सोमवार, 8 जुलाई 2013

जमीन के टुकड़े ने करवा दिया रिश्तों का कत्ल

जमीन के लालच में भाई ही बन गया भाई का हत्यारा 

पुलिस की लापरवाही से गई एक की जान

नरेंद्र कुंडू 
जींद। पिल्लूखेड़ा खंड के कालवा गांव में रविवार को जमीनी विवाद को लेकर एक बड़ा खूनी संघर्ष हो गया। जमीन के टुकड़े को लेकर कालवा गांव में दिन दहाड़े रिश्तों का कत्ल हो गया। एक जमीन के टुकड़े ने एक भाई को दूसरे भाई का कातिल बना दिया। जमीन के लालच ने 2 सगे भाइयों के परिवारों के बीच सदा-सदा के लिए दुश्मनी की लकरी खींच दी। रविवार को जमीन को लेकर कालवा में हुए इस खूनी संघर्ष में एक भाई ने दूसरे भाई के बच्चों के सिर से बाप का साया छीन लिया। जमीन को लेकर हुए इस खूनी संघर्ष में एक 1 व्यक्ति की मौत हो गई तथा 5 लोग जख्मी हो गए। रविवार को हुए इस खूनी संघर्ष में पुलिस की लापरवाही भी साफ नजर आ रही है। अगर 15 दिन पहले दोनों परिवारों के बीच हुए विवाद को पुलिस गंभीरता से लेती और समय पर उचित कार्रवाई करती तो शायद आज इन दोनों परिवारों को यह दिन नहीं देखना पड़ता। पुलिस समय रहते अगर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपियों को काबू कर लेती तो शायद आज रामङ्क्षसह की जान बच सकती थी। खूनी संघर्ष के बाद उजागर हुई पुलिस की लापरवाही को सफीदों के डी.एस.पी. वीरेंद्र सिंह ने गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। विवाद कितनी जमीन को लेकर हुआ है इसकी जानकारी अभी तक पुलिस के पास भी नहीं है। 
 घायलों को रोहतक पी.जी.आई. ले जाते परिजन। 
 घायलों को रोहतक पी.जी.आई. ले जाते परिजन। 
गौरतलब है कि कालवा गांव में रविवार को 2 सगे भाइयों के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि वजीर पक्ष के लोगों ने रामसिंह पक्ष के लोगों पर गोलियां चला दी, जिसमें रामसिंह की मौत हो गई जबकि इसी पक्ष से रामङ्क्षसह का बेटा राममेहर तथा जयपाल घायल हो गए। रामसिंह पक्ष के लोगों ने भी तेजधार हथियार से हमला बोल दिया जिसमें वजीर समेत 2 अन्य घायल हो गए। सुबह खेत में जब विवाद हुआ तो सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पिल्लूखेड़ा थाना प्रभारी सुभाष, एस.आई. दिलबाग सिंह तथा पवन पहुंचे। जिस समय पुलिस पहुंची उस समय रामसिंह, उसके बेटे जयपाल तथा राममेहर को गोली लग चुकी थी। थाना प्रभारी तथा एस.आई. दिलबाग ने तीनों को गाड़ी में बैठा लिया। इसी दौरान वजीर पक्ष के 2 लोग बाइक पर सवार होकर आए तथा आते ही गाड़ी में मौजूद रामङ्क्षसह पक्ष के लोगों पर गोलियां दागनी शुरू कर दी। पुलिस कर्मचारी पवन ने इन लोगों को पकडऩे की कोशिश की लेकिन थाना प्रभारी सुभाष तथा एस.आई. दिलबाग ने इनको पकडऩे की कोशिश नहीं की। वजीर पक्ष के लोगों ने गाड़ी में बैठे रामङ्क्षसह पर दाग दी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई तथा उसके दोनों बेटे भी गोली लगने से घायल हो गए। रामसिंह के बेटे रामकुमार ने आरोप लगाया कि यदि पुलिस आरोपियों को पकड़ती तो उसके पिता की जान बच सकती थी। पुलिस गाड़ी में बैठे लोगों पर आरोपियों द्वारा गोली दागना अपने आप में पुलिस के लिए शर्मनाक है। 

