जिला खेल अधिकारी की कुर्सी बनी खेल

नरेंद्र कुंडू
जींद।
जिला खेल अधिकारी की कुर्सी दो अधिकारियों की आपसी खिंचतान के चलते खेल बनकर रह गई है। जींद खेल अधिकारी फूलकुमार दहिया का तबादला 2 फरवरी को सोनीपत में हो गया था और सोनीपत के खेल अधिकारी प्रकाश सिंह दहिया को जींद खेल अधिकारी की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। विभाग द्वारा जारी आदेशों के बाद जींद के खेल अधिकारी फूलकुमार दहिया ने तो जींद से रिलीव होकर सोनीपत ड्यूटी ज्वाइंन कर ली, लेकिन प्रकाश सिंह दहिया जींद में ड्यूटी ज्वाइंन करने को तैयार नहीं हैं और सोनीपत में ही खेल अधिकारी की कुर्सी पर जम बैठे हैं। ऐसे में सोनीपत जिले के पास तो दो खेल अधिकारी हो गए, लेकिन जींद के खेल अधिकारी की कुर्सी पर बैठने के लिए कोई तैयार नहीं है। जिला खेल अधिकारी की कुर्सी खाली होने से यहां की खेल गतिविधियां पूरी तरह से प्रभावित हो गई हैं।
सोनीपत की जिला खेल अधिकारी की कुर्सी में आखिर ऐसा क्या है कि विभाग के आदेशों के बावजूद भी खेल अधिकारियों का मोह उस कुर्सी से नहीं छुट रहा है। दोनों खेल अधिकारियों में चल रही खींचतान नई नहीं बल्कि काफी पुरानी है। यह मामला उस समय से चल रहा है, जब मेवात में ड्यूटीरत जिला खेल अधिकारी फूलकुमार दहिया ने मेवात से अपना तबादला सोनीपत में करवा लिया था और फूलकुमार की जगह सोनीपत के जिला खेल अधिकारी प्रकाश सिंह दहिया को सोनीपत से मेवात में भेज दिया था। इसके बाद प्रकाश सिंह दहिया ने अपना तबादला मेवात से जींद करवा लिया था। जींद की कुर्सी भी प्रकाश सिंह दहिया को रास नहीं आई और प्रकाश सिंह दहिया ने केवल तीन माह बाद ही जींद से अपना तबादला सोनीपत करवा लिया और फूलकुमार दहिया को सोनीपत से जींद पहुंचा दिया। इसके बाद तो यह सिलसिला रूकने की बजाए बदस्तुर जारी हो गया। जींद में तबादला होने के बाद फूलकुमार दहिया ने भी ज्यादा दिन जींद में नहीं रुके और उन्होंने भी अपनी राजनैतिक अपरोच का सहारा लेकर तीन माह के अंदर ही दोबारा से अपना तबादला जींद से सोनीपत करवा लिया और प्रकाश सिंह दहिया को सोनीपत से वापिस जींद का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद फूलकुमार दहिया ने जींद से तबादला होने के बाद 2 फरवरी को सोनीपत में ड्यूटी ज्वाइन कर ली, लेकिन सोनीपत के जिला खेल अधिकारी प्रकाश सिंह दहिया सोनीपत से रिलीव नहीं हो रहे हैं। इस प्रकार सोनीपत को तो दो खेल अधिकारी मिल गए, लेकिन 2 फरवरी के बाद से जींद की कुर्सी खाली हो गई। दोनों अधिकारियों की आपसी खिंचतान का खामियाजा जींद जिले के खिलाड़ियों को भुगतना पड़ रहा है। जिला खेल अधिकारी की कुर्सी खाली होने से खेल गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
आखिर क्यों नहीं छुट रहा सोनीपत का मोह?
जिला खेल अधिकारी फूलकुमार दहिया व प्रकाश सिंह दहिया दोनों का गृह क्षेत्र सोनीपत है। फूलकुमार दहिया अगले वर्ष परमोट होकर डिप्टी डायरेक्टर बन जाएंगे, जिसके बाद उन्हें बाकि बचा अपना कार्यकाल सोनीपत से बाहर ही गुजारना पड़ेगा। इसलिए वे इस साल का अपना कार्यकाल अपने गृह क्षेत्र सोनीपत में ही गुजाना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर जिला खेल अधिकारी प्रकाश सिंह दहिया रिटायरमेंट के नजदीक होने के कारण अपना बचा हुआ कार्यकाल सोनीपत में ही बितना चाहते हैं। गृह क्षेत्र का यह लालच इन्हें सोनीपत से बाहर नहीं जाने दे रहा है।
इस बारे में जिला खेल अधिकारी फूलकुमार दहिया से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वि•ााग ने उनका तबादला जींद से सोनीपत कर दिया है और विभाग के आदेशों के बावजूद ही उन्होंने जींद से रिलीव होकर सोनीपत में ज्वाइन किया है। उन्होंने तो विभाग के आदेशानुसार ही अपनी जिम्मेदारी संभाली है।
इस बारे में जिला खेल अधिकारी प्रकाश सिंह दहिया से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि अभी वह सोनीपत से रिलीव नहीं हुए थे। रविवार को छुट्टी होने के कारण वह सोमवार को सोनीपत से रिलीव हो जाएंगे और मंगलवार से जींद में ज्वाइन कर अपना कार्यभार संभालेंगे।
 अधिकारी का नाम    ज्वाइनिंग की तिथि    रिलीव होने की तिथि
प्रकाश सिंह दहिया    22-07-11        24-10-11
फूलकुमार दहिया        2-11-11         2-02-12   
अब पिछले 3 सप्ताह से जींद खेल अधिकारी की कुर्सी खाली है।


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