रविवार, 13 मई 2012

आईटी विलेज ने राष्टÑीय पक्षी को बचाने के लिए शुरू किया अभियान

नरेंद्र कुंडू
जींद। सूचना एवं प्रौद्यागिकी के क्षेत्र में धूम मचाने के बाद आईटी विलेज बीबीपुर की पंचायत ने राष्ट्रीय  पक्षी मोर के संरक्षण के लिए कदम बढ़ाए हैं। मोरों के अस्तित्व पर मंडराते खतरे को लेकर आईटी विलेज की पंचातय गंभीर है। विलुप्त होती मोर प्रजाति को बचाने के लिए पंचायत ने ‘मोर बचाओ अभियान’ शुरू किया है। इस मुहिम को धरातल पर लाने के लिए पंचायत ने गांव में दो टीमों का गठन कर गांव में जागरुकता अभियान चलाया है। टीम के सदस्य जागरुकता अभियान के साथ-साथ सर्वे कर मोरों की संख्या का पता भी  लगाएंगे। लोगों को जागरुक करने के लिए पंचायत ने बैनर भी तैयार करवाएं हैं। लोगों का ध्यान मोर बचाओ अभियान की ओर आकर्षित करने के लिए बैनरों पर मार्मिक स्लोगन लिखवाए गए हैं। इसके अलावा पंचायत ने मोर संरक्षण के लिए डिप्टी कमीश्नर की मार्फत वन्य जीव विभाग को भी मोर संरक्षण के लिए विशेष कदम उठाने के लिए एक प्रस्ताव भेजा है। पंचायत ने प्रस्ताव में विभाग से उत्तरांचल की तर्ज पर गांव में एक शैड का निर्माण करने की मांग की है। ताकि विलुप्त हो रही मोर की प्रजाति को बचाया जा सके।
विलुप्त हो रही राष्ट्रीय पक्षी मोर की प्रजाति को बचाने के लिए आईटी विलेज बीबीपुर की पंचायत ने ‘मोर बचाओ अभियान’ शुरू किया है। वन्य जीवों को बचाने के लिए पंचायत द्वारा शुरू की गई यह एक अनोखी पहल है। पूरे प्रदेश में यह एकमात्र पंचायत है, जिसनें राष्ट्रीय पक्षी मोर को बचाने के लिए पहल की है। पंचायत ने पूरी प्लानिंग के तहत यह मुहिम शुरू की है। लोगों को जागरुक करने के लिए पंचायत ने गांव में 24 बच्चों के दो ग्रुप बनाएं हैं। पंचायत ने दोनों ग्रुपों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी है। एक टीम के सदस्य मोरों की सुरक्षा के लिए लोगों को घर-घर जाकर खेतों में कीटनाशकों का प्रयोग न करने के लिए प्रेरित करेंगे तो दूसरे गु्रप के सदस्य बैनरों के माध्यम से लोगों को मोर संरक्षण के लिए जागरुक करेंगे। जागरुकता अभियान के साथ-साथ ये बच्चे मोरों की संख्या की संख्या का पता लगाएंगे। बिजली की चपेट में आकर आकस्मिक काल का ग्रास बनने वाले मोरों को बचाने के लिए पंचायत द्वारा बिजली निगम से भी सहायता ली जाएगी। पंचायत ने बिजली निगम के अधिकारियों से मोरों के एरिए से गुजरने वाले बिजली के तारों पर प्लास्टिक लगाने की मांग की है। इसके अलावा पंचायत ने डिप्टी कमीश्नर के माध्यम से वन्यजीव विभाग को भी मोर संरक्षण के लिए पंचायत का सहयोग करने का प्रस्ताव  भेजा है। पंचायत ने वन्य जीव विभाग को प्रस्ताव में उत्तरांचल की तर्ज पर गांव में मोरों के रहने के लिए एक शैड का निर्माण करने की मांग की है। ताकि लगातार घट रही मोरों की संख्या पर अंकुश लगाकर राष्ट्रीय पक्षी मोर को बचाया जा सके।

मोरों को बचाने के लिए शुरू की पहल

पहले गांवों में मोरों की संख्या 60-70 के करीब थी। लेकिन खेतों में कीटनाशकों के ज्यादा प्रयोग व अन्य आपदाओं के कारण मोरों की संख्या लगातार घट रही है। पंचायत ने विलुप्त हो रही मोरों की प्रजाति को बचाने के लिए ही मोर बचाओ अभियान शुरू किया है। लोगों को जागरुक करने के लिए गांव में दो गु्रपों का गठन किया गया है। इसके अलावा गांव में शैड का निर्माण करवाने के लिए वन्य जीव विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। शैड के निर्माण के लिए पंचायत द्वारा जगह का चयन भी किया गया है।
सुनील जागलान, सरपंच
ग्राम पंचायत बीबीपुर, जींद
 

विभाग को भेजा  प्रस्ताव 

बीबीपुर की पंचायत की तरफ से गांव में मोरों की संख्या घटने की सूचना मिली है। पंचायत ने गांव में मोर संरक्षण के लिए शैड के निर्माण के लिए भी प्रस्ताव भेजा है। पंचायत द्वारा शैड के लिए जगह देने के बाद गांव में शैड का निर्माण किया जाएगा। विभाग द्वारा बीबीपुर के अलावा बहबलपुर में भी मोरों को बचाने के लिए शैड का निर्माण किया जाएगा। विभाग द्वारा मोरों व अन्य वन्य जीवों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
राजबीर सिंह, निरीक्षक
वन्य जीव विभाग, जींद्

1 टिप्पणी:

  1. apka ye abhiyan sada hi age badhega ham sab sath hn ap jese log hi kisi abhyan ki mashal utha sakte hn ham bhi sirsa me apki prerna se is abhiyan ki suruat jald hi karenge

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