बुधवार, 5 दिसंबर 2012

लोगों को गैस किल्लत से निजात दिलवाएगा कृषि विभाग


अनुदान पर दी जाएंगी बायोगैस बनाने वाली रेडीमेड टैंकियां

नरेंद्र कुंडू 
जींद। आम आदमी को गैस की किल्लत से छुटकारा दिलवाने के लिए कृषि विभाग ने खास योजना तैयार की है। विभाग द्वारा नैशनल बायोगैस मैकरो मैनेजमैंट प्रोग्रमा के तहत अब आम आदमी को बायोगैस के प्रति आकॢषत करने के लिए सबसिडी पर बायोगैस की रेडीमेड टैंकियां उपलब्ध करवाई जाएंगी। इस 
टैंकी की खास बात यह है कि गोबर व अन्य वैस्ट से गैस बनाने के वाले सभी उपकरण इस टैंकी के अंदर ही स्थापित किए गए हैं और इसे लगाने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत भी नहीं पड़ती है। विभाग की इस योजना के तहत 20 सुत्रीय कार्यक्रम के तहत जिले में 90 टैंकियां अनुदान पर देने का टारगेट रखा गया है। 

पहले सरकार द्वारा घरेलू वैस्ट व गोबर का सही उपयोग करने के लिए किसानों को दीनबंधू बायोगैस प्लांट लगाने के लिए प्रेरित किया जाता था लेकिन इन प्लांटों के निर्माण में खुदाई, चिनाई, लेबर व निर्माण के लिए ज्यादा जगह की जरूरत होने के कारण सरकार की यह योजना लंबी रेस का घोड़ा नहीं बन पाई। इन बायोगैस प्लांटों के निर्माण में झंझटों को देखते हुए किसानों ने सरकार की इस योजना में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। क्योंकि इन बायोगैस प्लांटों के निर्माण के बाद भी इनमें गैस लिकेज व साफ-सफाई का ज्यादा झंझट रहता था। अब कृषि विभाग ने किसानों को गैस किल्लत से छुटकारा दिलवाने व आम आदमी को भी बायोगैस प्लांटों के प्रति अकर्षित करने के लिए नैशनल बायोगैस मैकरो मैनेजमैंट प्रोग्राम के तहत बायोगैस बनाने वाली रेडीमेड टैंकियां देने की योजना बनाई है। अधिक से अधिक लोगों को इस योजना के प्रति आकर्षित करने के लिए विभाग द्वारा जिले में 90 बायोगैस वाली यह टैकियां अनुदान पर दी जाएंगी। विभागीय अधिकारियों की मानें तो एक टैंकी की कीमत 32 हजार रुपए है। विभाग द्वारा एक टैंकी पर किसानों को 8 हजार रुपए की सबसिडी दी जाएगी। 
 कृषि यांत्रिकी विभाग के प्रांगण में रखी टैंकी।

किसानों को झंझटों से मिलेगा छुटकारा

विभाग द्वारा किसानों को 2 क्यूबिक मीटर की क्षमता वाली टैंकियां सबसिडी पर दी जा रही हैं। इस टैंकी की खास बात यह है कि गोबर व अन्य वैस्ट से गैस बनाने के लिए जरूरी सभी यंत्र इस टैंकी के अंदर ही फिट हैं। इस टैंकी को रखने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं पड़ी,जबकि दीनबंधू बायोगैस प्लांटों को लगाने के लिए किसानों को चिनाई, मिस्त्री, लेबर व अन्य झंझटों का सामना करना पड़ता है और इन प्लांटों के निर्माण के बाद भी किसानों के सामने गैस लिकेज जैसी समस्याएं आती रहती थी। इसके अलावा इन प्लांटों की साफ-सफाई का झंझट भी रहता था लेकिन अब विभाग द्वारा किसानों को अनुदान पर दी जाने वाली इन रेडीमेड टैंकियों में चिनाई, लेबर, मिस्त्री व साफ-सफाई का सारा झंझट खत्म हो जाएगा। किसान कम जगह में इसे आसानी से स्थापित कर सकेंगे और जरूरत पडऩे पर इसे एक जगह से दूसरे स्थान पर भी आसानी से बदला जा सकेगा।   

लैटरिन अटैच करवाने पर मिलेगी 1 हजार की अलग से सबसिडी

कृषि विभाग द्वारा किसानों को अनुदान पर दी जाने वाली रेडीमेड टैंकी की कीमत 32 हजार रुपए है तथा विभाग इस टैंकी पर किसान को 8 हजार रुपए की सबसिडी देगा। इसके अलावा जो किसान इस टैंकी के साथ अपने घर की लैटरिन अटैच करवाएगा उसे 1 हजार रुपए की सबसिडी अलग से दी जाएगी। 

किसानों के लिए कारगर सिद्ध होगी योजना

कृषि यांत्रिकी विभाग के सहायक कृषि इंजीनियर जिले सिंह वर्मा ने बताया कि विभाग की यह योजना किसानों के लिए काफी कारगर सिद्ध होगी। क्योंकि इन टैंकियों के निर्माण व रखरखाव का काम काफी आसान है। किसान इसे अपनी जरूरत के अनुसार एक जगह से दूसरी जगह पर भी स्थानांतरीत कर सकते हैं। इस टैंक में गैस बनाने के लिए किसान को ज्यादा वैस्ट की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। किसान को इसके लिए प्रति दिन सिर्फ 2 किलो वैस्ट की जरूरत पड़ेगी। 



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