महज 44 दिनों में टूटे 6 साल के रिकार्ड
जरूरतमंद को रक्त देते ब्लड बैंक के कर्मचारी |
जींद। जिलेभर में चल रही ब्लड डोनेशन की मुहिम जबरदस्त रंग ला रही है। ब्लड डोनेशन के मामले में मात्र 44 दिनों में ही पिछले 6 सालों के रिकार्ड टूट गए हैं। जिस तरह से जिले के लोग रक्तदान के लिए सामने आ रहे हैं, उसकी उम्मीद खुद स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन को भी नहीं थी। 44 दिनों में 2050 यूनिट रक्त जमा हो चुका है। जिले का ब्लड बैंक ‘ब्लड’ से मालामाल हो गया है। अब स्थिति यह हो गई है कि जिले के ब्लड बैंक के पास ब्लड रखने के लिए जगह नहीं है। इस कारण अब शिविरों में एकत्रित किए गए रक्त को आस-पास के जिलों में भेजा जा रहा है। ब्लड बैंक अच्छी स्थिति में होने के कारण अब जरूरतमंद से ब्लड के बदले ब्लड नहीं लिया जा रहा है।
रक्तदान के प्रति युवाओं में आ रही जागृति ने ब्लड बैंक को ब्लड से मालामाल कर दिया है। युवाओं में इस तरह की जागृति लाने के पीछे रेड क्रॉस, नेहरू युवा केंद्र व सामान्य अस्पताल की ब्लड बैंक की टीम अपना विशेष सहयोग दे रही है। रेड क्रॉस से ईश्वर सांगवान, ब्लड बैंक के इंचार्ज जेके मान व नेहरू युवा केंद्र के कोर्डिनेटर प्रदीप युवाओं को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं उपायुक्त डा. युद्धवीर सिंह ख्यालिया। उपायुक्त डा. युद्धवीर सिंह ख्यालिया के सानिध्य में शुरू की गई इस मुहिम ने जबरदस्त रंग दिखाया है। जिले में कुल 308 गांव हैं और रक्तदान शिविरों का आयोजन करने वाली इस टीम द्वारा 308 गांवों में 365 दिनों तक लगातार रक्तदान शिविरों का आयोजन करने की योजना तैयार की गई है। टीम द्वारा एक दिसंबर 2011 से शुरू की गई मुहिम ने महज 44 दिनों में ही पिछले 6 साल के सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं। 44 दिनों में 44 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 2050 यूनिट रक्त एकत्रित किया जा चुका है और ब्लड डोनेशन की यह मुहिम अब रूकने का नाम नहीं ले रही है। रेड क्रॉस को युवाओं से मिल रहे अच्छे रिस्पोंस के कारण रेड क्रॉस ने रक्तदान शिविरों का मार्च तक का शैड्यूल तैयार कर लिया है। ब्लड डोनेशन की यह मुहिम इतनी गति पकड़ चुकी है कि रेड क्रॉस द्वारा रविवार को भी कैंपों का आयोजन किया जा रहा है। सामान्य अस्पताल का ब्लड बैंक ब्लड से लबालब हो चुका है। ब्लड बैंक में ब्लड के लिए जगह न होने के कारण अब आस-पास के जिलों से मदद ली जा रही है। जींद के अलावा कैथल, करनाल व रोहतक पीजीआई के ब्लड बैंक की टीमें भी ब्लड के लिए जींद पहुंच रही हैं।
ब्लड के बदले नो रिप्लेशमेंटब्लड बैंक में रक्त की कमी न रहने के कारण ब्लड बैंक द्वारा जरूरतमंद से ब्लड के बदले ब्लड नहीं लिया जा रहा है। ब्लड बैंक द्वारा ब्लड के बदले मरीज से सिर्फ सरकारी चार्ज ही लिए जा रहा है। प्राइवेट अस्पताल में एडमिट मरीज को 500 रुपए में एक यूनिट ब्लड तथा सरकारी अस्पताल में एडमिट मरीज से एक यूनिट के बदले 250 रुपए चार्ज लिया जा रहा है। इसके अलावा सरकारी अस्पताल में एडमिट बीपीएल कार्ड धारक मरीज को मुफ्त में ब्लड दिया जा रहा है।
26 जनवरी पर किया जाएगा सम्मानितब्लड डोनेशन की इस मुहिम को आगे बढ़ाने व अन्य युवाओं को भी इस मुहिम में शामिल करने के लिए उपायुक्त ने एक विशेष फैसला लिया है। 26 जनवरी पर उपायुक्त या संबंधित मंत्री द्वारा सबसे ज्यादा रक्तदान करने वाले रक्तदाता व सबसे ज्यादा रक्तदान शिविर लगाने वाली संस्था को सम्मानित किया जाएगा।
वर्ष कैंप लगे यूनिट रक्त
2006 30 1570
2007 29 1570
2008 29 1255
2009 43 2096
2010 52 2546
नवंबर 2011 54 2997
1 दिसंबर 2011 से
13 जनवरी 2012 तक 44 2050
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