टपका सिंचाई की तरफ नहीं बढ़ रहा किसानों को रूझान


किसानों की बेरूखी के कारण टारगेट पूरा नहीं कर पाया बागवानी विभाग

नरेंद्र कुंडू
जींद। जिला बागवानी विभाग लाख प्रयासों के बावजूद भी जिले के किसानों का रूझान टपका सिंचाई (ड्रिप सिस्टम) की तरफ आकॢषत नहीं कर पाया है। किसानों की बेरूखी के चलते बागवानी विभाग अपने ड्रिप सिस्टम के टारगेट के नजदीक भी नहीं पहुंच पाया है। इस प्रकार जिला बागवानी विभाग द्वारा टारगेट को पूरा नहीं कर पाने के कारण विभाग की जल संरक्षण की मुहिम को बड़ा झटका लगा है। 
किसानों द्वारा कृषि कार्यों में पानी के अंधाधुंध दोहन के कारण गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए बागवानी विभाग ने जल संरक्षण के लिए एक खास योजना तैयार की थी। इसके लिए विभाग द्वारा किसानों को कृषि कार्यों में टपका सिंचाई का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाना था। अधिक से अधिक किसानों को ड्रिप सिस्टम के प्रति आकर्षित करने के लिए विभाग द्वारा किसानों को ड्रिप सिस्टम पर 90 प्रतिशत सबसिडी दी जा रही है। ताकि अधिक से अधिक किसान टपका सिंचाई को अपना कर पानी की बचत कर सकें और अच्छी पैदावार ले सकें। योजना को सफल बनाने के लिए विभाग की तरफ से जिला बागवानी विभाग को टारगेट दिया गया था। जिला बागवानी विभाग के अधिकारियों को टारगेट के अनुसार 100 हैक्टेयर में मिनी स्प्रींग कलर तथा ड्रिप एंड फोगिंग सिस्टम इन पोली हाऊस के तहत 44 हजार सुकेयर मीटर में पोली हाऊस में ड्रिप सिस्टम लगाने थे। ताकि अधिक से अधिक किसानों को ड्रिप सिस्टम के लिए प्रेरित किया जा सके। लेकिन विभाग लाख प्रयासों के बावजूद भी किसानों को ड्रिप सिस्टम लगवाने के लिए राजी नहीं कर पाया। अभी तक विभाग अपने मिनी स्प्रींग कलर के 100 हैक्टेयर के टारगेट में से सिर्फ 10 हैक्टेयर तथा ड्रिप एंड फोगिंग सिस्टम इन पोली हाऊस के 44 हजार सुकेयर मीटर के टारगेट में से सिर्फ 1440 सुकेयर मीटर ही टारगेट पूरा कर पाया है। इस प्रकार ड्रिप सिस्टम के प्रति किसानों की बेरूखी के चलते जिले में विभाग की जल संरक्षण की मुहिम को कड़ा झटका लगा है। 

योजना का नाम   टारगेट   पूरा किया

मिनी स्प्रींग कलर  100 हैक्टेयर            10 हैक्टेयर
ड्रिप एंड फोगिंग   इन पोली हाऊस  44 हजार सुकेयर मीटर  1440 सुकेयर मीटर

ड्रिप पर 90 तथा तालाब पर 100 प्रतिशत सबसिडी देता है विभाग

बागवानी विभाग द्वारा ड्रिप सिस्टम को अधिक कामयाब बनाने के लिए किसानों को खेत में तालाब बनाने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। ताकि कृषि कार्यां में किसान को पानी की किल्लत न हो। इसके लिए विभाग द्वारा ड्रिप सिस्टम पर 90 तथा तालाब के निर्माण पर 100 प्रतिशत सबसिडी दी जाती है। 

किसानों को किया जाता है प्रेरित

बागवानी में ड्रिप सिस्टम सबसे ज्यादा कारगर साबित होती है। जींद में बाग का क्षेत्र कम होने के कारण किसान ड्रिप सिस्टम में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। फिर भी विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को ड्रिप सिस्टम के बारे में पूरी जानकारी देकर प्रेरित किया जाता है। विभाग के अधिकारी टारगेट को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं।
डा. बलजीत भ्याण
जिला उद्यान अधिकारी

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