। ग्रामीणों ने पंजाब के किसानों को यह महशूस ही नहीं होने दिया कि ये यहां किसी टूर पर आए हुए हैं। ग्रामीणों ने पंजाब के किसानों को किसी, मंदिर, धर्मशाला में न ठहराकर अपने-अपने घरों में ही इनके रुकने की व्यवस्था की। निडाना के किसानों ने अपनी मेहमान नवाजी से पंजाब के किसानों के दिलो-दिमाक पर प्यार की एक अमीट छाप छोड़ दी। पंजाब कृषि विभाग द्वारा...

‘कीड़ों’ की पढ़ाई पढ़ने के लिए निडाना आएंगे पंजाब के किसान

नरेंद्र कुंडू जींद। जिले के निडाना गांव के कीट मित्र किसानों की मेहतन अब रंग लाने लगी है। निडाना गांव के खेतों से शुरू हुई जहरमुक्त खेती की गुंज अब जिले ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेशों में भी सुनाई देने लगी है। जिससे प्रेरित होकर दूसरे प्रदेशों के किसान भी अब कीटनाशक रहित खेती के गुर सीखने के लिए निडाना की ओर रूख करने लगे हैं। सोमवार को जिला नवां शहर (पंजाब) के 35 किसानों का एक दल कृषि अधिकारियों के साथ दो दिवसीय अनावरण यात्रा पर निडाना की 12 ग्रामी किसान खेत पाठशाला में पहुंच रहा। इस दौरान किसानों का यह ग्रुप निडाना के कीट मित्र किसानों से कीट प्रबंधन पर चर्चा करेगा तथा कीट नियंत्रण व किसान खेत पाठशाला के तौर तरीके सीखेगा। इन किसानों के रहने व खाने का प्रबंध भी निडाना गांव के किसानों द्वारा खुद अपने स्तर पर किया जाएगा। इस दौरान इनके बीच विश्व प्रसिद्ध कीट वैज्ञानिक डा. सरोज जयपाल भी मौजूद रहेंगी। किसानों को कीट प्रबंधन के गुर सीखा कर लोगों की थाली में बढ़ते जहर को कम करने के लिए निडाना गांव के किसानों द्वारा शुरू की गई यह मुहिम दूसरे प्रदेशों में भी फैलने लगी है। निडाना के खेतों से श...

बुंदाबांदी के मौसम में भी महिलाओं ने किया कीट अवलोकन व निरीक्षण

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महिलाओं ने तेलन नामक कीट के क्रियाकलापों पर किया मंथन नरेंद्र कुंडू  जींद। ललीतखेड़ा गांव की किसान पूनम मलिक के खेत में चल रही महिला किसान पाठशाला में बुधवार को महिलाओं ने बुंदाबांदी के मौसम में भी कीट अवलोकन एवं निरीक्षण किया। कीट निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अभी तक कपास की फसल में मौजूद रस चूसक कीट सफेद मक्खी, हरा तेला व चूरड़ा फसल में आर्थिक कागार को पार नहीं कर पाए हैं। प्रेम मलिक ने पाठशाला में मौजूद महिला किसानों के समक्ष कपास के खेत में मौजूद तेलन के प्रति अपनी आशंका जताते हुए पूछा की तेलन कपास की फसल में क्या करती है। क्योंकि प्रेम मलिक पिछले सप्ताह अपनी कपास की फसल में तेलन नामक कीट के क्रियाकलापों को देखकर चिंतित थी। प्रेम मलिक ने महिलाओं को तेलन के क्रियाकलापों का जिकर करते हुए बताया कि तेलन कपास के पौधों पर बैठकर कपास के फूलों को खा रही थी। जिससे कारण उसे फसल के उत्पादन की चिंता सता रही है। महिलाओं ने प्रेम मलिक की समस्या का समाधान करने के लिए फसल में मौजूद तेलन के क्रियाकलापों को बड़े ध्यान से देखा। महिलाओं ने पाया कि तेलन द्वारा अधिकतर कपास के फूलों की पुंखडि़...

