20 को जींद जिले में जुटेंगे प्रदेशभर के कृषि वैज्ञानिक

राज्य स्तरीय खेत दिवस में कीटों के शोध पर होगा गहन मंथन

नरेंद्र कुंडू 
जींद। जिला कृषि उप-निदेशक डा. रामप्रताप सिहाग ने कहा कि जींद जिले के किसानों ने थाली को जहरमुक्त करने की जो मुहिम शुरू की है उस मुहिम के साथ पूरे प्रदेश के किसानों को जोडऩे के लिए 20 फरवरी को जींद जिले के गांव ईगराह में राज्य स्तरीय किसान खेत दिवस का आयोजन किया जाएगा। हरियाणा के अलावा दूसरे प्रदेशों के कृषि वैज्ञानिक भी इस सम्मेलन में भाग लेंगे। कृषि विभाग तथा जींद जिले के किसानों की सहभागिता से होने वाला यह सम्मेलन प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर का पहला ऐसा अनोखा सम्मेलन होगा, जिसमें किसानों द्वारा कीटों पर किए गए शोध पर बड़े-बड़े कृषि वैज्ञानिक मंथन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में खाप पंचायतों की भी बड़ी भागीदारी रहेगी। प्रदेश के कृषि निदेशक डा. बृजेंद्र सिंह सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि तथा डी.सी. जींद राजीव रत्न विशिष्ठ अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे। डा. सिहाग सोमवार को शहर की अर्बन एस्टेट कालोनी में स्थित जाट धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। 
 डा. सिहाग ने कहा कि कृषि विभाग के ए.डी.ओ. डा. सुरेंद्र दलाल ने वर्ष 2008 में थाली को जहरमुक्त करने के लिए जींद जिले के निडाना गांव से जिस मुहिम की शुरूआत की थी आज उस मुहिम ने एक क्रांति का रूप धारण कर लिया है और कृषि विभाग भी उनकी इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए बराबर की भागीदारी दर्ज करवा रहा है। यहां के किसानों ने डा. सुरेंद्र दलाल के नेतृत्व में कीटों पर अनोखे शोध किए हैं। इसी की बदौलत आज यहां के किसानों को लगभग 206 किस्म के शाकाहारी तथा मांसाहारी कीटों की पहचान हो चुकी है। इनके प्रयोग को देखकर दूसरे जिलों के किसान भी इनसे कीट ज्ञान लेने के लिए समय-समय पर यहां आते हैं। 
जींद जिले के किसानों ने कीटों की पहचान कर फसलों में बिना किसी पेस्टीसाइड का प्रयोग किए रिकार्ड तोड़ उत्पादन प्राप्त किया है। डा. सिहाग ने कहा कि अब तो कृषि वैज्ञानिकों ने भी इन किसानों के इस शोध पर अपनी सहमति की मोहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि अब इस मुहिम से पूरे प्रदेश के किसानों को जोडऩे के लिए इस राज्य स्तरीय खेत पाठशाला के आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में यहां के कीट कमांडो किसान बाहर से आए किसानों के साथ अपने अनुभव सांझा करेंगे। इससे दूसरे जिलों के किसानों को भी उनकी इस मुहिम से जुडऩे का अवसर मिलेगा। बराह खाप के प्रधान कुलदीप ढांडा ने कहा कि डा. सुरेंद्र दलाल के निमंत्रण पर खाप पंचायतें भी पिछले 2 साल से इस मुहिम में शामिल होकर इन किसानों के इस शोध पर गहन मंथन कर रही हैं। अब तक 105 से ज्यादा खापों के प्रतिनिधि किसान पाठशालाओं में शामिल होकर इनकी इस मुहिम का बारिकी से निरीक्षण कर चुके हैं। इस सम्मेलन में खाप पंचायतें भी कृषि विभाग तथा इन किसानों के साथ मिलकर इस मिशन को आगे बढ़ाएंगी ताकि खाने की थाली को जहरमुक्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि यहां के किसान तो कपास के साथ-साथ सभी फसलों में इस प्रक्रिया को अपना चुके हैं। उन्होंने कृषि विभाग से इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की मांग की ताकि फसलों में अंधाधुंध प्रयोग हो रहे पेस्टीसाइड के कारण दूषित हो रहे खान-पान को दूषित होने से बचाया जा सके। इस मौके पर उनके साथ ए.डी.ओ. डा. कमल सैनी, राजपुरा भैण गांव के पूर्व सरपंच बलवान लोहान, डा. सुरेंद्र दलाल कीट साक्षरता कमेटी के प्रधान रणबीर मलिक, मनबीर रेढू आदि भी मौजूद थे। 
 पत्रकारों से बातचीत करते डी.डी.ए. डा. रामप्रताप सिहाग तथा बराह खाप प्रधान कुलदीप ढांडा।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए राजनीति में रखा कदम : धर्मपाल प्रजापत

किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बना ईगराह का मनबीर रेढ़ू

सेवा भारती संस्था समाज के सहयोग से नि:स्वार्थ भाव से कार्य करती है : डॉ. सुरेंद्र पाल