शुक्रवार, 30 मार्च 2012

आईटी विलेज बीबीपुर ने ऊर्जा संरक्षण की तरफ बढ़ाए कदम

संगोष्ठी में विजेता छात्रा को सौलर लालटेन0 वितरित करते सरपंच व मुख्यातिथि।
नरेंद्र कुंडू
जींद।
आईटी विलेज बीबीपुर ने सूचना एवं प्रौद्योगिक (इंटरनेट) पर धूम मचाने के बाद अब ऊर्जा संरक्षण की तरफ अपने कदम बढ़ाए हैं। इसके लिए पंचायत ने गांव को पूर्ण रूप से सीएफएल ट्यूब युक्त बनाने की मुहिम शुरू कर दी है। 6 हजार की आबादी वाले इस गांव में 2700 सीएफएल ट्यूब लाइट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। फिलहाल इस मुहिम के तहत 1700 बिजली के बल्बों को हटाकर सीएफएल ट्यूब लाइट लगाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। जिस पर पंचायत द्वारा साढ़े तीन लाख रुपए खर्च किए गए हैं। अगर फिडर के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो गांव में ऊर्जा संरक्षण की मुहिम शुरू करने से पहले एक माह में बिजली की खपत 2 लाख 5 हजार यूनिट थी, लेकिन 1700 सीएफएल लगने के बाद बिजली की खपत में 5 से 6 हजार यूनिट की कमी हुई है। जबकि पूरा गांव सीएफएल ट्यूब युक्त होने के बाद यह खपत घटकर डेढ़ लाख तक सीमित हो जाएगी। पंचायत ने इस मुहिम को सफल बनाने के लिए गांव का सर्वे शुरू करवा दिया है। 70 विद्यार्थियों की चार सर्वे टीमों को यह कार्यभार सौंपा गया है। टीम के सदस्य घर-घर जाकर बिजली उपकरणों का ब्यौरा एकत्रित कर रहे हैं। 
आईटी विलेज बीबीपुर की पंचातय ने हाईटैक पंचायत का दर्जा हासिल करने के बाद ऊर्जा संरक्षण की तरफ अपने कदम बढ़ाए हैं। गणित विषय में एमएससी तक की पढ़ाई पूरी कर चुके सरपंच सुनील जागलान ने बताया कि इसके लिए गांव में सर्र्वे चलाया गया है। सर्वे के लिए तीसरी कक्षा से बाहरवीं कक्षा तक केविद्यार्थियों के 4 जत्थे तैयार किए गए हैं। ग्रामीणों में ऊर्जा संरक्षण के लिए प्रेरित जागरुकता फैलाने के लिए ये विद्यार्थी हर रोज सुबह-सुबह गांव में जागरुकता रेली निकालते हैं और रेली के दौरान ‘बल्ब हटाओ, बिजली बचाओ’ ‘सीएफएल लगाओ, पैसे बचाओ’ जैसे स्लोगनों से ग्रामीणों को प्रेरित करते हैं। इसके बाद ये विद्यार्थी घर-घर जाकर बिजली के उपकरणों का रिकार्ड तैयार करते हैं। जिसमें मकान मालिक का नाम, घर में बल्ब की संख्या, सीएफएल की संख्या, मोटर व अन्य मौजूद बिजली उपकरणों का रिकार्ड दर्ज करते हैं। सर्वे के दौरान ये विद्यार्थी इस बात की जांच भी करते हैं कि घर में आईएसआई या आईएसओ मार्क वाले उपकरणों का प्रयोग किया जाता है या नहीं। आईएसओ या आईएसआई मार्क वाले उपकरणों का प्रयोग नहीं करने वाले लोगों को आईएसआई व आईएसओ के मार्क वाले ही उपकरण प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
ऊर्जा संरक्षण के लिए पंचायत द्वारा उठाए गए कदम
1.    स्वच्छता अभियान में सहयोग देने वाले 31 प्रतिभागियों को पंचायत की तरफ से 25 हजार रुपए के ईनाम के रूप में सौलर लालटेन वितरित की गई हैं।
2.    15 अगस्त व 26 जनवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा परीक्षा में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को सौलर लालटेन वितरित की गई हैं।
3.    ऊर्जा संरक्षण विषय पर गांव में दो बार संगोष्ठी का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें पहले तीन स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी सौलर लालटेन ईनाम के रूप में दी गई हैं।
4.    ग्रामीणों में जागरुकता फैलाने के लिए गांव में अक्षय ऊर्जा विभाग की तरफ से प्रदर्शनी का आयोजन करवाया गया है।
5.    गांव में 6-7 गोबर गैस प्लांट लगाने की योजना तैयार की जा रही है।
6.    गांव के स्कूल में रेन कंजर्वेशन एंड हायर्वेस्टींग सिस्टम लगाया गया है।
7.    फेसबुक पर सौलर उपकरणों से संबंधित व ऊर्जा संरक्षण से जुड़ी बातों को शेयर किया जाता है।
8.    गांव में पीआरआई स्कीम के तहत साढ़े तीन लाख रुपए की राशि से सीएफएल ट्यूब लाइट खरीद कर दी गई हैं।
9.    गांव के जो बच्चे ऊर्जा संरक्षण में सहयोग कर रहे हैं, उन बच्चों के नाम गांव की चौपाल में ‘गांव के सितारे’ के रूप में लिखे जाते हैं।
10.    गांव में ऊर्जा संरक्षण की जागरुकता फैलने से पहले व बाद में हुई बिजली की खपत की फीडर से रिपोर्ट मांगी गई है।
आज ऊर्जा हर क्षेत्र की जरूरत बन चुकी है, जिसके बिना विकास संभव नहीं है। देश के विकास में हर व्यक्ति ऊर्जा की बचत कर अपना योगदान दे सकता है। ऊर्जा संरक्षण में जागरूकता एक बड़ा हथियार हो सकती है। ऊर्जा संरक्षण के लिए सौर ऊर्जा बड़ा विकल्प है। गांव में 15 सौलर लाइटें भी लगवा दी गई हैं। गांव के लोगों में सौलर ऊर्जा के प्रति जागरूकता फैलाने के दृष्टिगत भी योजना तैयार की गई हैं। जिसके तहत गांव में सभाएं करके इस गैर परम्परागत ऊर्जा स्त्रोतो के बारे में आवश्यक जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है।
सुनील जागलान, सरपंच
ग्राम पंचायत बीबीपुर, जींद

       

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें