अब जिला पुस्तकालयों का डाटा होगा कम्प्यूटरीकृत


उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा पुस्तकालयों पर खर्च किए जाएंगे 75 लाख
नरेंद्र कुंडू
जींद।
जिला पुस्तकालयों में कर्मचारियों पर बढ़ते काम के बोझ को कम करने तथा पाठकों को पुस्तकालयों में विशेष सुविधा मुहैया करवाने के उद्देश्य से महानिदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा पुस्तकालयों के रिकार्ड को कम्प्यूटरीकृत करने का निर्णय लिया गया है। पुस्तकालयों को कम्प्यूटरीकृत करने के लिए कोलकाता स्थित राजा राम मोहन राय पुस्तकालय प्रतिष्ठान द्वारा प्रदेश के सभी जिला पुस्तकालयों पर 75 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रतिष्ठान द्वारा महानिदेशक उच्चत शिक्षा विभाग हरियाणा को पत्र लिख कर जल्द से जल्द सभी जिला पुस्तकालयों से कम्प्यूटरों की कुटेशन मांगी गई है। इस योजना के तहत जिला पुस्तकालयों में पुस्तकों को एक साफ्टवेयर में सूचीबद्ध कर डाटा बेस तैयार किया जाएगा। पुस्तकों का सूचीबुद्ध डाटा तैयार होने के बाद किताबों के रख-रखाव व पाठकों के लिए किताबें तलाशना काफी सुविधाजनक हो जाएगा। उच्चत शिक्षा विभाग तथा प्रतिष्ठान द्वारा उठाए गए इस कदम से पुस्तकालय के कर्मचारियों को भी काफी राहत मिलेगी।
प्रदेश के जिला पुस्तकालयों पर पिछले काफी समय से कर्मचारियों का भारी टोटा है। कर्मचारियों की कमी के कारण पुस्तकालयों का काम-काज भी प्रभावित हो रहा है। लेकिन अब कर्मचारियों पर काम के दबाव को कम करने के लिए राज राम मोहन राय पुस्तकालय प्रतिष्ठान व उच्चतर शिक्षा विभाग ने जिला पुस्तकालयों को कम्प्यूटरीकृत करने का निर्णय लिया है। विभाग द्वारा तैयार की गई इस योजना से पुस्तकालयों का सारा रिकार्ड कम्प्यूटरीकृत किया जाएगा। पुस्तकालयों को कम्प्यूटरीकृत करने के लिए कोलकाता स्थित राजा राम मोहन राय ट्रस्ट द्वारा प्रदेश के उच्चतर शिक्षा विभाग को 75 लाख रुपए की राशि दी जाएगी। योजना को जल्द से जल्द अमल में लाने के लिए ट्रस्ट द्वारा उच्चतर शिक्षा विभाग से प्रत्येक जिले से कम्प्यूटरों पर आने वाले खर्च की कुटेशन मांगी गई है। विभाग ने भी योजना में दिलचस्पी दिखाते हुए सभी जिला पुस्तकालयों से मान्यता प्राप्त कम्प्यूटर इंस्टीच्यूट से कुटेशन तैयार करवाकर विभाग को भेजने के निर्देश दिए हैं। सभी जिला पुस्तकालयों पर कम्प्यूटर उपलब्ध करवाने के बाद एक साफ्टवेयर के माध्यम से पुस्तकों को सूचीबद्ध कर डाटा बेस तैयार किया जाएगा। पुस्तकों का सूचीबद्ध डाटा तैयार होने के बाद पुस्तकालय के कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी। पुस्तकों का डाटा कम्प्यूटरीकृत होने के बाद कर्मचारियों को पुस्तकों के  रख-रखाव में मदद मिलेगी तथा पाठकों के लिए पुस्तक तलाशना भी काफी सुविधाजनक हो जाएगा।
पुस्तकालय के कामकाज में लगे कर्मचारी
कम्प्यूटर के साथ-साथ पुस्तकालय को मिलेंगी अन्य सुविधाएं
जिला पुस्तकालय के सीनियर लाइब्रेरियन बलबीर चहल ने बताया कि महानिदेशक उच्चत शिक्षा विभाग द्वारा भेजे गए पत्र क्रमांक नंबर 9/8-2007 पु. (4) पुस्तकालय को राजा राम मोहन राय प्रतिष्ठान द्वारा 3 लाख रुपए की ग्रांट देने का जिक्र किया गया है। पत्र के माध्यम से उनसे जल्द से जल्द मान्यता प्राप्त कम्प्यूटर सेंटर से कम्प्यूटरों पर आने वाली लागत की कुटेशन मांगी गई थी। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कम्प्यूटर सेंटर से कुटेशन तैयार करवा कर विभाग को भेज दी है। ट्रस्ट द्वारा पुस्तकालय को दी जाने वाली तीन लाख की ग्रांट से पुस्तकालयों में पाठकों की सुविधा के लिए कम्प्यूटर के अलावा कूलर, वाटर कूलर व पीने के पानी को शुद्ध करने के लिए आरओ भी लगवाया जाएगा।

पुस्तकालय का नाम                      राशि
 केंद्रीय पुस्तकालय अंबाला कैंट         6 लाख
जिला पुस्तकालय सिरसा                 लाख
जिला पुस्तकालय कुरुक्षेत्र                5 लाख
जिला पुस्तकालय पंचकूला              5 लाख
जिला पुस्तकालय हिसार                 4 लाख
जिला पुस्तकालय गुड़गांव                4 लाख
जिला पुस्तकालय नारनौल               4 लाख
जिला पुस्तकालय रोहतक                4 लाख
जिला पुस्तकालय सोनीपत              3 लाख
जिला पुस्तकालय करनाल               3 लाख
जिला पुस्तकालय भिवानी               3 लाख
जिला पुस्तकालय कैथल                 3 लाख
जिला पुस्तकालय यमुनानगर          3 लाख
जिला पुस्तकालय पानीपत              3 लाख
जिला पुस्तकालय जींद                   3 लाख
जिला पुस्तकालय रेवाड़ी                 3 लाख
जिला पुस्तकालय फतेहाबाद           3 लाख
जिला पुस्तकालय झज्जर               2 लाख
जिला पुस्तकालय नूह                     2 लाख
जिला पुस्तकालय फरीदाबाद           2 लाख
उपमंडल पुस्तकालय आदमपुर         1 लाख
उपमंडल पुस्तकालय हांसी                1 लाख
उपमंडल पुस्तकालय मंडी डबवाली     1 लाख
उपमंडल पुस्तकालय गोहाना             1 लाख
उपमंडल पुस्तकालय चरखी दादरी     1 लाख
कुल                                             75 लाख

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