‘नौकरी’ मिली, लेकिन नहीं मिला रोजगार
1716 परिचालकों को अभी ओर करना पड़ेगा इंतजार, बिना वेतन के ही करना पड़ेगा गुजारा
नरेंद्र कुंडूजींद। हरियाणा रोडवेज में परिचालक पद के लिए चयनित हुए 3504 में से 1716 उम्मीदवारों को अभी 6 माह तक ओर सीटी व थैले का इंतजार करना पड़ेगा। नौकरी मिलने के बाद भी परिचालकों के हाथ ज्वाईनिंग लेटर के लिए तरस रहे हैं। हरियाणा ट्रांस्पोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा फिलहाल 3504 चयनित परिचालकों में से सिर्फ 1788 परिचालकों को ही डिपो अलाट करवाए गए हैं। इससे काऊंसलिंग के माध्यम से शुरू की गई अलाटमेंट प्रक्रिया पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। बाकी बचे हुए परिचालक काऊंसलिंग कमेटी पर अपने चहेतों को ही डिपो अलाट करवाने के आरोप लगा रहे हैं। अपने उज्जवल भविष्य के सपने बुनने वाले इन परिचालकों के सपनों पर काऊंसलिंग कमेटी की काली छाया का ग्रहण लगा गया है। जिस कारण इन्हें अब चयन होने के बावजूद भी कई माह बिना वेतन के ही अपना गुजारा करना पड़ेगा। आयोग द्वारा शुरू की गई इस नई प्रक्रिया से इनकी सांसें अटकी हुई हैं। चयन प्रक्रिया से निराश हो चुके ये परिचालक अब अदालत का दरवाजा खटखटाने के का मन बना रहे हैं। इन्हे ‘नौकरी’ तो मिल गई है, लेकिन रोजगार नहीं मिला
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के तहत 3837 परिचालकों के पदों के लिए साक्षात्कार लिए गए थे। जिनमें से 3504 उम्मीदवार इसमें सफल हुए थे। इसके बाद हरियाणा ट्रांस्पोर्ट डिपार्टमेंट ने खाली पदों से अधिक परिचालकों का चयन होने का बहाना बना कर चयनित परिचालकों को मैरिट के आधार पर काऊंससिंलग के माध्यम से डिपो अलाट करवाने की प्रक्रिया शुरू करने की योजना तैयार की।इस पहली काउंसलिंग के तहत 1902 उम्मीदवारों को डिपो अलाट करने के लिए बुलाया गया था, लेकिन डिपार्टमेंट ने इनमें से भी केवल 1788 परिचालकों को नियुक्त किया है। इनमें से भी 114 परिचालकों को भी बिना ज्वाईनिंग लेटर के वापिस घर लौटना पड़ा। चयनित परिचालक प्रदीप, सुशील, अशोक, ओमप्रकाश, शमशेर, दलबीर, कृष्ण ने बताया कि1788 उम्मीदवारों को डिपो अलाट करने के बाद डिपार्टमेंट ने उन्हें दूसरी काउंसलिंग के लिए अभी तक कोई सूचना नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि अगर अनुसूचित जाति के 20 प्रतिशत उम्मीदवारों को आरक्षण दिया गया तो इनकी संख्या ही 358 बन जाएगी। पर पहली काउंसलिंग में ऐसे 135 उम्मीदवार ही बुलाए गए हैं। बाकी 223 उम्मीदवारों को किस आधार पर छोड़ गया है, यह भी अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। इससे उन्हें काऊंसलिंग कमेटी की नीयत में खोट नजर आ रहा है। इस प्रकार काऊंसलिंग कमेटी की जालसाजी के कारण उनके सामने असमंजस की स्थिति बनी हुई है। नौकरी मिलने के बाद भी उनके हाथ ज्वाईनिंग लेटर के बिना खाली हैं। उन्होंने कहा अब तो उन्हें मजबूरन अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
किस-किस तारीख को हुई है काऊंसलिंगकाऊंसलिंग कमेटी द्वारा चयनित परिचालकों को डिपो अलाट करवाने के लिए रोहतक स्थित छोटू राम स्टेडियम में मैरिट के आधार पर बुलाया गया था। जिसमें मैरिट संख्या 1 से 700 तक के उम्मीदवारों को 2 अप्रैल को और मैरिट संख्या 701 से 1400 तक के उम्मीदवारों को 3 अप्रैल को काऊंसलिंग के लिए बुलाया गया था। इसी प्रकार मैरिट संख्या 1401 से 1902 तक के उम्मीदवारों को 4 अप्रैल को बुलाया गया था। काऊंसलिंग के इस पहले दौर में मैरिट सूची के केवल पहले 1902 उम्मीदवारों को काऊंसलिंग के लिए बुलाया गया था। लेकिन इनमें से भी केवल 1788 उम्मीदवारों को ही डिपो दिए गए हैं। इनके अलावा बाकी बचे हुए परिचालकों को ज्वाइनिंग के लिए अभी ओर इंतजार करना होगा।
जल्द से जल्द करवाई जाएगी ज्वाईन31 मार्च 2012 तक सेवानिवृत्ति के बाद डिपार्टमेंट में केवल 1788 परिचालकों के पद खाली हुए थे। खाली पद कम होने तथा उम्मीदवार अधिक होने के कारण डिपार्टमेंट ने काऊंसलिंग कमेटी के माध्यम से मैरिट सूची के आधार पर परिचालकों को डिपो अलाट करवाए हैं। अभी रोडवेज बेडेÞ में कुछ नई बसें शामिल होनी हैं तथा अगले महीनों में होने वाली रिटार्यमेंट के बाद कुछ पद खाली होंने हैं। जिसके बाद बचे हुए परिचालकों को तुरंत ज्वाईनिंग करवा दी जाएगी। लगभग 6 माह के अंदर-अंदर सभी परिचालकों को ज्वाईन करवा दिया जाएगा।
जोगेंद्र सिंह, महाप्रबंधक
रोहतक डिपो एवं सदस्य काऊंसलिंग कमेटी
किस डिपो को कितने मिले परिचालक
जिले का नाम पदों की संख्या
- अंबाला 98
- भिवानी 69
- चंडीगढ़ 156
- दादरी 17
- दिल्ली 98
- फरीदाबाद 364
- फतेहाबाद 18
- गुड़गांव 175
- हिसार 27
- जींद 29
- झज्जर 71
- कुरुक्षेत्र 41
- करनाल 62
- कैथल 19
- नारनौल 53
- पानीपत 50
- रोहतक 78
- रेवाड़ी 79
- सोनीपत 89
- सिरसा 07
- यमुनानगर 90
- आईएसबीटी दिल्ली 98
कुल 1788
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