‘लाडो’ के जीवनदान के लिए उठे कदमों में अधिकारियों ने डाली लापरवाही की बेड़ियां

पंचायती राज विभाग के अधिकारियों ने तैयार नहीं किए बीबीपुर गाँव के विकास कार्यों के एस्टीमेट

नरेंद्र कुंडू
जींद।
उत्तर भारत की खाप पंचायतों को एक मंच पर लाकर ‘लाडो’ को जीवनदान दिलवाने की अलख जागाने वाले आईटी विलेज बीबीपुर के विकास कार्यों पर प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही का ग्रहण लग गया है। कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ मोर्चा खोल कर इस सामाजिक कुरीति को जड़ से उखाड़ने का आह्वान करने पर जहां मुख्यमंत्री ने बीबीपुर पंचायत को एक करोड़ की राशि देकर सम्मानित किया था, वहीं अब जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने बीबीपुर गांव के विकास के लिए एस्टीमेट तैयार न कर एक करोड़ रुपए की राशि पर कुंडली मारी ली है। पंचायत विभाग के तकनीकि विंग ने दो माह बीत जाने के बाद भी विकास कार्यों के एस्टीमेट प्रदेश सरकार को नहीं भेजे हैं। जिस कारण गांव के सभी विकास कार्यों पर ब्रेक लग गए हैं। विभाग के अधिकारी एस्टीमेट भेजने का कार्य कार्यालय का बताकर अपने हाथ खड़े कर रहे हैं।
कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ प्रदेश की अन्य पंचायतों को राह दिखाने वाली आईटी विलेज बीबीपुर के विकास पर जिला प्रशासनिक अधिकारियों की काली छाया पड़ चुकी है। जिला प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही से पर्दा उस समय उठा जब बीबीपुर गांव के सरपंच सुनील जागलान ने गत बुधवार को चंडीगढ़ जाकर गांव के विकास कार्यों के एस्टीमेटों के बारे में जानकारी जुटाई। अधिकारियों ने सरपंच को बताया कि उनके गांव के विकास कार्यों से संबंधित कोई भी एस्टीमेट अभी तक चंडीगढ़ नहीं पहुंचा है। हालांकि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ मोर्चा खोलने पर बीबीपुर की पंचायत को गत् 15 जुलाई को एक करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा को धरातल पर उतारने के लिए एचआरडीएफ बोर्ड ने जींद प्रशासन के पंचायत विभाग को गांव की जरूरतों के अनुसार एक करोड़ के विकास कार्यों के एस्टीमेट जल्द से जल्द तैयार करके बोर्ड को भेजने के आदेश जारी किए थे। लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा हुए दो माह से ज्यादा का समय बीत चुका है और जींद प्रशासन के पंचायती राज विभाग के तकनीकि विंग ने अभी तक बोर्ड को एक करोड़ रुपए के एस्टीमेट नहीं भेजे हैं। सरपंच सुनील जागलान ने बताया कि इस प्रकार पंचायती राज विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण गांव के विकास कार्यों की रफ्तार पर अधिकारियों की लापरवाही के ब्रेक लग गए हैं। गांव के विकास कार्यों के लिए राशि जारी न होने से विकास कार्य पूरी तरह से पटरी से उतर गए हैं।
बीबीपुर पंचायत का कहना है कि पंचायत ने संबंधित एसडीओ व जेई को गांव की जरुरत के अनुसार करवाए जाने वाले विकास कार्यों के प्रस्ताव भेज दिए थे। लेकिन इसके बावजूद भी तकनीकि विंग ने एस्टीमेट तैयार करके उच्चाधिकारियों के पास नहीं भेजे हैं। सरपंच का कहना है कि पंचायत द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में एक करोड़ रुपए की राशि से गांव की गलियों व फिरनियों को सीमेंट के ब्लॉकों से पक्का करवाने का जिक्र किया गया है। प्रस्ताव तैयार करने के बाद खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय जींद को यह प्रस्ताव भेजा चुका है।

चंडीगढ़ जाकर की थी जांच पड़ताल

बीबीपुर गांव के सरपंच सुनील कुमार जागलान ने बताया कि गत् 26 सितंबर को उन्होंने चंडीगढ़ जाकर पंचायती राज विभाग के अधिकारियों से गांव के एस्टीमेटों के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि एस्टीमेट चंडीगढ़ पहुंचे ही नहीं हैं। जागलान ने बताया कि पंचायत विभाग के तकनीकि विंग को गांव की गलियां व फिरनियों को पक्का करने के एस्टीमेट बनाने के लिए प्रस्ताव एक माह पहले  ही भेज दिया गया था।

क्या कहते हैं अधिकारी

एस्टीमेट तैयार करने का मैटर कार्यालय का है। किसी कारणवश एस्टीमेट बनाने में देरी हो सकती है। एस्टीमेट तैयार होने के तुरंत बाद सरकार को भेज दिए जाएंगे।
नरेंद्र दलाल, कार्यकारी अभियंता
पंचायती राज विभाग, जींद

 तैयार किया जा रहा है  एस्टीमेट

बीबीपुर ग्राम पंचायत के विकास के लिए एक करोड़ के एस्टीमेट तैयार करने का कार्य किया जा रहा है। जैसे ही एस्टीमेट तैयार होंगे उन्हें पंचायत विभाग के मुख्यालय भेज दिए जाएगें। विभाग द्वारा एस्टीमेट बनाने में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं की जा रही है।
अरविंद बैनिवाल, एसडीओ
पंचायती राज विभाग, जींद


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