किसान-कीट की जंग में जीत के लिए किसानों को पैदा करना होगा खुद का ज्ञान

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किसानों ने ढुंढ़े कपास की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले तीन मेजर कीट नरेंद्र कुंडू जींद। किसान-कीट के विवाद की सुनवाई के लिए मंगलवार को निडाना गांव की किसान खेत पाठशाला में खाप पंचायत की सातवीं बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता बराह कलां बारहा खाप के प्रधान एवं सर्व खाप पंचायत के संयोजक कुलदीप ढांडा ने की। इस अवसर पर बैठक में मलिक खाप के प्रधान दादा बलजीत मलिक, चौपड़ा खाप नरवाना के प्रधान अजमेर सिंह चौपड़ा तथा सतरोल खाप के प्रधान सूबेदार इंद्र सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलदीप ढांडा ने कहा कि जिस तरह इंसानों के पास अपनी सुरक्षा के लिए वायु सेना व थल सेना हैं, ठीक उसी प्रकार कीटों के पास भी वायु सेना व थल सेना हैं। कीटों की थल सेना में दीमक की पूरी फौज है। जो जमीन के अंदर रहकर अपनी लड़ाई लड़ती है और रही बात वायु सेना की हवाई सेना में टिड्डी हैं। अगर खुदा न खास्ता कीटों की वायु सेना ने हमला कर दिया तो दूर-दूर तक कुछ नहीं बेचेगा। टिड्डियां जहां से गुजरती हैं वहां फसल, पेड़-पौधे सब कुछ खत्म हो जाता है। इसलिए कीटों का पलड़ा भारी है और किसान-कीट की इस जंग में जीत भ...

किसान-कीट मुकदमे की सुनाई में खाप पंचायतों के साथ पहुंचे कृषि अधिकारी

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 किसानों के सामने अपने विचार रखते कृषि विभाग के अधिकारी।  कृषि विभाग के उपनिदेशक को स्मृति चिह्न भेंट करते निडाना के किसान। नरेंद्र कुंडू जींद। कीट-किसान मुकदमे की सुनवाई के लिए मंगलवार को निडाना गांव की किसान खेत पाठशाला में खाप पंचायत की तरफ से नौगाम खाप के प्रधान कुलदीप सिंह रामराये, लोहाना खाप के प्रतिनधि रामदिया तथा पूनिया खाप की तरफ से जोगेंद्र सिंह पहुंचे। खाप पंचायतों के अलावा हिसार के कृषि उपनिदेशक डा. रोहताश, बीएओ डा. महीपाल, एडीओ डा. मांगेराम भी विशेष रूप से मौजूद थे। खाप पंचायतों व कृषि अधिकारियों ने नरमे के खेत में बैठकर कीट मित्र किसानों के साथ कीटों की पढ़ाई पढ़ी। कीट मित्र किसान रणबीर रेढू ने बताया कि पहले उन्हें कपास की फसल में पाए जाने वाले सिर्फ 109 कीटों की पहचान थी। जिसमें 83 कीट मासाहारी तथा 26 कीट शाकाहारी थे। लेकिन अब उन्होंने कपास की फसल में 140 कीटों की पहचान कर ली है। जिसमें 43 कीट शाकाहारी तथा 97 कीट मासाहारी हैं। रेढू ने बताया कि शाकहारी कीटों में 20 किस्म के रस चूसक, 13 प्रकार के पर्णभक्षी, तीन प्रकार के फलाहारी तथा तीन प्रकार के पुष्प...

कीटों की ‘कलाइयों’ पर भी सजा बहनों का प्यार

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‘हो कीड़े भाई म्हारे राखी के बंधन को निभाना’  राखी बांधकर कीटों से शुगुन के तौर पर मांगी फसलों की सुरक्षा नरेंद्र कुंडू जींद। भाई व बहन के प्यार के प्रतीक रक्षाबंधन के त्योहार पर आप ने बहनों को भाइयों की कलाइओं पर राखी बांधते हुए तो खूब देखा होगा, लेकिन कभी देखा या सुना है कि किसी लड़की या किसी महिला ने कीट को राखी बांधकर अपना भाई माना हो और कीट ने उसे राखी के बदले कोई शुगुन दिया हो नहीं ना। लेकिन निडाना व ललीतखेड़ा गांव की महिलाओं ने रक्षाबंधन के अवसर पर कीटों की कलाइयों पर बहन का प्यार सजाकर यानि राखी बांधकर ऐसी ही एक नई रीति की शुरूआत की है। महिलाओं ने कीटों के चित्रों पर प्रतिकात्मक राखी बांध कर इन्हें अपने परिवार में शामिल कर इनको बचाने का संकल्प लिया है। कीट मित्र महिला किसानों ने बुधवार को ललीतखेड़ा गांव में पूनम मलिक के खेतों पर आयोजित महिला किसान पाठशाला में रक्षाबंधन के अवसर पर मासाहारी कीटों के चित्रों पर राखी बांध कर कीटों को भाई के रूप में अपना लिया। इसके साथ ही इन अनबोल मासाहारी कीटों ने भी इन महिला किसानों को शुगुन के रूप में उनकी थाली से जहर कम करने का आश्वासन...