शनिवार, 31 दिसंबर 2011

सुलगने लगी आंदोलन की चिंगारी

नए साल से करेंगे आंदोलन की शुरूआत
नरेंद्र कुंडू
जींद।
अपने साथ हो रहे सौतेले व्यवहार व अपने हक के लिए डीसी रेट पर कार्यरत कर्मचारियों में आंदोलन की चिंगारी सुलगने लगी है। मुख्यमंत्री द्वारा अनुबंधित अध्यापकों को वेतनवृद्धि का तोहफा दिए जाने के बाद डीसी रेट पर कार्यरत कर्मचारियों के अंदर छिपी ये चिंगारी अब उग्र रूप धारण कर रही है, जो जल्द ही आंदोलन का रूप धारण कर सकती है। समान काम व समान वेतन की मांग को लेकर लड़ाई लड़ने के लिए ये कर्मचारी आंदोलन की रणनीति तैयार कर रहे हैं। अपने इस आंदोलन में अपनी मांगों के साथ-साथ काल का ग्रास बन चुके डीसी रेट के 93 कर्मचारियों के हक के लिए भी आवाज उठाई जाएगी। डीसी रेट के कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले आंदोलन के संकेत अभी गत दिवस 28 दिसंबर को नेहरू पार्क में हुई बैठक के माध्यम मिल चुके हैं। आंदोलन को सफल बनाने के लिए डीसी रेट के कर्मचारी सूचना एवं प्रौद्योगिकी का भी सहारा ले रहे हैं। एसएमएस के माध्यम से सभी कर्मचारियों को आंदोलन के लिए निमंत्रण दिया जा रहा है।
हरियाणा बिजली वितरण निगम ने कर्मचारियों की तंगी से राहत पाने के लिए 2008 में 6 हजार असिस्टेंट लाइनमैन (एएलएम) भर्ती किए थे। पिछले तीन साल से जान हथेली पर लेकर काम कर रहे ये कर्मचारी निगम व सरकार द्वारा कोई विशेष सुविधा मुहैया न करवाए जाने से निराश हैं। टूल किट व अन्य सुविधाओं के अभाव के कारण इन तीन सालों में डीसी रेट पर कार्यरत 93 कर्मचारी अपनी जान गवां चुके हैं। काम के दौरान जान गवाने वाले इन कर्मचारियों को निगम या सरकार द्वारा आज तक किसी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया गया है। निगम में कर्मचारियों की कमी के चलते डीसी रेट के कर्मचारियों के कंधों पर ही काम का सारा भार है। काम ज्यादा व वेतन कम होने के कारण ये कर्मचारी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा हाल ही में अनुबंधित अध्यापकों को दिए गए वेतन के तोहफे के बाद डीसी रेट पर कार्यरत कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया है। अपने साथ हो रहे सौतेले व्यवहार से परेशान ये कर्मचारी अब अपने हक के लिए लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। डीसी रेट के कर्मचारियों द्वारा भविष्य में किए जाने वाले आंदोलन के संकेत हाल ही में 28 दिसंबर को शहर के नेहरू पार्क में हुई बैठक के माध्यम से मिल चुके हैं। अपने इस आंदोलन के लिए ये कर्मचारी रणनीति तैयार कर रहे हैं। कर्मचारियों द्वारा इस आंदोलन की शुरूआत भी नए साल से की जाएगी। नए साल पर शहर के नेहरू पार्क में होने वाली बैठक में पूरे प्रदेश के डीसी रेट के बिजली कर्मचारी भाग लेंगे और आंदोलन की आगामी रूपरेखा तैयार करेंगे।  
एसएमएस के माध्यम से दे रहे हैं निमंत्रण
समान काम, समान वेतन की मांग को लेकर अपने हक की लड़ाई लड़ने वाले इन कर्मचारियों ने आंदोलन को सफल बनाने के लिए हाईटेक विधि को अपनाया है। सूचना एवं प्रौद्योगीकी के इस युग में इन कर्मचारियों ने इंटरनेट  को अपना हथियार बनाया है। अपने आंदोलन को सफल बनाने के लिए डीसी रेट के कर्मचारियों ने नेट पर एसएमएस का अपना एकाऊंट बनवा लिया है और एसएमएस के जरिये अपने साथियों को निमंत्रण दे रहे हैं। ताकि आंदोलन में किसी भी प्रकार की कमी न रहे। अभी एसएमएस के माध्यम से एक जनवरी 2012 को जींद के नेहरू पार्क में एकत्रित होने के लिए निमंत्रण दिया जा रहा है।
मृतक कर्मचारियों के हक के लिए भी लड़ेंगे लड़ाई
इस आंदोलन के जरिये अपनी मांगों के साथ-साथ काम के दौरान काल का ग्रास बने उन 93 कर्मचारियों के हक के लिए भी आवाज उठाई जाएगी। सब डिविजन प्रधान रविंद्र राणा, सुनिल, जसबीर, सागर व योगेश बताया कि मृतक कर्मचारियों के परिजनों को कम से कम 5 लाख रुपए मुआवजा दिलवाने की मांग की जाएगी। ताकि मृतक कर्मचारी के परिजन आसानी से अपना गुजर-बसर कर सकें। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए हरियाणा उत्तरी बिजली निगम के पदाधिकारियों से भी सहयोग लिया जाएगा।
क्या है आंदोलन की रणनीति
अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए डीसी रेट के कर्मचारियों ने नए साल से आंदोलन की शुरूआत करने का निर्णय लिया है। एक जनवरी 2012 को शहर के नेहरू पार्क में पूरे प्रदेश के डीसी रेट पर कार्यरत कर्मचारी इकट्ठा होकर आंदोलन की आगामी रूप रेखा तैयार करेंगे। एक जनवरी 2012 को शहर के नेहरू पार्क में एकत्रित होंगे। यहां से शहर में प्रदर्शन कर उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री व बिजली मंत्री के नाम अपना ज्ञापन सौंपेंगे। इसके बाद 7 जनवरी को बिजली मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के आवास का घेराव करेंगे। इसके बाद भी अगर मांगें पूरी नहीं हुई तो अन्ना हजारे के रास्ते पर चलते हुए जिला स्तर पर भूख हड़ताल करेंगे।
क्या हैं डीसी रेट के कर्मचारियों की मांगें
  1. नई भर्ती को रोक कर डीसी रेट पर कार्यरत कर्मचारियों को पक्का किया जाए।
  2. डीसी रेट के सभी कर्मचारियों को टूल किट उपलब्ध करवाई जाएं।
  3. पक्के कर्मचारियों के समान वेतन व अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएं।
  4. काम के दौरान काल का ग्रास बने सभी कर्मचारियों को 5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।

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