डा. दलाल ने ता उम्र किसानों के लिए किया संघर्ष
प्रदेशभर के गणमान्य लोगों, खाप प्रतिनिधियों, कर्मचारी संगठनों तथा किसानों ने दी कीट साक्षरता के अग्रदूत को भावभीन श्रद्धांजलि
नरेंद्र कुंडूजींद। कीट साक्षरता के अग्रदूत स्व. डा. सुरेंद्र दलाल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए रविवार को रैडक्रास भवन के पास स्थित पटवार भवन में शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में प्रदेशभर के गणमान्य लोगों के अलावा 100 से अधिक खापों के बड़े-बड़े प्रतिनिधियों, पंजाब के प्रगतिशील किसानों तथा जिले के दर्जनभर से ज्यादा गांवों के कीट कमांडो पुरुष तथा महिला किसानों ने शामिल होकर स्व. डा. सुरेंद्र दलाल को भावभीन श्रद्धांजलि अर्पित की।
कामरेड फूल सिंह श्योकंद ने स्व. डा. दलाल के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डा. दलाल ने प्लांट ब्रिङ्क्षडग से पी.एच.डी. करने के बाद कीट साक्षरता पर रिसर्च कर एक प्रकार से लीक से हटकर काम किया है। उन्होंने निडाना गांव में 18 सप्ताह तक चली किसान खेत पाठशाला में 96 से अधिक खाप प्रतिनिधियों की उपस्थित दर्ज करवाकर खाप प्रतिनिधियों को भी राह दिखाने का काम किया था। कामरेड वीरेंद्र सिंह ने कहा कि डा. दलाल ने ता उम्र किसानों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने विकट परिस्थितियों का डट कर सामना किया लेकिन कभी भी अपने सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया। शोक सभा की अध्यक्षता करते हुए बराह कलां तपा के प्रधान कुलदीप ढांडा ने कहा कि डा. दलाल ने फसलों पर अपने सफल प्रयोग से यह सिद्ध करके दिखा दिया था कि कीटनाशकों के बिना खेती संभव है लेकिन कीटों के बिना खेती कतई संभव नहीं है, क्योंकि कीट फसलों में पर परागन में अहम भूमिका निभाते हैं। पंजाब से आए प्रगतिशील किसानों ने कहा कि पंजाब में अंधाधुंध कीटनाशकों के प्रयोगों के दूष्परिणाम अब वहां की जनता के सामने आने लगे हैं। वहां कैंसर तथा अन्य जानलेवा बीमारियां अपने पैर पसार चुकी हैं। उन्होंने अभी हाल ही में हुई एक रिसर्च के परिणाम के बारे में जानकारी देते हुए पंजाब के लोगों के खून 6 से 15 किस्म के कीटनाशकों के कण दौड़ रहे हैं। निडाना तथा ललितखेड़ा से आई महिला किसानों ने डा. सुरेंद्र दलाल के जनहित के कार्यों को देखते हुए उन्हें मरणोपरांत स्टेट अवार्ड देने की मांग की। इस अवसर पर पूर्व विधायक आई.जी. शेर सिंह, जगबीर ढिगाना, राममेहर नम्बरदार और प्रदेशभर के तमाम कर्मचारी संगठनों तथा एसोसिएशन के प्रतिनिधियों और कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी अपने विचार रखे।
कीट साक्षरता के अग्रदूत स्व. डा. सुरेंद्र दलाल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे खाप प्रतिनिधि तथा महिलाएं। |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें