पेंशन की टेंशन को कम करने के लिए विभाग ने तोड़ी चुप्पी

नरेंद्र कुंडू
जींद। पेंशन की टेंशन को कम करने के लिए समाज कल्याण विभाग ने पेंशन वितरण प्रणाली में कुछ फेर बदल किए हैं। विभाग ने अब इस समस्या से निजात पाने के लिए अपनी चुप्पी तोड़ दोबारा से पुराना पेटनर अपनाया है। इस पेटनर में सिर्फ थोड़ा बदलाव किया गया है। विभाग द्वारा नियमों में किए गए फेरबदल के अनुसार अब निजी कंपनियों से ग्रामीण क्षेत्रों की पेंशन वितरण का काम छिन कर सिर्फ शहरी क्षेत्रों की पेंशन वितरण का जिम्मा सौंपा गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में पेंशन वितरण का काम दोबारा से पंचायतों को सौंपा गया है। अब देखना यह है कि फीनों कंपनी विभाग द्वारा सौंपी गई इस नई जिम्मेदारी को निभाने में कहां तक सफल हो पाएगी।
प्रदेश में लगभग एक साल पहले सरकार ने पेंशन वितरण प्रणाली को सुगम बनाने के लिए पेंशन वितरण का काम बैंकों के सुपुर्द किया था। जिसके बाद बैंकों ने अपने सिर से बोझ कम करने के लिए यह काम विभिन्न निजी कंपनियों को सौंप दिया था। निजी कंपनियों को प्रदेश में पेंशन वितरण की जिम्मेदारी देने के साथ-साथ साफ निर्देश जारी किए थे कि कंपनियों को पात्र पेंशन धारकों के कार्ड बनाने होंगे तथा समय पर गांवों में जाकर पेंशन वितरण करनी होगी। जिसके बाद जींद जिले में पेंशन वितरण के कार्य की जिम्मेदारी फीनों कंपनी को सौंपी गई थी। लेकिन अधिकतर निजी कंपनियां अपनी इस जिम्मेदारी को निभाने में सफल नहीं हो पाई थी। पेंशन वितरण का ठेका लेने वाली निजी कंपनियों ने सरकार की जमकर फजीहत करवाई। पात्रों को 6-6 माह तक पेंशन नसीब नहीं हो पाई थी। हर रोज बुजुर्ग पेंशन के लिए सड़कों पर उतरते रहे थे, पेंशन न मिलने से आक्रोशित बुजुर्गों द्वारा जगह-जगह जाम लगाए जा रहे थे। हर रोज पेंशन धारकों के बढ़ते आक्रोश के कारण सरकार के भी पसीने छुट रहे थे। इस प्रकार पेंशन वितरण का ठेका लेने वाली कंपनियों की लापरवाही के कारण सरकार की यह योजना सफल नहीं हो पाई। लेकिन अब सरकार ने डेमेज कंट्रोल की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने इसके लिए विभाग को जल्द से जल्द नियमों में बदलाव के आदेश जारी किए थे। विभाग ने आदेशों पर अमल करते हुए पेंशन वितरण प्रणाली के नियमों में फेरबदल कर जिला स्तर के सभी अधिकारियों को पत्र के माध्यम से नए निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग द्वारा किए गए फेरबदल में अब देहात में पेंशन वितरण का कार्य निजी कंपनियों से छीनकर दोबारा से पंचायतों के सुपुर्द कर दिया गया है। जबकि शहरी क्षेत्रों में पेंशन वितरण का काम संबंधित कंपनी के बिजनेस कोरपोनडेंट एजेंट ही करेंगे। शहरी क्षेत्रों में नई पेंशन बनाने, स्मार्ट कार्ड में आ रही दिक्कतों को दूरकरने का काम निजी कंपनी के नुमाइंदे ही करेंगे।  पेंशन वितरण के समय संबंधित वार्ड के पार्षद भी मौजूद रहेंगे और उनके समक्ष ही पेंशन वितरण का काम किया जाएगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में पेंशन वितरण का काम सरपंच करेंगे। इसके अलावा ग्राम सचिव, पटवारी, पंच, नंबरदार आदि भी पेंशन वितरण के कार्य में शामिल हो सकते हैं। पेंशन की राशि पंचायत स्तर पर केलकुट की जाएगी और निदेशालय द्वारा राशि को सीधे पंचायतों के अकाउंट में डाल दिया जाएगा। यह राशि हर माह की आठ तारीख तक अकाउंट में डाल दी जाएगी। सरपंच को दस दिनों के अंदर पेंशन वितरण का काम पूरा करना होगा। बकाया राशि को सरपंच हर माह की 25 तारीख को बीडीपीओ को वापस करेंगे। इसके बाद बीडीपीओ पूरी रिपोर्ट तैयार करके जिला समाज कल्याण विभाग के पास भेजेंगे।
50 हजार से ज्यादा आमदनी वालों को नहीं मिलेगी पेंशन
अपात्र पेंशन धारकों पर शिकंजा कसने के लिए विभाग ने कमर कस ली है। इसके लिए विभाग ने दोबारा से सर्वे करवाया है। जिले में लगभग 1,36,103 पेंशन धारक हैं। विभाग द्वारा दोबारा से करवाए गए सर्वे में 10,700 ऐसे लोगों की पहचान की गई है, जो विभाग के इन नियमों को पूरा नहीं करते हैं। इसके अलावा जो लोग इस सर्वे में शामिल नहीं हो पाए हैं, उनके लिए विभाग ने एक मौका ओर दिया है। ये लोग अब 8 से 10 फरवरी तक बीडीपीओ कार्यालय में जाकर अपनी जांच करवा सकते हैं। अगर ये लोग इस सर्वे में भी शामिल नहीं होंगे तो विभाग इन पेंशनधारकों का नाम भी पेंशन सूची से हटा देगा। इसके अलावा विभाग द्वारा पेंशन के लिए बनाए नए नियमों में किसी भी सेवानिवृत की पत्नी या 50 हजार से ज्यादा की आमदनी वाले लोगों की पेंशन नहीं बनाई जाएगी। अगर कोई भी व्यक्ति शर्तों को पूरा किए बिना धोखाधड़ी से पेंशन लेता मिलेगा तो विभाग उसके खिलाफ कार्रवाई भी करेगा।
 
क्या कहते हैं अधिकारी 
अब नगर परिषद तथा नगर पालिका के अधीन आने वाले वार्डों में फीनो कंपनी के नुमाइंदे पेंशन वितरण का काम करेंगे जबकि गांवों में पंच, सरपंचों के माध्यम से पेंशन वितरण का काम किया जाएगा। इसके लिए विभाग से निर्देश मिल चुके हैं। इसके अलावा अगर कोई भी अपात्र व्यक्ति पेंशन लेता मिलेगा तो विभाग उसके खिलाफ भी कार्रवाई करेगा।
ओपी यादव
जिला समाज कल्याण अधिकारी, जींद

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