रविवार, 8 अप्रैल 2012

....ताकि खिलता रहे बचपन

नरेंद्र कुंडू
जींद।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने बचपन को संरक्षण देने की कवायद शुरू की है। योजना को सफल बनाने के लिए विभाग द्वारा एक टीम का गठन किया जाएगा। टीम के सदस्य गांव-गांव जाकर बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करेंगे। टीम के सदस्यों द्वारा ब्लॉक अनुसार गांवों का दौरा किया जाएगा तथा गांवों की चौपालों में सेमिनारों का आयोजन कर बच्चों को उनके अधिकार व संरक्षण के बारे में जानकारी दी जाएगी। विभाग द्वारा तैयार की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों पर हो रहे अत्याचारों को रोकना तथा अनाथ व बेसहारा बच्चों को सहारा देकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है।        
बच्चे ही देश के  भविष्य हैं, बच्चों की अच्छी देखरेख एवं उचित वातावरण ही उन्हें अच्छा और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित कर सकता है। अगर बच्चों को समय पर सही मार्गदर्शन मिल जाए तो देश का भविष्य उज्जवल हो जाएगा। लेकिन दिन-प्रतिदिन बच्चों पर बढ़ते अत्याचारों व अधिकारों की जानकारी के अभाव के कारण देश के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। बढ़ते अत्याचारों व मार्गदर्शन के अभाव में देश के ये कर्णधार समाज से की धारा से कट रहे हैं। लेकिन अब बचपन को संरक्षण देने का बीड़ा उठाया है महिला एवं बाल विकास विभाग ने। इसके लिए विभाग एक योजना तैयार कर रहा है। उच्च अधिकारियों की तरफ से इस योजना को हरी झंडी मिलते ही विभाग योजना को मूर्त रूप देने की कवायद शुरू कर देगा। योजना को सफल बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग एक टीम का गठन करेगा। इस टीम के सदस्य ब्लॉक अनुसार गांवों का दौरा करेंगे। इस दौरान टीम द्वारा प्रत्येक गांव में सार्वजनिक स्थल पर सेमिनार लगाए जाएंगे। कैंप के दौरान ये सदस्य बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक कर उन पर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके लिए ब्लॉक और गांव लेवल पर भी समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति के सदस्य इस योजना के तहत लावारिस, मानसिक रोग से ग्रसित और विकलांग बच्चों को संरक्षण देकर उनको उनके अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी मुहैया करवाएंगे। विभाग द्वारा योजना को सफल बनाने के लिए सामाजिक संस्थाओं से भी सहयोग लिया जाएगा। विभाग द्वारा शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों पर हो रहे शोषण को खत्म कर संरक्षण देना तथा बच्चों को उनके अधिकारों की जानकारी देकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है। ताकि बच्चों को पढ़ा-लिखा कर आत्म निर्भर बनाया जा सके। जिला स्तर पर प्रोटैक्शन आफिसर व जिला चाइल्ड प्रोटैक्शन आफिसर की देखरेख में कमेटी काम करेगी। इसके लिए जिला स्तर पर सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। सोसायटी के सदस्यों को इसके लिए बाकायदा विशेष ट्रेनिंग भी दी गई है।
बच्चों को जागरूक करने के लिए उठाया कदम
महिला एवं बाल विकास विभाग बच्चों को संरक्षण देकर उन्हें अत्याचारों से मुक्त करवाएगा। बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने के लिए विभाग द्वारा गांवों में जाकर सेमिनारों का आयोजन भी किया जाएगा। इसके लिए सोसायटी के सभी सदस्यों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है, ताकि विभाग द्वारा शुरू की गई इस योजना का लाभ अधिक से अधिक बच्चों को मिल सके। सोसायटी के सदस्यों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी भी सेमिनारों में भाग लेकर बच्चों को प्रेरित करेंगे। इसके लिए विभाग ने जिला प्लान के तहत योजना तैयार की है।
सरोज वर्मा
जिला चाइल्ड प्रोटैक्शन आफिसर

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