शनिवार, 24 मार्च 2012

किसानों को कीट प्रबंधन का पाठ पढ़ा रहे हैं खेत पाठशाला के किसान

 कीट साक्षरता केंद्र में किसानों को कीटों की पहचान करवाते मास्टर ट्रेनर किसान।
नरेंद्र कुंडू
जींद। रोहतक रोड स्थित नई अनाज मंडी में सैन्चरी इवेंट पलेनर ग्रुप के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेले में भी किसान खेत पाठशाला के किसान छाए हुए हैं। मेले में किसान खेत पाठशाला के किसानों द्वारा किसानों के लिए कीट साक्षरता केंद्र लगाया गया है। किसान खेत पाठशाला के कीट कमांडो किसान अपने स्तर पर मेले में आने वाले किसानों को फसल में पाए जाने वाले मासाहारी व शाकाहारी कीटों तथा बिना कीटनाशक का प्रयोग किए अच्छी पैदावार लेने की सारी जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं। मेले में आने वाले किसान भी कीट साक्षरता केंद्र पर पहुंचकर अपना ज्ञान बढ़ा रहे हैं। किसान खेत पाठशाला की लोकप्रियता को देखते हुए मेले के आयोजनकों ने कीट साक्षरता केंद्र के किसानों को मेले में मुफ्त में जगह उपलब्ध करवाई है।
कीट प्रबंधन में माहरत हासिल करने वाले किसान खेत पाठशाला निडाना के किसान अब नई अनाज मंडी में आयोजित किसान मेले में आने वाले जिले के अन्य किसानों को भी कीट प्रबंधन का पाठ पढ़ा रहे हैं। खेत पाठशाला के कीट कमांडो किसानों को कीट प्रबंधन के माध्यम से कीटनाशक रहित खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कीट साक्षरता केंद्र की सबसे खास बात यह है कि केंद्र में मौजूद कीट प्रबंधन के मास्टर ट्रेनर मेले में आने वाले किसानों को बिल्कुल हरियाणवी लहजे में जानकारी दे रहे हैं। जयभगवान निडानी, रमेश मलिक, पाला निडानी, मनबीर ईगराह, राजेश शामलो खुर्द, रणबीर मलिक निडाना, राममेहर निडाना, रामदेव ललित खेड़ा सहित एक दर्जन से भी ज्यादा मास्टर ट्रेनर केंद्र पर मौजूद हैं, जो मेले में आने वाले किसानों के साथ अपने अनुभव सांझा कर रहे हैं। किसानों को कीटों की पहचान करवाने के लिए कीट साक्षरता केंद्र पर किसानों ने सभी मासाहारी व शाकाहारी कीटों के बैनर बनवाकर लगाए हुए हैं और इन बैनरों के माध्यम से किसानों को कीटों की पहचान करवाई जा रही है। केंद्र पर आने वाले अधिकतर किसान इनके अनुभव से संतुष्ट नजर आते हैं तो कुछ असंतुष्ट होकर सीधे अलगे स्टाल पर पहुंच जाते हैं। कुछ किसान कीट प्रबंधन को लेकर इन किसानों के साथ बहस भी करते हैं और बहस के बाद निकलने वाले निचोड़ से अपना अनुभव बढ़ा रहे हैं। रायचंद वाले से आए रामधारी, बिशनपुरा से आए अजीत, राजेश, कुलदीप ने बताया कि कीट साक्षरता केंद्र से उन्हें नई जानकारी उपलब्ध हुई है और भविष्य में वे भी कीट प्रबंधन को अपनाएंगे। इसके विपरित गोबिंदपुरा से आए जवाहर नामक एक किसान की जिज्ञासा यहां पूरी होती नजर नहीं आई।
छोटे शहरों के किसानों को भी नई तकनीकों के बारे में जागरुक करना है उद्देश्य
सैन्चरी इवेंट पलेनर ग्रुप के इवेंट मैनेजर अनिल रेढू व मैनेजर सुखबीर ड्रेलिया ने बताया कि इस तरह के मेलों का आयोजन हमेशा ही बड़े-बड़े शहरों में किया जाता है, जिस कारण खेती के क्षेत्र में आने वाली नई तकनीक समय पर किसानों तक नहीं पहुंच पाती हैं। इससे छोटे शहरों के किसान पिछड़ रहे हैं। जींद जैसे शहर में इतने बड़े मेले का आयोजन करने के पीछे उनका उद्देश्य छोटे शहरों के किसानों को भी नई तकनीकों के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाना है, ताकि छोटे किसान भी इन तकनीकों का लाभ ले सकें।




2 टिप्‍पणियां:

  1. जमीनी हकीकत की कलम से जुताई

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    1. धन्यवाद डा. साहब ये तो छोटा सा योगदान है किसानो की लड़ाई को आगे बढ़ने का

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