पुलिस की लापरवाही ने के कारण पैदा  हुई खूनी संघर्ष की स्थिति

 घायलों को रोहतक पी.जी.आई. ले जाते परिजन। 
मृतक रामसिंह के बेटे रामकुमार ने डी.एस.पी. वीरेन्द्र सिंह को लिखित में दी शिकायत में बताया कि 15 जून को भी वजीर सिंह के परिवार ने उसकी मां बीरमति पर हमला करके बाजू तोड़ दी थी। इसके बाद गंभीर हालात में रोहतक पी.जी.आई. में आप्रेशन हुआ था। इस दौरान इसकी शिकायत पिल्लूखेड़ा थाने में दे दी थी लेकिन पिल्लूखेड़ा थाना प्रभारी सुभाष तथा मामले की जांच अधिकार दिलबाग ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए उन पर ही दबाव डालना शुरू कर दिया। रविवार को भी झगड़े के दौरान पिल्लूखेड़ा थाना प्रभारी सुभाष तथा मामले के जांच अधिकार दिलबाग सिंह तथा पवन मौके पर पहुंचे थे। जब जिप्सी में उसके पिता तथा भाइयों पर फायरिंग की जा रही थी उस समय पुलिस कर्मचारी पवन ने तो गोली चला रहे लोगों से संघर्ष किया, लेकिन थाना प्रभारी सुभाष तथा दिलबाग मौके पर वैसे ही खड़े रहे। अगर दोनों पुलिस कर्मचारी मौके पर उचित कार्रवाई करते तो उसके पिता की जान बच सकती थी। उसने आरोप लगाया कि पिल्लूखेड़ा थाना प्रभारी तथा मामले के जांच अधिकारी दिलबाग इस मामले में लगातार लापरवाही बरत रहे थे। इसलिए इनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।

सामान्य अस्पताल में मची अफरा-तफरी

 घायलों को रोहतक पी.जी.आई. ले जाते परिजन। 
गांव कालवा में हुए खूनी संघर्ष को लेकर जैसे ही पुलिस कर्मचारी घायलों को लेकर सामान्य अस्पताल पहुंचे तो वहां अफरा-तफरी मच गई। आनन फानन में एमरजैंसी में तैनात चिकित्सक द्वारा फोन पर अन्य चिकित्सकों को सूचना दी गई। सूचना पाकर सर्जन डा. अनिल बिरला व अन्य चिकित्सक एमरजैंसी में पहुंचे और घायलों का इलाज शुरू किया। वहीं घायलों के परिजन इलाज को लेकर कभी चिकित्सकों से उलझे तो कभी खुद ही उनकी तिमारदारी करते नजर आए।

सामान्य अस्पताल बना पुलिस छावनी

स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा घटना को गंभीरता से लेते हुए सामान्य अस्पताल में भारी संख्या में पुलिसबल को तैनात किया गया था। यहां तक की घायलों को पी.जी.आई.एम.एस. रोहतक रैफर करते समय पुलिस पी.सी.आर. को उनके साथ भेजा गया। वहीं घायल वजीर को उसका बेटा स्वयं ही अपनी बोलेरो गाड़ी से पी.जी.आई.एम.एस. रोहतक ले गया। 
 घायलों को रोहतक पी.जी.आई. ले जाते परिजन। 
पुलिसकर्मियों पर लगाए लापरवाही के आरोपइस मामले में सफीदों के डीएसपी वीरेंद्र सिंह का कहना है कि वह जांच करवाएंगे यदि इस मामले में पुलिस कर्मचारी कहीं दोषी मिले तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मामले की जानकारी देते डी.एस.पी. आदर्शदीप।

9 के खिलाफ मामला दर्ज 

रामसिंह गुट के लोगों ने पिल्लूखेड़ा थाना प्रभारी सुभाष तथा एस.आई. दिलबाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। दोनों पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ लिखित में जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस ने सरपंच सहित 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच में जो भी सच सामने आएगा पुलिस उसी के आधार पर कार्रवाई करेगी। किसी प्रकार की अनहोनी घटना न घटे इसके लिए कालवा गांव में दोनों परिवारों के घरों पर पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
आदर्शदीप, डी.एस.पी.
जींद 



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