पायलेट प्रोजेक्ट से कंट्रोल किया जाएगा गिरता भूजल स्तर
गांव में रेन कंजर्वेशन एवं हारवेस्टिंग सिस्टम के लिए खुदाई करते मजूदर। |
बीबीपुर गांव में लगा प्रदेश का पहला रेन कंजर्वेशन एवं हारवेस्टिंग सिस्टमनरेंद्र कुंडू
जींद। पायलेट प्रोजेक्ट से अब गिरते भूजल स्तर पर काबू पाया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई पायलेट प्रोजेक्ट योजना के तहत ग्राम पंचायत बीबीपुर से भूजल संरक्षण मुहिम की शुरूआत की गई है। इसलिए प्रयोग के तौर पर बीबीपुर गांव में रेन कंजर्वेशन एवं हारवेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। बरसात के पानी को सिस्टम में फिल्टर कर जमीन में छोड़ा जाएगा। इससे गांव के भूजल में सुधार होगा और बसरात का पानी बेकार होने से बचेगा। यहां पर अगर सिस्टम सफल होता है तो प्रदेश में इस योजना को प्रमुख्ता से लागू किया जाएगा।
लगातार हो रहे पानी के दोहन से भूजल स्तर काफी नीचे गिर रहा है और शुद्ध पानी के स्त्रोतों भी कम हो रहे हैं। गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पायलेट प्रोजेक्ट योजना शुरू की गई है। प्रदेश में इस योजना की शुरूआत जिले के बीबीपुर गांव से की गई है। प्रदेश का यह सबसे पहला ऐसा गांव है जहां पर रेन कंजर्वेशन एवं हारवेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। केंद्र सरकार की इस योजना को प्रदेश में सफल बनाने में कृषि विभाग भी संयोजक के तौर पर सरकार का सहयोग कर रहा है। गांव में रेन कंजर्वेशन एवं हारवेस्टिंग सिस्टम का निर्माण मनरेगा स्कीम के तहत करवाया गया है। इसके निर्माण में लगभग साढ़े तीन लाख रुपए खर्च किए गए हैं। साढ़े 6 एकड़ जमीन में बने आयुर्वेदिक अस्पताल, आंगनवाड़ी केंद्र व स्कूल का सारा बरसाती पानी इस सिस्टम में फिलटर कर जमीन में छोड़ा जाएगा। यहां पर अगर यह सिस्टम सफल होते हैं तो बाद में प्रदेश में इस योजना को प्रमुख्ता से लागू करते हुए बड़े-बड़े इंस्टीच्यूटों में रेन कंजर्वेशन एवं हारवेस्टिंग सिस्टम का निर्माण करवाया जाएगा। सरकार की इस योजना से जमीन में शुद्ध पानी के स्त्रोतों को बढ़ावा मिलेगा और भूजल स्तर में सुधार होगा।
ग्राम सभा में किया था प्रस्ताव पासपंचायत की उपलब्धियों को देखते हुए ही उनके गांव में रेन कंजर्वेशन एवं हारवेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। इसके अलावा गांव को यह प्रोजेक्ट मिलेने का मुख्य कारण यह है कि पंचायत ने इस प्रस्ताव को ग्राम सभा में पास किया था और ग्राम सभा में प्रस्ताव पास होने के कारण ही सरकार भी इस प्रोजेक्ट को टाल नहीं सकी। गांव में अगर यह सिस्टम सफल होता है तो ऐसे ही 5 सिस्टम गांव में ओर लगाए जाएंगे।
सुनील जागलान
सरपंच, बीबीपुर पंचायत
पानी के अधिक दोहन के कारण हमारे शुद्ध पानी के स्त्रोत कम हो रहे हैं और भूजल स्तर भी काफी तेजी से नीचे जा रहा है। शुद्ध पानी के स्त्रोतों को बढ़ाने और भूजल स्तर को सुधारने के लिए ही सरकार ने यह योजना शुरू की है। बरसात के पानी को सबसे शुद्ध माना जाता है, इसलिए बरसात के पानी को पहले सिस्टम में फिलटर किया जाएगा और उसके बाद जमीन में छोड़ा जाएगा।
ओडी शर्मा
प्रोजेक्ट मैनेजर, जींद
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