गुरुवार, 25 अक्तूबर 2012

मर्यादा पुरूषोत्तम की 'रामलीला' बनी 'रासलीला'


 रामलीला मंच पर बढ़ रही अश्लीलता से आहत हो रही हैं लोगों की धर्मिक भावनाएं

नरेंद्र कुंडू 
जींद। एक दौर था जब रामलीला के प्रति लोगों की बड़ी धर्मिक भावना होती थी और लोग बड़े श्रद्धाभाव से रामलीला देखने के लिए जाते थे। रामलीला के कलाकारों के प्रति भी लोगों में बड़ी श्रद्धा होती थी। लोगों को रामलीला के कलाकारों में ही भगवान की तस्वीर नजर आती थी। उन दिनों रामलीला देखने के लिए बड़ा जनसैलाब उमड़ता था और रामलीला ग्राऊंड में दर्शकों को बैठने के लिए स्थान भी नहीं मिलता था। रात के समय में रामलीला देखने के लिए लोग दिन में ही अपना स्थान बुक कर लेते थे। उस समय मनोरंजन के साधन भी सीमित ही होते थे इसलिए लोग रामलीला के माध्यम से भी अपना मनोरंजन का शौक पूरा करते थे। लेकिन जैसे-जैसे समय ने करवट ली और तकनीकी युग ने धरती पर अपने कदम रखे तो प्रचार-प्रसार के साधन भी बढऩे लगे। नई-नई तकनीकों के साथ ही घरों में मनोरंजन के साधन भी स्थापित होने लगे। बढ़ते मनोरंजन के साधनों के साथ ही पाश्चात्य संस्कृति ने भी हमारी संस्कृति पर प्रहार कर दिया। घर पर ही मनोरंजन के अच्छे साधन मुहैया होने के कारण रामलीला के प्रति लोगों का मोह भंग होने लगा और पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव के कारण लोगों में धर्मिक भावना भी कम होती चली गई। रामलीला में दर्शकों की कमी को देखते हुए रामलीला संचालकों भी अपना ट्रेंड बदलने के लिए मजबूर हो गए। अब रामलीला का स्थान रास लीला ने ले लिया है। रामलीला संचालकों द्वारा दर्शकों को लुभाने के लिए रामलीला में फिल्मी गीतों को शामिल किया जाने लगा। अब रामलीला के मंच पर दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए जौकरों की जगह फिल्मी धूनों पर थिरकने वाले डांसरों ने ले ली है। अब दर्शकों को आकॢषत करने के लिए रामलीला संचालकों द्वारा रामलीला जैसे पवित्र मंच पर खुलकर अश्लीलता परोसी जा रही है। आधुनिकता के इस दौर में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के मंच पर अश्लील फिल्मी धूनों पर लड़कियां डांस करती नजर आती हैं। भगवान श्री राम की लीला अब रास लीला में तब्दिल होने लगी है। 

दर्शकों में नहीं रही अनुशासन की भावना

रामलीला के मंच पर लगभग 38 वर्षों तक हास्य कलाकार की भूमिका निभाने वाले मुकेश उर्फ मुकरी ने बताया कि बढ़ती अश्लीलता के कारण लोगों की धर्मिक भावना आहत होती है। अश्लील गीतों के कारण अब दर्शकों में अनुशासन की कमी हो चली है। इससे रामलीला के दौरान लड़ाई-झगड़े होने के आसार बने रहते हैं।

रामलीला का करवाया जा रहा है लाइव

 शहर की एक रामलीला में फिल्मी गीतों पर थिरकते डांसर। 
श्री सनातन धर्म आदर्श रामलीला क्लब (किला) के संरक्षक संत लाल चुघ ने बताया कि शहर में उनकी रामलीला सबसे पुरानी है। वे खुद 1957 से इस क्लब से जुड़े हुए हैं और उन्होंने रामलीला में कई वर्षों तक लक्ष्मण का किरदार भी निभाया है। लेकिन आज तक उनके क्लब द्वारा कभी भी रामलीला के मंच पर डांसर नहीं बुलाए गए हैं और न ही किसी प्रकार के फिल्मी अश्लील गाने चलाए गए हैं। क्लब का रामलीला के आयोजन का मुख्य उद्देश्य भगवान श्री राम का संदेश घर-घर पहुंचाना है। इसलिए अब रामलीला में दर्शकों को लेकर वो पहले वाली बात नहीं रही। लेकिन फिर भी उनके क्लब द्वारा घर बैठे ही लोगों को रामलीला दिखाने के लिए केबल के माध्यम से रामलीला का लाइव करवाया जाता है। ताकि अधिक से अधिक लोगों तक भगवान श्री राम का संदेश पहुंचाया जा सके। 

पहले कलाकारों के प्रति लोगों में होती थी श्रद्धा

लगभग 10 वर्षों तक रामलीला के मंच पर राम, लक्ष्मण व सीता का किरदार निभाने वाले कलाकार विनय अरोड़ा ने बताया कि पहले लोगों में कलाकारों के प्रति बड़ी श्रद्धा होती थी। लोगों को कलाकारों में  ही भगवान की तस्वीर नजर आती थी। इसलिए हर रोज अलग-अलग व्यक्ति के घर कलाकारों के लिए खाने का आयोजन किया जाता था। लेकिन अब लोगों की मानसिकता बदल चुकी है और कलाकारों के प्रति लोगों में श्रद्धा नहीं रही है। अब ज्यादातर लोग रामलीला में सिर्फ लड़कियों का डांस देखने के लिए ही जाते हैं। 


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