गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

‘फार्मर टू फार्मर’ योजना बनेगी किसानों का सहारा

नरेंद्र कुंडू
जींद।
घटती कृषि जोत व बढ़ती लागत के कारण घाटे का सौदा साबित हो रही खेती से किसानों को उबारने के लिए कृषि विभाग ने कमर कस ली है। किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए कृषि विभाग ने ‘फार्मर टू फार्मर’ योजना तैयार की है। इस योजना के तहत कृषि विभाग अब किसानों को तकनीकी खेती के लिए प्रेरित करेगा। इसके लिए विभाग ने टीमों का गठन कर जिले में सर्वे करवाया है। सर्वे के अनुसार प्रगतिशील व पिछड़े किसानों के बीच के अंतर के जो आंकड़ें निकल कर सामने आएंगे विभाग उस अंतर को मिटाने के लिए पिछड़े किसानों को प्रेरित करेगा। इसके लिए विभाग ‘फार्मर टू फार्मर’ योजना पर काम करेगा। इस योजना के तहत विभाग द्वारा प्रगतिशील किसानों के खेतों पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यशाला में प्रगतिशील किसान पिछड़े किसानों को तकनीकी खेती के टिप्स देंगे। इस योजना के माध्यम से विभाग प्रगतिशील व पिछड़े किसानों के बीच बनी इस खाई को पाटने का काम करेगा। इसके लिए विभाग ने जिले के पिछड़े किसानों की सूची भी तैयार कर ली है। 
आज कृषि जोत घटने व खेती पर लागत अधिक बढ़ने के कारण खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। इसके पीछे किसानों में तकनीकी खेती के प्रति जागरुकता न होना भी एक मुख्य कारण है। अब किसानों को जागरुक करने के लिए कृषि विभाग ने ‘फार्मर टू फार्मर’ योजना तैयार की है। इस योजना के तहत कृषि विभाग पिछड़े किसानों को तकनीकी खेती के लिए प्रेरित करने के लिए प्रगतिशील किसानों से मिलवाएगा। इसके लिए प्रगतिशील किसानों के खेत पर समय-समय पर किसान गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। इस गोष्ठियों के माध्यम से प्रगतिशील किसान पिछड़ने किसानों को तकनीकी खेती के गुर सीखाएंगे। खेती की बिजाई से लेकर कटाई तक अपनाई जाने वाली विधियों के बारे में किसानों को बारिकी से जानकारी देंगे। योजना को मूर्त रूप देने के लिए कृषि विभाग ने योजना पर अमल शुरू कर दिया है। इसके लिए विभाग ने जिले में सर्वे करवाया है। विभाग द्वारा सर्वे के लिए गठित की गई टीमों ने सफीदों ब्लॉक में रत्ताखेड़ा, जींद में गुलकनी व नरवाना में कोयल गांव में सर्वे किया गया है। सर्वे के दौरान विभाग की टीम ने गांव की औसत पैदावार, गांव के सबसे टॉप के किसानों व सबसे पिछड़े किसानों की पहचान कर उनके द्वारा खेती में प्रयोग की जाने वाली खाद व बीज तथा खेती करने के तरीके के बारे में जानकारी जुटाई है। अब विभाग प्रगतिशील किसानों व पिछड़े किसानों के बीच की खाई को पाटने के लिए प्रगतिशील किसानों का सहारा लेगा। प्रगतिशील किसान पिछड़े किसानों को तकनीकी खेती के टिप्स देंगे। ताकि अन्य किसान भी नई तकनीकों को अपना कर आर्थिक रूप से सुदृढ़ बन सकें तथा खेती को व्यवसाय के रूप में अपना कर अधिक से अधिक मुनाफा ले सकें। गेहूं कटाई के बाद फसल की बुआई का सीजन शुरू होते ही विभाग योजना पर अमल करेगा।
किसानों को तकनीकी खेती के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से उठाया कदम
किसानों में जागरुकता लाने तथा तकनीकी खेती के लिए प्रेरित करते के उद्देश्य से कृषि विभाग ने यह कदम उठाया है। विभाग ने इसके लिए सर्वे टीम का गठन कर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में सर्वे करवाया है। सर्वे टीम ने डोर टू डोर सर्वे कर गांव की औसतन पैदावार निकाल कर गांव के सबसे अच्छे प्रगतिशील किसानों तथा पिछड़े किसानों की पहचान कर उनके खेती करने के तरीके की जानकारी जुटाई है। खेती की बुआई का सीजन शुरू होते ही टीम सेमिनारों का आयोजन कर किसानों को जागरुक करने का काम करेगी।
डा. रामप्रताप सिहाग
उप कृषि निदेशक, जींद


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