बदला मौसम का मिज़ाज, धरती पुत्रों के माथे पर बनी चिंता की लकीरें

पाले से फसलों के उत्पादन पर पड़ेगा भारी असर
चारे की फसल पर जमा पाला।
नरेंद्र कुंडू 
जींद। क्षेत्र में पाला रिकार्ड तोड़ रहा है। रबी की फसलों पर पाला बर्फ की तरह जम मिलता है। पाले के प्रकोप से फसलों पर संकट मंडरा रहा है। फसलें नष्ट होने लगी हैं। खासकर सरसों व सब्जियों की फसल के लिए पाला भष्मासुर साबित होता है। फसलों को बचाने के लिए कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को तुरंत हल्की सिंचाई की सलाह दी है। जिस तरह से पाला रिकार्ड तोड़ रहा है, उससे उत्पादन पर असर पड़ना लाजिमी है।  
एक सप्ताह से मौसम में आ रहे बदलाव के साथ ही किसानों के माथे पर चिंता की लकीर दिखाई देने लगी हैं। किसानों को पाला की चिंता सताने लगी है। वीरवार सुबह क्षेत्र के कई गांवों में फसलों पर पाला जमा नजर आया है। मंगलवार रात को हुई बारिश के बाद तापमान में लगातार गिरवाट जारी है। किसानों का कहना है कि रात के तापमान में गिरावट से फसलों पर पाले का खतरा मंडराने लगा है। पाले के प्रकोप के कारण सरसों, जौं, सब्जियों व चारे की फसल नष्ट हो रही हैं। सप्ताह के पहले दिन से मौसम में आए बदलाव के बाद तापमान में उतार-चढ़ाव आता रहा है। बीते तीन दिनों में शीत लहर और रात के तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है। दिन के समय जहां हवा में नमी 40 प्रतिशत के आस-पास होती है तो रात को हवा में नमी शत प्रतिशत हो जाती है। पाले के बढ़ते प्रकोप के कारण रबी की अधिकतर फसलों की खराब होने की आशंका बढ़ गई है। मौसम ने किसानों की धड़कने बढ़ा दी हैं। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को पाले से सचेत रहने की सलाह दी है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में आए परिवर्तन से सरसों एवं जौ की फसल में मोयला कीट, चेपा का प्रकोप अधिक बढ़ जाएगा। तापमान में गिरावट होने से मटर, मेथी एवं धनिया की फसल में पाइडरी मिल्ड्यू का असर बढ़ जाता है। कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि बैंगन की फसल में फल एवं तना छेदक लट का प्रकोप बढ़ने के आसार रहते हैं। पाला और कोहरे से आलू, मटर और टमाटर की फसल को भी नुकसान होने के आसार बने हुए हैं। कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि मोयला कीट से फसलों को बचाने के लिए काश्तकारों को पैराथियॉन दो प्रतिशत या एंडोसल्फान पांच प्रतिशत चूर्ण का 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से छिडकाव और पानी की सुविधा वाले क्षेत्रों में एंडोसल्फान 35 ईसी 1-5 मिली का प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करने से फसल को पाले के प्रकोप से बचाया जा सकता है। सरसों, आलू, मटर, धनिया, बैंगन, टमाटर की फसल को पाले के प्रकोप से बचाने के लिए फसलों में फूल आने के समय गंधक के तनु अम्ल के 0-1 प्रतिशत या एक हजार लीटर पानी में 500 ग्राम थायोयूरिया मिलाकर 15 दिन के अंतराल में छिड़काव करने से फसल पर पाले का असर कम होता है। उनका कहना है कि बैंगन की फसल को तना छेदक लट से बचाने के लिए प्रभावित शाखाओं और फलों को तोड़कर नष्ट कर दिया जाना चाहिए। फल बनने पर कार्बोरिल 50 डब्ल्यूसी या एंडोसल्फान 35 ईसी 1-5 मिली या एसी फेट 75 एससी 0-5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कने से बैंगन की फसल और फल को तना छेदक लट से बचाया जा सकता है।
पाला से आलू और टमाटर की फसल चौपट
जिले में पिछले तीन दिनों से पड़ रहे पाले ने सब्जी उत्पादक किसानों की नींद उड़ा दी है। पाले से सब्जी की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है। खासकर आलू, मटर व टमाटर की फसल पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इससे किसानों को भारी नुकसान की चिंता सताने लगी है। अगर जल्द ही मौसम में बदलाव नहीं हुआ तो फसल पूरी तरह से चौपट हो जाएगी। वहीं कृषि वैज्ञानिकों ने भी किसानों को अपनी फसल में जल्द से जल्द हल्का पानी लगाने की सलाह दी है। जिससे पाले के असर को कम किया जा सके।
दामों में हो सकता है इजाफा
पाले के प्रभाव के कारण इस बार फसल की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। सब्जी की फसल में नुकसान होने के कारण पैदावार काफी कम होगी। इससे सब्जी के दामों में भी बढ़ोतरी हो सकती है। फिलहाल आलू पांच से छह रुपए, टमाटर 15 से 20 व मटर 20 रुपए किलो बिक रही है।
तापमान के आंकड़े
दिन    दिन का तापमान    रात का तापमान
रविवार    20 डिग्री        12 डिग्री
सोमवार    18 डिग्री        10 डिग्री
मंगलवार    15 डिग्री        6 डिग्री
बुधवार    13 डिग्री        1 डिग्री
हल्का पानी लगाकर बचाई जा सकती है फसल
फसल को पाले से बचाने के लिए किसानों के पास एक मात्र माध्यम पानी लगाना ही है। फसल में हल्का पानी लगाने से पाले के प्रकोप को कम किया जा सकता है। साथ ही हल्के पानी का फसल के उत्पादन पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा फसल के पास धुआं कर या फसल को ढककर भी बचाया जा सकता है। पाला सरसों व सब्जी की फसल के लिए हानिकारक तथा गेहूं की फसल के लिए लाभदायक है।
डा. प्रताप सबरवाल
कृषि उपनिदेशक, जींद

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