पशु तस्करों के लिए सुरक्षित गलियारा बना जींद

 नरेंद्र कुंडू
जींद।
पशु तस्करों के लिए जींद जिला सुरक्षित गलियारा साबित हो रहा है। पशु तस्कर पंजाब के क्षेत्रों से सस्ता पशुधन खरीदकर इसे यूपी में महंगे दामों पर बूचड़खानों में बेच रहे हैं। इसके लिए पशु तस्करों को केवल जींद जिले की सीमाओं को ही लांघना होता है। बस जींद क्षेत्र पार किया और पंजाब से झट यूपी में प्रवेश कर जाते हैं। इस तरह से जींद जिला पशु तस्करों के लिए आसान व सुरक्षित गलियारा बन गया है। इसका प्रमाण मिल रहा है दिन-प्रतिदिन यहां सामने आ रहे पशु तस्करी के मालमों से।
पशुतस्करी का धंधा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ठंड बढ़ने के साथ ही पशु तस्करों की गतिविधियां भी बढ़ जाती हैं। इन तस्करों के निशाने पर सबसे ज्यादा पंजाब व हरियाणा रहता है। पशु तस्कर पंजाब से सस्ता पशुधन खरीद कर उसे महंगे दामों पर बेचने के लिए हरियाणा के रास्ते यूपी के बुचड़खानों में ले जाते हैं। पशु तस्करी के लिए इन तस्करों ने हरियाणा के जींद जिले को अपना सबसे सुरक्षित गलियारा बनाया हुआ है, क्योंकि पंजाब से यूपी जाने के लिए यह सबसे छोटा रास्ता है। पशु तस्करी के दौरान इन्हें रास्तों को लेकर किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसलिए ये तस्कर पंजाब की सीमा से सटे क्षेत्र में अपने विश्वस्त सहायक तैयार कर लेते हैं। पशु तस्करी को अंजाम देते समय ये तस्कर यहां पर मौजूद अपने सहायकों का सहारा लेते हैं। जब इन्हें कभी गंभीर परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है तो साथ में मौजूद इनका लोकल सहयोगी इन्हें रास्तों से अवगत करवा कर आसानी से बचा कर निकाल देता है।
पुलिस पार्टी पर हमले से भी नहीं चुकते
ये तस्कर रात के समय पशुओं की तस्करी करते हैं यदि पुलिस से इनकी मुठभेड़ हो भी जाए तो ये तस्कर हर प्रकार के हथकंडे अपना लेते हैं। पहले तो ये पुलिस से सांठ-गांठ करने की कोशिश करते हैं। यदि पुलिस के साथ इनकी सांठ-गांठ नहीं हो पाती तो ये पुलिस पार्टी पर हमला करने से भी नहीं चुकते हैं। इस दौरान यदि इनको गोली भी चलानी पड़े तो ये बेखौफ  होकर पुलिस पर गोली बारी करके फरार हो जाते हैं।
स्थानीय लोगों के साथ भी हो चुकी है झड़प
अकेले नरवाना क्षेत्र में पिछले एक माह में पशु तस्करी के एक दर्जन से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। अधिकतर मामलों में पशु तस्करों ने भागने के लिए पुलिस व स्थानीय लोगों के साथ झड़प भी की है। लगभग एक पख्वाड़ा पहले भी नरवाना में पशु तस्करों ने पीछा कर रहे स्थानीय लोगों पर हमला बोल दिया था। जिसके बाद गुस्साए लोगों ने पकड़े गए ट्रक को आग के हवाले कर दिया था और तस्करों की जमकर पिटाई की थी।
कानून में नहीं सख्त सजा का प्रावधान
पशु तस्करी के मामले में सख्त कानूनी प्रक्रिया का प्रावधान न होने के कारणा इन तस्करों के हौंसले काफी बुलंद हैं। पशु तस्करी के आरोप में पकड़े जाने पर अधिकतर मामलों में थोड़ा बहुत जुर्माना लगा कर छोड दिया जाता है और इस तरह के मामले में जमानत भी साथ के साथ मिल जाती है। कानून में सख्त सजा का प्रावधान न होने के कारण ही पशु तस्करी के मामले कम नहीं हो रहे हैं। 
ट्रक से मुक्त करये 14 बैल
 तस्करों के कब्जे से बैलों को मुक्त करवाते स्थानीय लोग। 
शहर थाना पुलिस ने दिल्ली पटियाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर आईटीआई के पास अलसुबह गौकशी के लिए ले जाए जा रहे बैलों से भरे एक ट्रक को काबू कर उससे 14 बैलों को मुक्त करवाया। पुलिस ने बैलों को मुक्त करवा स्थानीय गौशाला में छोड़ दिया। पुलिस को रात्रि गस्त के दौरान सूचना मिली थी कि पंजाब से एक ट्रक में बैलों को भर कर नरवाना के रास्ते यूपी ले जाया जा रहा है। पुलिस ने सूचना मिलते ही शहर में नाकेबंदी कर चेकिंग शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने पंजाब की तरफ से आ रहे एक ट्रक को रूकवाकर तलाशी ली तो ट्रक में बैलों को ठूंस-ठूंस कर भरा हुआ था। पुलिस ने ट्रक से 14 बैलों को मुक्त करवा कर स्थानीय गौशाला में छोड़ दिया। पुलिस ने मुज्जफरनगर निवासी दिलसाज व साजैव को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ गौकशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।


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