सोमवार, 26 दिसंबर 2011

अब तहसील स्तर पर खुलेंगे कृषि विज्ञान केंद्र

हिसार कृषि विवि से शुरू होगी पहल
कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए वरदान साबित होगी योजना
नरेंद्र कुंडू
जींद।
प्रदेश में शहरीकरण और औद्योगिकरण से कम हो रही कृषि जोत तथा कृषि क्षेत्र में लागत बढ़ने के बावजूद कृषि उत्पादन व मुनाफे में आ रही कमी के कारण असमंजसता के दौर से गुजर रहे किसानों के लिए अच्छी खबर है। कृषि क्रियाओं में उनकी तकनीक को बढ़ाने तथा मुनाफे के तरीके शेयर करने के लिए तहसील स्तर पर कृषि विज्ञान केंद्र खोले जाएंगे। आमतौर पर हर जिले में एक ही कृषि विज्ञान केंद्र काम कर रहा है। नए केंद्रों के लिए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने रणनीति बनाकर उसे मूर्त रूप देने की तैयारी शुरू कर दी है।
प्रदेश के अधिकांश जिलों में कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों को कृषि तथा अन्य सहायक गतिविधियों से रूबरू कराने वाले हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कराए गए एक सर्वे में यह साफ हो गया था कि किसानों को खेती प्रबंधन से लेकर अपनी लागत निकालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके कारण किसानों का कृषि क्षेत्र से मोह भंग हो रहा है। उनके खेती से विमुख होने के संभावित खतरे को टालने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने किसानों को अपने से सीधे जोड़ने की कवायद में कई योजनाएं शुरू की हैं। इसी कड़ी में अब प्रदेश की सभी तहसीलों में कृषि विज्ञान केंद्र शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है।
किसानों की चुनौतियों पर गंभीर एचएयू
प्रदेश में कृषि क्रियाओं पर सबसे ज्यादा असर भूमि अधिग्रहण कर नए प्रोजेक्टों को शुरू करने से पड़ रहा है। अधिकांश क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि इन प्रोजेक्टों का हिस्सा बन रही है। इन क्षेत्रों के किसानों के ना चाहते हुए भी खेती से दूर होना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर पैसों की चमक-धमक को देखते हुए कृषि क्षेत्र में बढ़ रही मुसीबतों के कारण भी किसानों के माथे पर शिकन है। शहरीकरण, औद्योगिकरण से कम हो रही जोत, तापमान में बढ़ोतरी, पानी की कमी, बीज की गुणवत्ता, मौसम की मार तथा पुरानी तकनीकों पर काम करने से किसान न तो ठीक से फसल का उत्पादन ले पा रहा है और न ही अपना मुनाफा बढ़ा रहा हैं। इसके कारण उसे खेती घाटे का सौदा नजर आने लगा है। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के प्रबंधन का मानना है कि प्रदेश की 11 प्रतिशत की विकास दर में किसानों का बड़ा रोल है, ऐसे में किसानों के सामने आ रही चुनौतियों को एचएयू गंभीरता से ले रहा है।
किसानों तक पहुंच बढ़ाएंगे कृषि विज्ञान केंद्र
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार ने अब तहसील स्तर पर कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। यहां बता दें कि प्रत्येक जिले में संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों में प्रगतिशील किसानों को कृषि, बागवानी, पशुपालन समेत सभी कृषि सहायक गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि किसानों के आर्थिक स्तर को बढ़ाने में मदद की जा सके। लेकिन विवि प्रबंधन को लगने लगा था कि जिले में इकलौते कृषि विज्ञान केंद्र के सहारे हर किसान को कृषि की तकनीकों से अवगत कराना मुमकिन नहीं है। इसलिए हर तहसील में एक कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित किया जाएगा। इन केंद्रों में किसानों को घटती जोत, पानी की कमी, बीजों की गुणवत्ता में सुधार लाते हुए तकनीक तौर पर समक्ष बनाकर फसल उत्पादन में इजाफा करते हुए मुनाफ की ओर बढ़ना है।

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