जाटों को आरक्षण दिलवाने के लिए सर्वजाट खाप ने तैयार की नई रणनीति
नई रणनीति पर विचार-विमर्श के लिए 29 को सोनीपत में होगी महापंचायत
दूसरे प्रदेशों में भी शुरू की जाएगी आरक्षण की लड़ाई
नरेंद्र कुंडू
जींद। भारत सरकार की नौकरियों में जाटों को आरक्षण दिलवाने के लिए सर्वजाट सर्वखाप हरियाणा के पदाधिकारी अब नए सिरे से आंदोलन शुरू करने के लिए रणनीति तैयार कर रही हैं। नई रणनीति के अनुसार इस बार आंदोलन हरियाणा प्रदेश के साथ-साथ दूसरे प्रदेशों में भी चलाया जाएगा। इसके लिए दूसरे प्रदेशों के जाटों को एकजुट किया जाएगा। सर्वजाट सर्वखाप हरियाणा के प्रधान दादा नफे सिंह नैन ने सोमवार को आंदोलन की नई रणनीति की घोषणा करते हुए कहा कि इस बार भारत सरकार की नौकरियों में जाटों को आरक्षण मिले बगैर यह आंदोलन समाप्त नहीं होगा। नई रणनीति पर विचार-विमर्श करने के लिए 29 जून को सोनीपत में हरियाणा की सभी खापों की महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इसमें खाप चौधरी आगामी ठोस रणनीति तैयार करेंगे। खाप प्रतिनिधियों द्वारा नजदीक आ रहे लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखकर आंदोलन की चोट करने के मन से नई रणनीति तैयार की गई है। भारत सरकार की नौकरियों के साथ-साथ प्रदेश में जाटों को आरक्षण देने के लिए लागू की गई नीति का भी निरीक्षण किया जाएगा।
सर्वजाट सर्वखाप के अध्यक्ष दादा नफेसिंह नैन ने कहा कि देशभर के जाटों की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। किसानों के पास खेती योग्य जमीन कम हो गई है। जाटों को आरक्षण नहीं मिलने के कारण इनके बच्चों नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं। इससे जाटों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो चली है। इस कारण जाट समुदाय अपने बच्चों को उच्च शिक्षा नहीं दिलवा पा रहा है। नैन ने कहा कि अब तो जाटों के पास सरकारी नौकरियां हासिल करने के लिए केवल आरक्षण का रास्ता ही बचा है। जाटों को आरक्षण तभी मिलेगा जब पूरे देश के जाट एकजुट होकर संघर्ष करेंगे। उन्होंने बताया कि हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली में जाटों को आरक्षण दिया जा चुका है लेकिन भारत सरकार की नौकरियों में आरक्षण अभी तक नहीं दिया गया है। इसी कारण जाटों के युवक भारत सरकार की नौकरियों से वंचित हो रहे हैं। नैन ने बताया कि आरक्षण के आंदोलन को सफल बनाने तथा देशभर के जाटों को एकजुट कर आंदोलन में शामिल करने के लिए 29 जून को सोनीपत में हरियाणा की सभी खापों की बैठक बुलाई गई है। बैठक में नई रणनीति पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। प्रवक्ता सूबेसिंह सैमाण ने बताया कि प्रदेश में जाट आरक्षण को लेकर कुछ संगठनों से सहयोग लिया गया था लेकिन इन संगठनों में कोई खास दमखम दिखाई नहीं दिया। संगठन के पदाधिकारी बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं, लेकिन जब भीड़ के माध्यम से आंदोलन दिखाने की बारी आती है तो इनके पास मुठ्ठी भर लोग ही मिलते हैं। सैमाण ने बताया कि वे जाट संगठनों का विरोध नहीं कर रहे हैं। बल्कि उनकी हकीकत को ब्यां कर रहे हैं। सैमाण ने कहा कि एकाध संगठन तो काफी मजबूत है। बावजूद इसके अगर संगठन जाट आरक्षण के आंदोलन में सहयोग करेंगे तो उनको मना भी नहीं किया जाएगा। सैमाण ने कहा कि भारत सरकार की नौकरियों में आरक्षण की मांग के साथ-साथ प्रदेश में मिले जाटों को आरक्षण की नीति का भी निरीक्षण किया जाएगा। अगर निरीक्षण के दौरान आरक्षण नीति में कोई कमी नजर आती है तो उसे भी दूर करने के लिए आवाज उठाई जाएगी।
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