मंगलवार, 6 नवंबर 2012

अनाज मंडी की सड़कों पर खराब हो रहा धरती पुत्रों का पीला सोना


धान का सीजन शुरू होते ही खुली जिला प्रशासन व खरीद एजैंसियों के दावों की पोल

पिछले 10 दिनों से बंद है पी.आर. धान का खरीद कार्य

नरेंद्र कुंडू
जींद। जिला प्रशासन व सरकारी खरीद एजैंसियों द्वारा अनाज मंडी में धान की सभी किस्मों की खरीद व उठान कार्य को तीव्रता से करने के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। सीजन शुरू होते ही जिला प्रशासन व खरीद एजैंसियों के दावों की पोल खुलनी शुरू हो गई है। शहर की रोहतक रोड स्थित नई अनाज मंडी में लगभग पिछले 10 दिनों से पी.आर. धान की खरीद नहीं हो रही है। खरीद एजैंसियों की लापरवाही के कारण धरतीपुत्रों का पीला सोना अनाज मंडी की सड़कों पर ही खराब हो रहा है। समय पर पी.आर. धान की खरीद नहीं होने के कारण अनाज मंडी में धान के ढेर लगे हुए हैं। फिल्हाल नई अनाज मंडी में लगभग 5 हजार क्विंटल पी.आर. धान बिक्री के लिए पड़ी हुई है लेकिन खरीद एजैंसियां धान की खरीद के लिए आगे नहीं आ रही हैं। खरीद एजैंसियां बारदाने की कमी बताकर खरीद कार्य से अपने हाथ पीछे खींच रही है। 
 फसल की खरीद नहीं होने पर नारेबाजी कर विरोध जताते किसान।
धान की फसल का सीजन जोरों पर है और जिला प्रशासन व सरकारी खरीद एजैंसियां धान की खरीद व उठान कार्य के पुख्ता इंतजाम का दम भर रहे हैं लेकिन वास्तविकता ही कुछ ओर है। अनाज मंडी में लगभग पिछले 10 दिनों से पी.आर. धान की खरीद नहीं हो रही है। जबकि पी.आर. धान की खरीद की जिम्मेदारी सरकारी खरीद एजैंसियों की होती है लेकिन यहां की अनाज मंडी में जिला प्रशासन व सरकारी खरीद एजैंसियों के धान की फसल के खरीद के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। समय  पर पी.आर. धान की खरीद नहीं होने के कारण किसानों को मंडी में ही डेरा डालना पड़ रहा है। खरीद एजैंसियों की लापरवाही के कारण किसानों का पीला सोना अनाज मंडी की सड़कों पर ही खराब हो रहा है। 

क्या कहते हैं किसान

पी.आर. धान को दिखाते हुए किसान।

अनाज मंडी  में धान की फसल लेकर आए गांव लजवाना खुर्द के किसान प्रदीप अहलावत व सोनू ने बताया कि उसकी फसल पिछले 10 दिनों से अनाज मंडी में पड़ी हुई है लेकिन खरीद एजैंसियां फसल में नमी का बहाना बनाकर फसल की खरीद से मना कर रहे हैं, जबकि उसकी फसल पूरी तरह से नमी रहित है। गांव कैरखेड़ी से आए किसान जगबीर ने बताया  कि वह एक सप्ताह से अपनी फसल की बिक्री के लिए अनाज मंडी में ही डटा हुआ है लेकिन एक सप्ताह बाद भी खरीद एजैंसियों द्वारा उसकी फसल की खरीद नहीं की गई है। गांव पेटवाड़ से आए किसान रोहताश, अजमेर, गांव खांडाखेड़ी से आए किसान बलवान, गांव लोहचब से आए किसान सतबीर, नगूरां गांव से आए किसान मनोज जोरड़ा ने बताया कि वे पिछले एक सप्ताह से अपनी पी.आर. धान की बिक्री के लिए 
 मंडी में फसल लेकर आए किसान जिनसे बात की गई। 
अनाज मंडी में ही डेरा डाले हुए हैं लेकिन खरीद एजैंसियां धान की खरीद नहीं कर रही हैं। समय पर फसल की खरीद नहीं होने के कारण उनका धान की कटाई व गेहूं की बिजाई के कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। इससे उन्हें आॢथक व मानसिक परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है। 

पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध नहीं करवा रही हैं खरीद एजैंसियां

अनाज मंडिय़ों के कुछ आढ़तियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि खरीद एजैंसियां उन्हें पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध नहीं करवा रही हैं। बारदाना नहीं मिलने के कारण धान का उठान कार्य भी प्रभावित हो रहा है। आढ़तियों ने बताया कि फिल्हाल अनाज मंडी में अकेले पी.आर. धान का लगभग 5 हजार क्विंटल का स्टोक बिक्री के लिए पड़ा हुआ है। समय पर फसल की खरीद व उठान नहीं होने के कारण अनाज मंडी में पी.आर. धान के ढेर लग गए हैं और किसानों को फसल डालने के लिए पर्याप्त मात्रा में जगह उपलब्ध नहीं हो पा रही है।  

बेलगाम हैं अधिकारी

कांग्रेस सरकार के शासनकाल में अधिकारी बेलगाम हैं। अधिकारियों की लापरवाही के कारण समय पर  फसलों की खरीद नहीं हो रही है। इससे किसानों का सारा समय अनाज मंडी में ही खराब हो रहा है। किसानों को फसल का सही मूल्य नहीं मिल रहा है। जबकि इनैलो के शासनकाल में किसानों को फसल  के अच्छे भाव मिलते थे और मंडी में पहुंचते ही किसान की फसल खरीद ली जाती थी। 
सुनील कंडेला
पूर्व प्रदेश महासचिव, युवा इनैलो
समय पर की जा रही है धान की खरीद
हैफेड द्वारा समय पर धान की खरीद की जा रही है। पी.आर. धान की खरीद के लिए हैफेड के अलावा एग्रो व एफ.सी.आई. के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए गए हैं। हैफेड के पास बारदाने की कोई कमी नहीं है। आढ़तियों को समय पर पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध करवाया जा रहा है। फसल में निर्धारित मात्रा से ज्यादा नमी के कारण फसल का खरीद कार्य प्रभावित हो रहा है। 
लक्ष्मीनारायण, डी.एम. 
हैफेड








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