अब दूरदर्शन में भी सुनाई देगा जींद के किसानों का जहरमुक्त खेती का संदेश
दूरदर्शन की टीम ने किसानों के अनुभव की रिकार्डिंग के कार्यक्रम को दिया फाइनल टच
नरेंद्र कुंडूजींद। जिले के किसानों द्वारा शुरू की गई जहरमुक्त खेती की मुहिम से देशभर के किसानों को रू-ब-रू करवाने के लिए कीटाचार्य किसानों के अनुभव को कैमरे में कैद करने के लिए जींद पहुंची दिल्ली दूरदर्शन की टीम ने राजपुरा भैण गांव के खेतों में जाकर कीटाचार्य किसानों के अनुभवों और क्रियाकलापों को शूट किया। इस दौरान किसानों ने दूरदर्शन की टीम को कपास की फसल में मौजूद मांसाहारी तथा शाकाहारी कीटों क्रियाकलाप भी दिखाए। जींद जिले के किसानों द्वारा शुरू की गई इस अनोखी मुहिम को देखकर दिल्ली दूरदर्शन की टीम भी इन किसानों की कायल हो गई। इस अवसर पर कृषि विभाग से सेवानिवृत्त एस.डी.ओ. राजपाल सुरा भी हांसी से किसानों की एक टीम के साथ यहां पहुंचे थे।
जींद जिले के किसानों द्वारा कीट ज्ञान के दम पर की जा रही जहरमुक्त खेती के चर्चे सुनकर दिल्ली दूरदर्शन की टीम प्रोड्यूशर श्रीकांत सैक्शेना के नेतृत्व में वीरवार को ललितखेड़ा गांव के खेतों में पहुंची। यहां पर टीम के सदस्यों ने महिलाओं से कीटों के बारे में विस्तार से चर्चा की और उनके क्रियाकलापों को कैमरे में कैद किया। इसके बाद टीम शनिवार को राजपुरा भैण गांव के खेतों में पहुंची और यहां कीटाचार्य किसानों से भी कीट ज्ञान पर चर्चा की। टीम के सदस्यों ने शनिवार देर सायं तक किसानों के क्रियाकलापों को सांझा करते हुए दर्जनभर से भी ज्यादा किसानों के अनुभवों को कैमरे में कैद किया। कीटाचार्य किसान रणबीर मलिक, मनबीर ईगराह, बलवान, ईंटलकलां के जयभगवान, रणधीर सिंह ने बताया कि वह पिछले 5 वर्षों से कीटनाशक रहित खेती कर रहे हैं। बिना कीटनाशकों का प्रयोग किए उनकी पैदावार उन किसानों से ज्यादा आ रही है, जो कीटनाशकों का
कीटों का बही खाता तैयार करते टीम के सदस्य। |
कीटाचार्य किसानों के अनुभव शूट करते दूरदर्शन की टीम के सदस्य। |
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