रविवार, 20 मई 2012

पंचायत भवन पर विभागीय अधिकारियों ने जमाया कब्जा

पंचायत एसोसिएशन ने मुख्य संसदीय सचिव को दी शिकायत

नरेंद्र कुंडू
जींद।
शहर में पंचायत प्रतिनिधियों की सुविधा के लिए डीआरडीए में बनाए गए पंचायत भवन पर आबकारी विभाग, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी व पंचायती राज के अधिकारियों ने कुंडली मारी हुई है। पंचायत भवन पर यह कुंडली दशकों से जारी है और आबकारी विभाग सहित अन्य अधिकारी पंचायत भवन को खाली करने को तैयार नहीं है। पंचायत भवन पर विभागीय अधिकारियों के कब्जे के कारण सरपंचों, पंचों व दूसरे जन प्रतिनिधियों को बिना भवन के ही काम चलना पड़ रहा है। अब पंचायत प्रतिनिधि इसको खाली करवाने की कवायद में लग गए हैं। पंचायत प्रतिनिधियों ने पंचायत भवन को खाली करवाने के लिए इसकी शिकायत मुख्य संसदीय सचिव को भी  की है। पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा पंचायत भवन को खाली करवाने की कवायद शुरू करने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के पसीने छूटने लगे हैं। प्रशासनिक अधिकारी पंचायत प्रतिनिधियों को अलग से भवन बनवाने का लालीपॉप देकर मामले को शांत करने में जुटे हुए हैं।
डीआरडीए में पंचायत भवन का निर्माण सरपंचों, पंचों व दूसरे जनप्रतिनिधियों के ठहरने व रिफ्रेशमेंट के मकसद से किया गया था। लेकिन आबकारी विभाग द्वारा पंचायत भवन पर कब्जा जमाए जाने के कारण यह योजना शुरू होने से पहले ही दम तोड़ गई। पंचायत भवन पर आबकारी विभाग कई वर्षों से कुंडली मारे हुए है। इस भवन में आबकारी विभाग के अलावा जिला आयुर्वेदिक अधिकारी व एक्सईएन पंचायती राज का कार्यालय भी चल रहा है। पंचायत भवन पर विभागीय अधिकारियों के कब्जे के कारण सरपंचों, पंचों व दूसरे जन प्रतिनिधियों को बिना भवन के ही काम चलाना पड़ रहा है। शहर में पंचायत भवन के अभाव के कारण पंचायत व अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए बैठने के लिए कोई व्यवस्था ही नहीं है। पंचायत भवन न होने के कारण बाहर से आने वाले जन प्रतिनिधियों के लिए रात को ठहरने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। लेकिन अब पंचायत प्रतिनिधियों ने पंचायत भवन के लिए अपनी मांग उठानी शुरू कर दी है। पंचायत भवन की मांग को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने मुख्य संसदीय सचिव को भी शिकायत की है। पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा पंचायत भवन की मांग उठाए जाने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के पसीने छूटने लगे हैं। लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों ने अब अपनी पंचायत भवन की मांग को पुरजोर से उठाना शुरू कर दिया है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी पंचायत प्रतिनिधियों को अलग से भवन बनवाने का लालीपॉप थमा कर शांत करने में जुटे हुए हैं।

पहले भी उठ चुकी है मांग

पूर्व जिला पार्षद शमशेर ढाठरथ ने बताया कि जिला परिषद के सदस्यों ने 2009 में चेयरपर्सन सीमा बिरोली के नेतृत्व में पंचातय भवन की मांग को लेकर आवाज उठाई थी। उन्होंने डीआरडीए में स्थित जिला परिषद की इस बिल्डिंग से सरकारी कार्यालयों को खाली करवा कर पंचायत व अन्य जन प्रतिनिधियों के ठहरने के लिए पंचायत भवन का निर्माण करवाने की मांग की थी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों से उन्हें झूठे आश्वासन के सिवाए कुछ हासिल नहीं हुआ है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आज तक पंचायत भवन के निर्माण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

मुख्य संसदीय सचिव के समक्ष रखी मांग

शहर में सरपंचों, पंचों व अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए बैठने व रात को ठहरने के लिए किसी तरह की व्यवस्था नहीं है। हालांकि उपायुक्त द्वारा अस्थाई तौर पर सरपंचों को मीटिंग इत्यादि के लिए कुछ जगह उपलब्ध करवाई गई है, लेकिन यह जगह ज्यादा उपयुक्त नहीं है। सरकार द्वारा जनप्रतिनिधियों के लिए शहर में जो पंचायत भवन बनाया गया है, उस भवन में विभागीय अधिकारियों ने कब्जा जमाया हुआ है। इसलिए पंचायत भवन को खाली करवाने की मांग को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों ने अपनी मांग उठाई है। जिला स्तरीय पंचायती सम्मेलन के दौरान भी सरपंच एसोसिएशन की तरफ से उन्होंने पंचायत भवन की मांग को मुख्य संसदीय सचिव के समक्ष रखा था। मुख्य संसदीय सचिव ने प्रशासनिक अधिकारियों को जल्द से जल्द पंचायत भवन उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी किए हैं।
सुनील जागलान, प्रधान
सरपंच एसोसिएशन,जींद

ग्रांट के लिए सरकार को भेजा जाएगा एस्टीमेट

 डीआरडीए में स्थित पंचायत भवन की बिल्डिंग जिसमें सरकारी कार्यालय चल रहे हैं।
डीआरडीए में जिस बिल्डिंग में आबकारी विभाग व अन्य सरकारी कार्यालय चल रहे हैं, वह जगह जिला परिषद की है, लेकिन बिल्डिंग डीआरडी की है। जिला परिषद ने इस बिल्डिंग को किराए पर दे रखा है। सरपंच एसोसिएशन की मांग को देखते हुए पंचायत भवन के लिए एस्टीमेट तैयार कर सरकार को भेजा जाएगा। सरकार की तरफ से ग्रांट मिलते ही पंचायत भवन का निर्माण शुरू करवा दिया जाएगा।
अरविंद मल्हान
अतिरिक्त उपायुक्त, जींद

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