.....खत्म हुई ‘आत्मा’ की तलाश
बीटीएम व एसएमएस बनेंगे किसानों का सहारा
नरेंद्र कुंडू
जींद। कृषि विभाग ‘आत्मा’ को ‘देह’ तक लाने की कवायद में जुट गया है। विभाग ने सुस्त पड़ी आत्मा योजना को चुस्त करने के लिए मैनपॉवर का सहारा लेने का मन बनाया है। इससे ‘देह’ के लिए भटकती ‘आत्मा’ की तलाश पूरी हो गई है। इसके लिए विभाग द्वारा अनुबंध के आधार पर लगभग 210 नए अधिकारियों की भर्त्ती की गई है। जिनमें 91 ब्लॉक टेक्नोलाजी मैनेजर (बीटीएम) व 119 विषय विशेषज्ञों (एसएमएस) की भर्ती की है। बीटीएम व एसएमएस किसानों को समय-समय पर खेती की नई तकनीकी जानकारी देकर कम खर्च से अधिक उत्पादन लेने के गुर सिखाएंगे। विभाग बीटीएम व एसएमएस को फील्ड में उतारने से पहले किसानों के समक्ष आने वाली सभी समस्याओं व उनके समाधान के बारे में ट्रेनिंग देकर विशेष तौर पर ट्रेंड करेगा। इसकी सबसे खास बात यह है कि किसान सामुहिक रूप से अपना कोई भी प्रोजेक्ट तैयार कर बीटीएम के माध्यम से विभाग को भेज सकते हैं। अगर विभाग की तरफ से किसान के प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल जाती है तो विभाग किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए उस प्रोजेक्ट पर स्वयं पैसे खर्च करेगा। विभाग द्वारा उठाए गए इस कदम से किसान सीधे विभागीय अधिकारियों के साथ जुड़ सकेंगे।
जींद। कृषि विभाग ‘आत्मा’ को ‘देह’ तक लाने की कवायद में जुट गया है। विभाग ने सुस्त पड़ी आत्मा योजना को चुस्त करने के लिए मैनपॉवर का सहारा लेने का मन बनाया है। इससे ‘देह’ के लिए भटकती ‘आत्मा’ की तलाश पूरी हो गई है। इसके लिए विभाग द्वारा अनुबंध के आधार पर लगभग 210 नए अधिकारियों की भर्त्ती की गई है। जिनमें 91 ब्लॉक टेक्नोलाजी मैनेजर (बीटीएम) व 119 विषय विशेषज्ञों (एसएमएस) की भर्ती की है। बीटीएम व एसएमएस किसानों को समय-समय पर खेती की नई तकनीकी जानकारी देकर कम खर्च से अधिक उत्पादन लेने के गुर सिखाएंगे। विभाग बीटीएम व एसएमएस को फील्ड में उतारने से पहले किसानों के समक्ष आने वाली सभी समस्याओं व उनके समाधान के बारे में ट्रेनिंग देकर विशेष तौर पर ट्रेंड करेगा। इसकी सबसे खास बात यह है कि किसान सामुहिक रूप से अपना कोई भी प्रोजेक्ट तैयार कर बीटीएम के माध्यम से विभाग को भेज सकते हैं। अगर विभाग की तरफ से किसान के प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल जाती है तो विभाग किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए उस प्रोजेक्ट पर स्वयं पैसे खर्च करेगा। विभाग द्वारा उठाए गए इस कदम से किसान सीधे विभागीय अधिकारियों के साथ जुड़ सकेंगे।
लगातार घटती कृषि जोत व जानकारी के अभाव के कारण खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही थी। जिस कारण खेती से किसानों का मोह भंग हो रहा था। जिसके बाद कृषि विभाग ने किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मा योजना शुरू की थी। इस योजना के माध्यम से विभाग द्वारा किसानों को समय-समय पर कई प्रकार की सहायता दी जाती थी। लेकिन विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी के कारण योजना के माध्यम से किसानों को समय पर किसी प्रकार का लाभा नहीं मिल पाता था। जिस कारण आत्मा योजना अपने मकशद में सफल नहीं हो पा रही थी। कृषि विभाग ने आत्मा योजना को दोबारा से खाड़ा करने के लिए अपनी मैनपॉवर बढ़ाने का निर्णय लिया और अनुबंध के आधार पर लगभाग 210 नए अधिकारियों की भर्त्ती की। जिसमें 91 ब्लॉक टेक्नोलाजी मैनेजर (बीटीएम) व 119 विषय विशेषज्ञों (एसएमएस) की नियुक्ती की है। विभाग बीटीएम व एसएमएस को फील्ड में उतारने से पहले किसानों के समक्ष आने वाली समस्याओं व उनके समाधान के बारे में ट्रेनिंग देकर विशेष रूप से ट्रेंड करेगा। इसके बाद ये बीटीएम व एसएमएस किसानों के बीच पहुंचकर उन्हें विभाग की नई-नई योजनाआ से अवगत करवाएंगे तथा आधुनिक तकनीकों की सहायता से कम खर्च से अधिक पैदावार लेने के गुर सिखाएंगे। बीटीएम के साथ कृषि संबंधी सभी विभागों जैसे बागवानी विभाग, पशुपालन, मछली पालन व अन्य विभाग से जुडेÞ सभी अधिकारियों की एक टीम होगी। इस प्रकार किसानों को कृषि विभाग से संबंधित जिस भी क्षेत्र में समस्या आएगी उसी विभाग से संबंधित अधिकारी किसान की उस समस्या का निदान मौके पर ही कर देगा। विभाग द्वारा उठाए गए इस कदम से विभाग की सभी योजनाएं किसानों तक सीधे पहुंच सकेंगी और इससे किसानों के आर्थिक स्तर में भी सुधार हो सकेगा।
अपना प्रोजेक्ट भी विभाग को भेज सकते हैं किसान
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि किसान सामुहिक रूप से कोई भी प्रोजेक्ट तैयार कर सकते हैं, जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सके। किसान इस तरह के प्रोजेक्ट को तैयार कर उसकी रिपोर्ट बीटीएम के माध्यम से विभाग को भेज सकते हैं। अगर विभागीय अधिकारियों को किसानों का वह प्रोजेक्ट पंसद आता है तो विभाग अधिक से अधिक किसानों तक उस प्रोजेक्ट को पहुंचाने के लिए अपने तरफ से पैसे खर्च करेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसान अपनी योजनाएं भी विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचा सकेंगे।
किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करना है मुख्य उद्देश्य
मैनपॉवर की कमी के कारण विभाग की अधिकतर योजनाएं समय पर किसानों तक नहीं पहुंच पाती थी। इसलिए विभाग ने अपनी योजनाओं को समय पर किसानों तक पहुंचाने तथा उनकी समस्याओं के समाधान के लिए बीटीएम व एसएमएस की नियुक्ती की है। विभाग द्वारा शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करना है।
बीएस नैन
डायरेक्टर, किसान प्रशिक्षण केंद्र, जींद
बीएस नैन
डायरेक्टर, किसान प्रशिक्षण केंद्र, जींद
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें