सोमवार, 28 जनवरी 2013

बेसहारों को नहीं मिल रहा कोई सहारा


अभी तक जिला प्रशासन द्वारा नहीं की गई रैन बसेरों की कोई व्यवस्था 

कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं बेसहारा लोग

नरेंद्र कुंडू 
जींद। कंपकपाने वाली सर्दी पडऩी शुरू हो गई है लेकिन अभी तक जिला प्रशासन द्वारा बेसहारा लोगों के लिए जिले में कहीं भी रैन बसेरे की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। प्रशासन द्वारा रैन बसेरे की व्यवस्था करना तो दूर की बात अभी तक तो अलाव के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। जिसके सहारे बेसहारा लोग इस ठंड के मौसम में अपनी रात गुजार सकें। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी जिले में रैन बसेरे की योजना कागजों से बाहर नहीं निकल पाई है। अभी तक तो प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ रैन बसेरों की व्यवस्था की योजना पर विचार ही कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की इस लापरवाही के चलते कड़ाके की ठंड में बेसहारा लोग खुले आसमान के नीचे ही रात गुजारने को मजबूर हैं।
बेसहारा लोगों को सर्दी से बचाने के लिए उनके रात्रि ठहराव के लिए पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने रैन बसेरों और अलाव के इंतजाम के आदेश जारी किए थे। ताकि ठंड के मौसम में बेसहारा लोगों को आसरा मिल सके और ठंड के कारण किसी मजदूर या बेसहारा की मौत ना हो। शहर में रैन बसेरों और अलाव की व्यवस्था जिला प्रशासन को अपने स्तर पर करनी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार रैन बसेरों व अलाव की व्यवस्था करने के साथ-साथ उनके प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी भी प्रशासन की होती है लेकिन जिला प्रशासन द्वारा अभी तक इस तरफ कोई कदम नहीं बढ़ाए गए हैं। सर्दी का मौसम चरम पर होने के बावजूद अभी तक जिले में स्थाई और अस्थाई रैन बसेरों के निर्माण की योजना फाइलों से बाहर नहीं निकल पाई है। इस योजना पर अमल करना तो दूर की बात अभी तक प्रशासन ने इस पर विचार नहीं किया है। रैन बसेरों के निर्माण की तरफ से प्रशासनिक अधिकारियों की यह बेरूखी इस बात की तरफ इशारा कर रही है कि प्रशासनिक अधिकारियों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी कोई प्रभाव नहीं है। अधिकारियों की लापरवाही के चलते बेसहारा लोग खुले आसमान के नीचे ही रात बिताने को मजबूर हैं।

अभी तक प्रचार-प्रसार की भी नहीं की गई कोई व्यवस्था

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार जिले में रैन बसेरे और अलाव की व्यवस्था करने के साथ-साथ पूरे जोर-शोर से उनका प्रचार-प्रसार भी किया जाना चाहिए। ताकि अधिक से अधिक लोगों को रैन बसेरों की साइट के बारे में पता चल सके और वे उनका लाभ ले सकें लेकिन अभी तक जिला प्रशासन की तरफ से रैन बसेरों के प्रचार-प्रसार की बात तो दूर अभी तक रैन बसेरों की ही व्यवस्था नहीं की गई है।
स्थाई तौर पर रैन बसेरे की योजना पर किया जा रहा है विचार
इस बारे में जब रैड क्रॉस सोसायटी के सचिव रणदीप श्योकंद से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि सफीदों में अंटा वाली धर्मशाला, नरवाना में सिक्खों की धर्मशाला तथा जींद में जाट धर्मशाला में रैन बसेरे की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा जींद में अपोलो चौक, सफीदों रोड स्थित झोटा फार्म तथा शहर के सामान्य अस्पताल में रैड क्रॉस की जो एक एकड़ जमीन है उस पर स्थाई तौर पर रैन बसेरे के निर्माण की योजना तैयार की जा रही है। प्रचार-प्रसार के लिए बैनर तैयार करवाए जा रहे हैं।  

प्रचार-प्रसार के लिए जल्द करेंगे व्यवस्था

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार प्रशासन द्वारा जिले में रैन बसेरों तथा अलाव की व्यवस्था की जिम्मेदारी रैड क्रॉस सोसायटी को सौंपी गई है। रैन बसेरों की व्यवस्था के साथ-साथ उनके प्रचार-प्रसार के लिए भी रैड क्रॉस के अधिकारियों को निर्देश जारी किए जाएंगे।
दलबीर सिंह
एस.डी.एम. जींद

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