शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012

गैस एजेंसियां खुलेआम बांट रही हैं मौत का सामान


स्कीम नंबर 5 में ट्रॉली में ऊपर से सिलेंडर गिराता कंपनी का कर्मचारी।

स्कीम नंबर 5 में ट्रॉली से सिलेंडर लेकर जाते उपभोक्ता। 
 आवासीय कॉलोनी में सिलेंडर वितरित करते गैस एजेंसी के कर्मचारी।
नरेंद्र कुंडू
जींद।
जिले में गैस एजेंसियां सरेआम मौत का सामान बांट रही हैं। नियमों को ताक पर रखकर एजेंसियों द्वारा घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सप्लाई वितरित की जा रही है। भरे हुए सिलेंडरों को बेतरतीब रखा जाता है और ट्राली से सिलेंडर उतारते समय सिलेंडर को काफी ऊंचाई से पटक दिया जाता है। इस तरह सिलेंडर पटकने से कभी  भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। जिससे जान व माल की बड़ी हानि हो सकती है। लेकिन यहां इन्हें ऐसा करने से रोकने वाला कोई नहीं है। जिला प्रशासन आंखें बंद किए किसी बड़े हादसे के इंतजार में बैठा है।   
शहर की घरेलू गैस एजेंसियों को न तो किसी की जान की परवाह है और न ही नियम-कायदों की। रसूखदार एजेंसी संचालकों ने सारे नियम-कायदे ताक पर रख कर शहर की सड़कों को गोदाम बना लिया है। यह सब स्थानीय प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को सड़कों पर चलित गोदाम दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि जिन स्थानों पर गैस सिलेंडरों से भरे ट्रक व ट्रॉली खाली हो रही हैं, उनसे थोड़ी ही दूरी पर पान, सिगरेट की दुकाने हैं, जहां गैस सिलेंडर बांटते वक्त भी आग जलती और बुझती रहती है। जिन सड़कों पर भारी ट्रैफिक हैं, वहां भी सिलेंडरों की सप्लाई की जाती है। इस तरह गैस एजेंसी संचालक मौत को खुलेआम बुलावा दे रहे हैं। भाड़े के पैसे बचाने के लिए एजेंसी संचालक जनता के जीवन की चिंता नहीं कर रहे हैं। जबकि नियम के अनुसार गैस सिलेंडर गोदाम से सीधे ग्राहकों के घरों में पहुंचाना चाहिए, लेकिन बीच चौराहा, सड़कों पर सिलेंडरों से भरे वाहन खड़े करने के अड्डे बनाकर यहां से सिलेंडर पहुंचाए जा रहे हैं। अगर यहां थोड़ी सी भी चुक हो जाए तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस तरह अचानक हुई आगजनी की घटना पर काबू पाने के लिए किसी प्रकार के यंत्र इनके पास उपलब्ध नहीं होते। जिस कारण काफी जान व माल की हानि हो सकती है।
कहां-कहां होती है गैस की सप्लाईशहर के कौशिक नगर, रामराये गेट, रोहतक रोड स्थित चौड़ी गली, कृष्णा कॉलोनी, भारत सिनेमा, विद्यापीठ मार्ग, स्कीम नंबर 5, गुरुद्वारा कॉलोनी, माया देवी अस्पताल के पास, अर्बन एस्टेट कॉलोनी सहित अन्य कई आवासिय कॉलोनियों में भी खुलेआम सिलेंडरों की सप्लाई की जाती है।
क्या है नियम
भारत पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा तय किए गए नियम लिकविड फाईड पेट्रोलियम गैस (रेगुलेशन आफ सप्लाई एंड डिस्ट्रीब्यूशन) आर्डर 2000 के तहत गैस सिलेंडर को स्टोरेज या सप्लाई के दौरान सीधा रखा जाना चाहिए। गाड़ी से सिलेंडर उतारते समय ऊपर से नहीं गिराना चाहिए। सिलेंडर को टेड़ा करने पर गैस रिसाव हो सकती है, जिससे किसी प्रकार का हादसा हो सकता है। गैस एजेंसी द्वारा सिलेंडर की सप्लाई घर पर की जानी चाहिए। सप्लाई के दौरान डिलिवरी ब्यॉय ड्रेस में होना चाहिए तथा ड्रेस पर एजेंसी का नाम व डिलिवरी ब्यॉय का नाम लिखा होना चाहिए। उपभोक्ता के सामने सिलेंडर का वजन कर उसकी सील खोली जानी चाहिए। उपभोक्ता की रसोई में सिलेंडर पहुंचाने व कनेक्शन करने की जिम्मेदारी भी डिलिवरी ब्यॉय की ही होती है।
आवाज नहीं आ रही है
इस बारे में जब डीएफएससी अनिता खर्ब से बात की गई तो उन्होंने फोन तो रिशिव कर लिया। इसके बाद उनको बताया गया कि समाचार पत्र से बोल रहे हैं तो उन्होंने आवाज नहीं आने की बात कहकर फोन काट दिया। थोड़ी देर बाद जब उनसे दोबारा से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने फोन ही रिशिव नहीं किया।
डीएफएससी की होती है जिम्मेदारी
इस तरह के मामले में कार्रवाई की जिम्मेदारी डीएफएससी की होती है। अगर डीएफएससी कोई कार्रवाई नहीं करती तो उपायुक्त मामले को संज्ञान में लेकर उन्हें कार्रवाई के आदेश जारी कर सकते हैं। उपायुक्त द्वारा उन्हें जिस प्रकार की कार्रवाई के आदेश जारी किए जाएंगे, उसके अनुसार वो कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।
जीएल यादव
एसडीएम, जींद



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