जहरीले पानी से मुक्ति दिलवाने की तैयारी

नहरी पानी मुहैया करवाने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग ने तैयार किया प्रारुप

पानी में बढ़ते फ्लोराइड व टीडीएस के कारण लिया फैसला 

नरेंद्र कुंडू
जींद। अंधाधुंध भूजल दोहन के कारण जहरीले हो रहे पेयजल से शहर के लोगों को मुक्ति दिलवाने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर के लोगों को नहरी पानी सप्लाई की योजना तैयार की जा रही है। शहर के लोगों को नहरी पानी मुहैया करवाने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर के बीचोंबीच से गुजर रही हांसी ब्रांच नहर के पास 106 एकड़ में बूस्टिंग स्टेशन तैयार किया जाएगा। योजना को अमल में लाने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसका प्रारूप तैयार किया जा रहा है। प्रारूप तैयार होते ही इसकी मंजूरी के लिए विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा। उच्चाधिकारियों से मंजूरी मिलते ही योजना पर अमल शुरू कर दिया जाएगा। शहर में नहरी पानी की सप्लाई शुरू होने पर शहर के लोगों को पानी में बढ़ रहे फ्लोराइड तथा टीडीएस से निजात मिल जाएगी। 
इस समय शहर की आधी से अधिक आबादी को पेयजल मुहैया करवाने का जिम्मा जन स्वास्थ्य विभाग के कंधों पर है। खुलेआम हो रही जल की बर्बादी तथा दिन-प्रतिदिन बढ़ती पानी की मांग के कारण हो रहे भूजल के दोहन के कारण भूमिगत पानी लगातार जहरीला हो रहा है। पानी में फ्लोराइड तथा टीडीएस की मात्रा बढऩे के कारण भूमिगत जल पीने लायक नहीं बचा है। इसी कारण लोगों में हड्डियों तथा जोड़ों की बीमारियां बढऩे के मामले भी लगातार सामने आने लगे हैं। पानी में बढ़ती फ्लोराइड तथा टीडीएस की मात्रा के कारण भविष्य में पेयजल से होने वाले खतरे को भांपते हुए अब जन स्वास्थ्य विभाग शहर के लोगों को इस जहरीले पानी से निजात दिलाने की कवायद में जुट गया है।  जन स्वास्थ्य विभाग अब शहर में नहरी पानी की सप्लाई की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए विभाग द्वारा शहर के बीचों-बीच से गुजर रही हांसी ब्रांच नहर के पास 106 एकड़ में बूस्टिंग स्टेशन तैयार किया जाएगा। बूस्टिंग स्टेशन से अंडर ग्राऊंड पाइप लाइन के माध्यम से शहर में पानी की सप्लाई की जाएगी। इसके लिए विभाग द्वारा प्रारूप तैयार किया जा रहा है। प्रारूप तैयार होते ही योजना को अमल में लाने के लिए विभाग ग्रांट की मंजूरी के लिए इसे उच्चाधिकारियों के पास भेजेगा। उच्चाधिकारियों से मंजूरी मिलते ही योजना पर अमल शुरू किया जाएगा। 

47 ट्यूब्वैल और 13 हजार कनैक्शन

जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर में पेयजल की सप्लाई के लिए 47 ट्यूब्वैल लगाए गए हैं। इस समय जन स्वास्थ्य विभाग के पास शहर में कुल 13 हजार कनैैक्शन हैं। इन 47 ट्यूब्वैल के सहारे शहर के दो लाख से अधिक लोगों को पानी की सप्लाई किया जा रहा है। खुलेआम पानी की बर्बादी तथा पानी की अधिक मांग के कारण भूमिगत पानी का अंधाधुंध दोहन हो रहा है। इससे जमीनी पानी में फ्लोराइड तथा टीडीएस की मात्रा बढ़ रही है और पानी पीने लायक नहीं बचा है।  

पेयजल में बढ़ते फ्लोराइड और टीडीएस से मिलेगी निजात

जमीनी पानी में फ्लोराइड तथा टीडीएस की मात्रा लगातार बढ़ रही है। इससे जमीनी पानी पीने योग्य नहीं बचा है। इसको देखते हुए जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर में नहरी पानी की सप्लाई शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। योजना के सिरे चढऩे के बाद शहर के लोगों को फ्लोराइड तथा टीडीएस से निजात मिलेगी। 

यह है पानी में फ्लोराइड व टीडीएस की मात्रा 

पानी में फ्लोराइड की मात्रा एक मिलीग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए। जबकि शहर में इसकी मात्रा चार से पांच मिलीग्राम प्रति लीटर है। शहर में पानी का टीडीएस भी ज्यादा है। 200 टीडीएस तक का पानी पीने लायक होता है। इससे अधिक टीडीएस के पानी से बीमारियां होने का खतरा बन जाता है। जबकि शहर के पानी में टीडीएस की मात्रा 500 से 800 से तक है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। 
जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय का फोटो।

बढ़ जाते हैं पेट व हड्डियों के रोग

सामान्य रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश भोला का कहना है कि पानी में फ्लोराइड तथा टीडीएस (टोटल डिजोलड सालट) की मात्रा बढऩे से पेट के रोग बढ़ जाते हैं। इससे पत्थरी तथा पेट में इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती हैं। यदि पानी में फ्लोराइड ज्यादा मात्रा में होता है तो इससे हड्डियों व दांतों के रोग भी हो जाते हैं। हड्डियां कमजोर होने के कारण जोड़ों के दर्द हो जाते हैं और दांत कमजोर तथा पीले पडऩे लगते हैं। पीने लायक पानी में टीडीएस की मात्रा 80 से 100 के बीच होती है। 

गोहाना बाइपास की तरफ की कालोनियों के हालात सबसे खतरनाक 

शहर के गोहाना बाइपास की तरफ की कालोनियों के हालात सबसे खतरनाक हैं। इस क्षेत्र में पानी में टीडीएस की मात्रा दो से ढाई हजार टीडीएस तक पहुंच चुकी है। जबकि 200 टीडीएस तक का पानी पीने लायक होता है। इससे यहां पर बीमारियों के ज्यादा फैलने का खतरा बन रहा है। 

पानी में फ्लोराइड तथा टीडीएस की मात्रा लगातार बढ़ रही है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। लोगों को इससे निजात दिलवाने के लिए विभाग द्वारा शहर में नहरी पानी की सप्लाई का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। प्रारूप तैयार होते ही इसकी मंजूरी के लिए विभाग के उच्चाधिकारियों के पास भेजा जाएगा। प्रारूप के अनुसार हांसी ब्रांच नहर के पास ही 106 एकड़ में बूस्टिंग स्टेशन तैयार करने की योजना है। 
दलबीर सिंह दलाल
एक्सईएन, जन स्वास्थ्य विभाग, जींद

हांसी ब्रांच नहर का फोटो, जिसके पास बूस्टिंग स्टेशन का निर्माण किया जाना है।





टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए राजनीति में रखा कदम : धर्मपाल प्रजापत

किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बना ईगराह का मनबीर रेढ़ू

सेवा भारती संस्था समाज के सहयोग से नि:स्वार्थ भाव से कार्य करती है : डॉ. सुरेंद्र पाल